खैरागढ़ कुआं कांड में बड़ा खुलासा: 13 साल की बड़ी बहन निकली हत्यारिन, कुएं में फेंककर भाई-बहन की ले ली जान
खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले में एक 13 साल की नाबलिग ने अपने ही भाई-बहन को कुएं में धकेलकर मौत के घाट उतार दिया है।
कुएं में फेंककर भाई-बहन की ले ली जान
प्रदीप बोरकर-खैरागढ़। छत्तीसगढ़ के खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले में एक 13 साल की नाबलिग ने अपने ही भाई-बहन को कुएं में धकेलकर मौत के घाट उतार दिया है। पुलिस ने इस मामले की कार्रवाई
करते हुए आरोपी नाबालिग को हिरासत में लेकर विधि अनुसार किशोर न्यायालय में पेश किया गया है।
मिली जानकारी के अनुसार, जिले के झूरानदी गांव में एक ही परिवार के दो नन्हें मासूमों के सोमवार को ग्रामीण ओमकार वर्मा के कुएं में शव को तैरते हुए देखा। 2 साल की राधिका और 4 साल का करण वर्मा के नहीं मिलने के बाद उनके परिजनों ने गुमशुदगी की रिपोर्ट थाना में दर्ज कराई थी, परन्तु कुछ घंटे के भीतर ही उनके शव मिल गए।
गांव में शोक की लहर
इधर, मौके पर पहुंचे पुलिस अफसरों ने इस मामले में हत्या के एंगल से भी जांच पड़ताल शुरु कर दी है। बताया गया कि संदिग्ध लोगों से पूछताछ का दौर शुरु हो गया है। बच्चों की तलाश में संदेह के आधार पर झूरानदी के कुंआ में बच्चों को खोजा गया। बताया गया कि इसके लिए पहले कुंआ के पानी को बाहर निकाला गया। तत्पश्चात गोताखोर कुंआ में उतरे। कुंआ में दो मासूम का शव मिलने से ग्रामीणों के बीच सनसनी एवं शोक की लहर व्याप्त हो गई थी। पुलिस के अनुसार मासूमों का नाम करण वर्मा 4 वर्ष एवं राधिका वर्मा डेढ वर्ष पिता गजानंद वर्मा है।
पुलिस को परिजनों ने दी सूचना
पुलिस सूत्रों के मुताबिकए खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले में छुईखदान थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम झूरानदी में वर्मा परिवार के बच्चे घर के सामने अन्य बच्चों के साथ खेल रहे थे। इस दौरान अचानक दो बच्चे लापता हो गए। बच्चों के परिजनों को जब बच्चे नहीं दिखे तो वे आसपास पतासाजी किए, जब वे नहीं मिले, तब इसकी सूचना पुलिस को दी। दो मासूम बच्चों के लापता होने की सूचना पर पुलिस तत्काल गांव में पहुंचकर जांच पड़ताल एवं लोगों से पूछताछ शुरू की।
बदले की भावना ने 13 नाबालिग को बनाया हत्यारा
गांव के कुंआ में एक साथ एक ही परिवार के दो बच्चों का शव मिलने के मामले को लेकर पुलिस गंभीरता से इस पूरे मामले की जांच पड़ताल एवं लोगों से पूछताछ में जुट गई है। पूछताछ के दौरान शक की सुई गांव के ही एक 13 वर्षीय नाबालिग बच्ची पर जाकर रूकी। बताया जा रहा है कि, दोनों परिवारों के बीच कुछ समय से पारिवारिक विवाद चल आ रहा था और इसी तनाव की जमीन पर खड़ा हुआ यह खौफनाक अंत, जिसने नाबालिग को हत्यारिन बना दिया। पुलिस पूछताछ में नाबलिग ने चौंकाने वाला खुलासा किया। उसने बताया कि, रिश्ते का भाई उसे चोर-चोर कहकर चिढ़ाता था। इसी गुस्से और बदले की भावना में उसने दोनों मासूमों को बाड़ी के कुएं में धक्का दे दिया।
गांव में लोग सदमे में हैं
किसी ने कल्पना भी नहीं की थी कि किशोर उम्र की बच्ची इतनी बड़ी वारदात को अंजाम दे सकती है। पुलिस ने आरोपी नाबालिग को हिरासत में लेकर विधि अनुसार किशोर न्यायालय में पेश किया गया। खैरागढ़ पुलिस की कार्रवाई और पूछताछ के चलते इस जघन्य दोहरे हत्याकांड से महज 12 घंटे में पर्दा हट गया। गांव में अब भी सनसनाहट है, और लोग एक ही सवाल पूछ रहे ह क्या गुस्से की एक चिंगारी इतनी बड़ी त्रासदी बन सकती है?