उल्लास नवभारत साक्षरता अभियान: BRC भवन में हुआ द्वितीय चरण स्वयंसेवी शिक्षकों का प्रशिक्षण
बेमेतरा जिले में नवभारत साक्षरता कार्यक्रम के तहत स्वयंसेवी शिक्षकों का द्वितीय चरण प्रशिक्षण आयोजित किया गया।
उल्लास नवभारत साक्षरता अभियान
बेमेतरा। नवभारत साक्षरता कार्यक्रम के तहत बेमेतरा जिला लगातार जागरूकता और प्रशिक्षण की दिशा में सकरात्मक कदम बढ़ा रहा है। इसी कड़ी में बीआरसी भवन बेमेतरा में स्वयंसेवी शिक्षकों के दूसरे चरण के प्रशिक्षण कार्यक्रम का सफल आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य आगामी 7 दिसंबर 2025 को प्रस्तावित बुनियादी साक्षरता और संख्यात्मक आकलन परीक्षा के लिए असाक्षर नागरिकों को प्रभावी रूप से तैयार करना है, ताकि भारत सरकार के शत-प्रतिशत साक्षरता के लक्ष्य को साकार किया जा सके।
कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती की पूजा-अर्चना के साथ हुई। जिसमें जिला नोडल अधिकारी खोमलाल साहू बीआरसी राजेंद्र कुमार साहू, शैक्षिक समन्वयक नीलकंठ शिवारे, अब्दुल इमरान खान, सुखनंदन अनंत, सुनीता साहू, रजनी देवांगन, तथा मास्टर ट्रेनर्स ईश्वरी प्रसाद घृतलहरे और सुकन्या राजपूत की विशेष उपस्थिति रही। सरस्वती वंदना मास्टर ट्रेनर ईश्वरी प्रसाद घृतलहरे द्वारा प्रस्तुत की गई।
नवभारत साक्षरता कार्यक्रम के महत्व को समझाया गया
बीआरसी राजेंद्र कुमार साहू ने प्रशिक्षणार्थियों को आवश्यक दिशानिर्देश देते हुए ‘उल्लास साक्षरता कार्यक्रम’ के उद्देश्य और संरचना पर विस्तृत जानकारी दी। इसके बाद नोडल अधिकारी खोमलाल साहू ने नवभारत साक्षरता कार्यक्रम के महत्व को समझाते हुए असाक्षरों को तैयार करने की प्रक्रिया पर जोर दिया।प्रशिक्षण सत्र में सर्वप्रथम स्वयंसेवी शिक्षकों का पंजीयन किया गया। इसके बाद मास्टर ट्रेनर सुकन्या राजपूत ने विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से यह बताया कि, असाक्षरों को पढ़ाने की सरल विधि क्या होनी चाहिए, उन्हें कैसे प्रेरित करना है और शिक्षा क्यों आवश्यक है।
हिंदी और गणित की आसान शिक्षण विधियों को समझाया
इसके उपरांत दोबारा शुरू हुए सत्र में मास्टर ट्रेनर ईश्वरी प्रसाद घृतलहरे ने TLM (शैक्षिक सामग्री) का उपयोग कर हिंदी और गणित की आसान शिक्षण विधियों को समझाया। ग्रामीणों से संवाद, उनके स्तर को समझना, सहज भाषा का उपयोग और विश्वास जीतने जैसी महत्वपूर्ण तकनीकों पर भी विशेष ध्यान दिया गया।
सफलतापूर्वक संपन्न हुआ कार्यक्रम
असाक्षरों के लिए तैयार की गई पुस्तकों की सरल भाषा, सहज गतिविधियाँ और ‘उल्लास ताली’ जैसे प्रेरक तरीकों के माध्यम से प्रशिक्षण को और अधिक रोचक बनाया गया। यह कार्यक्रम राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत सभी के लिए अनिवार्य शिक्षा के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। अंत में उत्साह और सकारात्मक ऊर्जा के साथ स्वयंसेवी शिक्षकों का द्वितीय चरण प्रशिक्षण सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।