सुबह मुर्गा खाकर तालाब में घुस गया मगरमच्छ: वन विभाग की दो दिन के प्रयास विफल

बसतर जिले के तोकापाल स्थित एक मछली पालन वाले तालाब में मगरमच्छ ढूंढने के लिए दो दिन से अधिकारी-कर्मचारी रेस्क्यू कर रहे हैं, पर अभी तक मगरमच्छ छुपा बैठा है।

Updated On 2025-09-03 09:18:00 IST

तालाब किनारे बैठा हुआ मगरमच्छ 

जगदलपुर। बस्तर जिले के तोकापाल बाजारपारा स्थित 30 एकड़ के तालाब में पांच दिन पूर्व निकट ही स्थित कोयर नाला में बाढ़ होने से मगरमच्छ पहुंचा, जो 5 दिनों से उसी तालाब में रह रहा है, हालांकि इससे कोई जनहानि नहीं हुई। फिर भी सीसीएफ आरसी दुग्गा, वन मंडलाधिकारी उत्तम कुमार गुप्ता के निर्देश पर चित्रकोट के उप वन मंडलाधिकारी योगेश कुमार रात्रे के नेतृत्व में डिप्टी रेंजर आरके मिश्रा के साथ बस्तर एवं दंतेवाड़ा जिले की 12 अधिकारी-कर्मचारी सोमवार की दोपहर से तालाब में रेस्क्यू कर रहे हैं।

इसमें वन विभाग ने तालाब में 200 मीटर पिंजड़ा एवं वोट लेकर तैनात हैं, टीम ने सोमवार को तालाब किनारे मगरमच्छ को चारा देने के लिए मुर्गा काटकर रखा गया था। मगरमच्छ ने मंगलवार की सुबह लगभग 4 बजे तालाब से निकलकर बाहर निकला और मुर्गा खाकर वापस तालाब में घुस गया। टीम ने तालाब का वीडियो बनाया, जिसमें स्पष्ट दिख रहा कि मगरमच्छ तैर रहा है। मंगलवार की शाम तक मगरमच्छ तालाब से नहीं निकला। हालांकि वन विभाग ने शुक्रवार से आसपास मुनादी किया है कि लोग तालाब के पास नहीं पहुंचे। तालाब में नहाने की मनाही है। 


मछली बीज का हो रहा नुकसान
बताया जा रहा है कि तोकापाल निवासी सुमीत तिवारी ने इस तालाब में मछली पालन के लिए मछली बीज डाला है। जिसमें मछली के बीज को मगरमच्छ के खा दिए जाने से सुमीत को आर्थिक नुकसान होने की संभावना है।

तालाब में तैनात वन कर्मी
चित्रकोट उप वन मंडलाधिकारी योगेश कुमार रात्रे ने बताया कि तालाब में वन कर्मियों को तैनात किया गया। साथ ही मगरमच्छ को पकड़ने के लिए तालाब में दो दिन रेस्क्यू किया गया है, शीघ्र ही मगरमच्छ मिलेगा।

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