Purnia Seats Result 2025: सीमांचल में NDA का चला जादू, AIMIM ने 2 सीटों पर मारी बाजी
Bihar Election 2025: बिहार के पूर्णिया में न ही राहुल गांधी का जादू चला और न ही तेजस्वी यादव को। हालांकि एनडीए को 5 सीटों पर और AIMIM को 2 सीट पर जीत मिली है।
पूर्णिया में एनडीए और एआईएमआईएम की जीत।
Purnia Seats Result 2025: सीमांचली की हृदयस्थली पूर्णिया में एनडीए का जादू चला है। वहीं दूसरे नंबर पर एआईएमआईएम ने भी अपने 2020 के चुनाव परिणाम को बरकरार रखा। कुल 7 विधानसभा क्षेत्रों में से 5 सीटों पर एनडीए को जीत मिली है, तो वहीं 2 सीटों पर AIMIM का जलवा कायम है। यहां पर महागठबंधन को एक भी सीट नहीं मिली या यूं कहें कि उनका सूपड़ा पूर्णियां से साफ हो चुका है। हैरानी की बात ये है कि पप्पू यादव को सीमांचल में कांग्रेस का संकटमोचक माना जा रहा था, जो गलत साबित हुआ।
सीमांचल तो छोड़िए, कांग्रेस के चार प्रत्याशी मिलकर पूर्णिया में एक भी सीट नहीं जीत पाए। राहुल गांधी और तेजस्वी का वोट चोरी का आरोप भी काम नहीं किया। पप्पू यादव से भी ज्यादा खराब हाल पूर्णिया के पूर्व सांसद जनसुराज के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय सिंह उर्फ पप्पू सिंह की रही। वे अपने गृह जिले में जनसुराज प्रत्याशियों की जमानत तक नहीं बचा पाए। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या महागठबन्धन ने AIMIM के साथ समझौता न करके कोई बड़ी गलती कर दी है? क्या सांसद पप्पू यादव की लोकप्रियता का ग्राफ गिर रहा है? क्या जनसुराज के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय सिंह की राजनीति खत्म हो गई है?
कांग्रेस को करारी हार का करना पड़ा सामना
वैसे तो पूरे बिहार चुनाव में कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा है। इसी तरह पूर्णिया में भी कांग्रेस को जबरदस्त राजनीतिक नुकसान हुआ। 2020 चुनाव में जिले के कसबा सीट पर कांग्रेस के आफाक आलम ने जीत दर्ज की थी। इस बार उन्हें टिकट नहीं दी गई, तो वे निर्दलीय मैदान में उतर गए। कांग्रेस ने पप्पू यादव के समर्थक माने जाने वाले मो. इरफान को टिकट दी लेकिन वे एलजेपी प्रत्याशी नितेश सिंह के सामने ढेर हो गए। इस तरह कांग्रेस ने अपनी कुछ जीती हुई, सीटों पर हार दर्ज की। इसके अलावा कांग्रेस ने पूर्णिया सदर, अमौर और बनमनखी (सु) सीट पर भी अपने उम्मीदवारों को उतारा लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
उम्मीदवार बदलने के बावजूद राजद को शिकस्त
राष्ट्रीय जनता दल ने 2020 में हुए विधानसभा चुनाव में भी कोई सीट नहीं जीती थी। इस सीट पर उम्मीदवार बदल दिए गए, जिसके बावजूद बावजूद राजद उम्मीदवारों को हार का सामना करना पड़ा। इस तरह पूर्णिया में राष्ट्रीय जनता दल का खाता नहीं खुल सका। बायसी, धमदाहा और रुपौली में उनके उम्मीदवारों को करारी हार का सामना करना पड़ा।
5 सीटों पर NDA की ऐतिहासिक जीत
NDA ने 5 सीटों पर जीत दर्ज की है। खास बात ये है कि एनडीए ने अपनी जीती हुई 3 सीटों पर कब्जा बरकरार रखा। साथ ही कांग्रेस और निर्दलीय से एक-एक सीट छीन ली। जेडीयू की लेशी सिंह ने धमदाहा विधानसभा सीट पर एक बार पिर जीत दर्ज की। इसके अलावा भाजपा के कृष्ण कुमार ऋषि ने बनमनखी (सु) और विजय खेमका ने पूर्णिया सदर सीट पर एक बार फिर जीत दर्ज की है। वहीं लोजपा के नितेश सिंह ने कांग्रेस से कसबा को जीता है। साथ ही जेडीयू के कलाधर मंडल ने निर्दलीय से रुपौली सीट पर जीत हासिल की है।
AIMIM को इन दो सीटों पर मिली जीत
बता दें कि पूर्णिया के अल्पसंख्यक बाहुल्य अमौर और बायसी सीट पर असदुद्दीन ओवैसी और AIMIM को जीत मिली। हां मुस्लिम मतदाताओं ने राजद और कांग्रेस की तुलना में AIMIM को जिताया। अमौर में कांग्रेस और बायसी में राजद प्रत्याशी को AIMIM उम्मीदवारों से शिकस्त मिली है।