Priya saroj: कौन हैं प्रिया सरोज? जिनसे क्रिकेटर रिंकू ने की सगाई, सियासत में आने से पहले सुप्रीम कोर्ट में करतीं थी प्रैक्टिस
Priya saroj: भारतीय क्रिकेटर रिंकू सिंह ने रविवार को लखनऊ में एक निजी कार्यक्रम में समाजवादी पार्टी की सांसद प्रिया सरोज से सगाई कर ली। सियासत में आने से पहले प्रिया सुप्रीम कोर्ट में वकालत करतीं थीं।
priya saroj rinku singh engagement: रिंकू सिंह से सगाई करने वाली प्रिया सरोज कौन हैं।
Priya saroj: भारतीय क्रिकेटर रिंकू सिंह और उत्तर प्रदेश के मछलीशहर से समाजवादी पार्टी की सांसद प्रिया सरोज ने रविवार को सगाई कर ली। रिंकू-प्रिया की सगाई सेरेमनी लखनऊ के द सेंट्रम होटल में हुई। इस रिंग सेरेमनी में दोनों परिवार के लोगों के अलावा राजनीति, क्रिकेट के दिग्गज भी शामिल हुए। सियासत में आने से पहले प्रिया क्या करतीं थीं और उन्होंने कहां से पढ़ाई की है। उनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि क्या है। आइए इसके बारे में जानते हैं।
25 साल की उम्र में प्रिया सरोज ने उत्तर प्रदेश के मछलीशहर निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हुए भारत के सबसे युवा सांसदों में से एक के रूप में अपना नाम बनाया। उनके पिता तूफानी सरोज सिंह उत्तर प्रदेश से 3 बार सांसद रह चुके हैं और वर्तमान में विधायक हैं। प्रिया सरोज ने साल 2024 में पहली बार मछलीशहर लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा था और उन्होंने भाजपा के बीपी सरोज को 35 हजार से अधिक वोटों से हराया था। प्रिया 2024 लोकसभा चुनाव में सबसे कम उम्र में संसद पहुंचने वाली दूसरी सांसद थीं।
समाजवादी पार्टी की सांसद और क्रिकेटर रिंकू सिंह की होने वाली दुल्हनिया प्रिया सरोज ने LLB किया है। उन्होंने एमिटी यूनिवर्सिटी से साल 2022 में एलएलबी की डिग्री पूरी की थी और उसके बाद सुप्रीम कोर्ट में भी वकालत की थी। एमिटी यूनिवर्सिटी से LLB पूरी करने से पहले उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया था। वहीं, प्रिया ने अपनी 12वीं तक की एजुकेशन दिल्ली के एयरफोर्स गोल्डन जुबली इंस्टीट्यूट से हुई है।
रिंकू सिंह के साथ प्रिया सरोज का रिश्ता आपसी सम्मान और दोस्ती पर आधारित है, जो पिछले एक साल में धीरे-धीरे पनपा। पीटीआई के हवाले से तुफानी सरोज ने बताया,'रिंकू और प्रिया एक-दूसरे को एक साल से भी ज़्यादा समय से जानते हैं। वे दोनों एक-दूसरे को पसंद करते थे, लेकिन रिश्ते के लिए उन्हें अपने परिवारों की सहमति की ज़रूरत थी। दोनों परिवारों की रजामंदी के बाद शादी की बात पक्की हुई।