Shamar Joseph: प्लास्टिक की बोतल से बनाई गेंद से की प्रैक्टिस, सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी की, अब गाबा में तोड़ा ऑस्ट्रेलिया का घमंड

Who is Shamar Joseph: वेस्टइंडीज के तेज गेंदबाज शमर जोसेफ ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ब्रिसबेन टेस्ट की दूसरी पारी में 7 विकेट लेकर टीम की जीत में अहम रोल निभाया। क्रिकेटर बनने के लिए उन्होंने सिक्योरिटी गार्ड तक की नौकरी की थी।

Updated On 2024-01-28 14:12:00 IST
कौन हैं शमर जोसेफ जिसने वेस्टइंडीज को 27 साल बाद ऑस्ट्रेलिया में दिलाई टेस्ट जीत।

Who is Shamar Joseph: जिस टीम को जीत तो दूर मैच ड्रॉ कराने के लायक भी नहीं माना गया था, उसने ऑस्ट्रेलिया को उसी के घर में हराकर इतिहास रच दिया है। यहां बात हो रही है क्रेग ब्रैथवेट की अगुआई वाली वेस्टइंडीज टीम की, जिसने ऑस्ट्रेलिया को ब्रिसबेन के गाबा मैदान में खेले गए दूसरे टेस्ट में 8 रन से हराकर तहलका मचा दिया है।

भारत के बाद वेस्टइंडीज दूसरा देश है, जिसने 1988 के बाद गाबा में ऑस्ट्रेलिया को हराने का कारनामा किया है। भारत ने 2021 में गाबा में ऑस्ट्रेलिया का घमंड तोड़ा था। 

वेस्टइंडीज को इस ऐतिहासिक जीत दिलाने में 24 साल के तेज गेंदबाज शमर जोसेफ का सबसे बड़ा हाथ है। जोसेफ को एक दिन पहले अंगूठे में ऐसी चोट लगी थी कि वो एक कदम भी नहीं चल पा रहे थे। लेकिन, अपने देश के लिए वो ब्रिसबेन टेस्ट के चौथे दिन यानी रविवार को गेंदबाजी के लिए उतरे और दो घंटे के भीतर ही ऑस्ट्रेलिया को घुटने पर ला दिया और वेस्टइंडीज की आलोचना करने वाले तमाम लोगों के मुंह पर ताले जड़ दिए। 

घायल शेर की तरह ऑस्ट्रेलिया पर टूटे जोसेफ
शमार जोसेफ ने जख्मी अंगूठे के साथ लगातार 12 ओवर गेंदबाजी की और ऑस्ट्रेलिया के 7 विकेट झटके। आखिरी विकेट भी उनकी झोली में ही आया। शमर ने इसी सीरीज के पहले टेस्ट से ही डेब्यू किया था और उस मुकाबले में भी अर्धशतक ठोक ये जता दिया था कि वो लंबी रेस के घोड़े साबित होंगे और गाबा में 68 रन देकर 7 विकेट लेने इसका एक और सबूत है। हालांकि, शमर के लिए वेस्टइंडीज टीम तक पहुंचने का सफर संघर्षों भरा रहा है। 

शमर का गांव चारों तरफ पानी से घिरा है
शमर जोसेफ गुयाना से आते हैं। एक हफ्ते पहले तक उनके गांव को कोई नहीं जानता था। लेकिन, अब उनके गांव के चर्चे पूरी दुनिया में हो रहे। उनके गांव तक पहुंचना भी किसी चुनौती को पार करने से कम नहीं है क्योंकि ये पानी से घिरा हुआ है और उनके गांव से नजदीकी शहर न्यू एम्सटर्डम करीब 2 घंटे की दूरी पर है। 

इतने मुश्किल हालात होने के बाद भी शमर वेस्टइंडीज की टीम में पहुंचे तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि उन्होंने यहां तक पहुंचने के लिए क्या कुछ झेला होगा। 

पेट पालने के लिए सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी की
तीन साल पहले तक अपना पेट भरने के लिए शमर जोसेफ सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करते थे। आज भले ही उन्होंने गाबा में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ कहर बरपाया है। लेकिन, एक दौर ऐसा भी था, जब उनके पास गेंदबाजी की प्रैक्टिस करने के लिए क्रिकेट बॉल तक नहीं थी। तब वो फल और प्लास्टिक बोतल को पिघलाकर उससे गेंद बनाते थे और फिर खेलते थे। पारंपरिक ईसाई परिवार होने की वजह से शमर को क्रिकेट खेलने की इजाजत नहीं दी। 

खासतौर पर शनिवार और रविवार को परिवार उन्हें क्रिकेट नहीं खेलने देता था। परिवार ने ये दो दिन चर्च में प्रार्थना के लिए तय कर रखे थे। इसी वजह से शमर जोसेफ कभी यूथ क्रिकेट नहीं खेल पाए क्योंकि उनके माता-पिता ने कभी इसकी इजाजत नहीं दी। 

फल-प्लास्टिक बोतल से गेंद बनाकर बॉलिंग की
इसके बावजूद अपने जज्बे और जुनून के दम पर वो खेलते रहे। शुरुआत में उन्होंने टेनिस बॉल से गेंदबाजी की। अपनी पेस और सटीक लाइन लेंथ के कारण वो लोगों के निगाहों में आए और उनकी किस्मत तब पलटी, जब उनको गुयाना की तरफ से फर्स्ट क्लास क्रिकेट खेलने का मौका मिला।

गुयाना की तरफ से खेलते हुए उन्होंने अपनी रफ्तार से खूब सुर्खियां बटोरीं। इसके बाद उन्हें 2023 में कैरेबियन प्रीमियर लीग में नेट बॉलर के तौर पर जगह मिली। इसके बाद उन्हें गुयाना अमेजन वॉरियर्स टीम में मौका मिला। इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। 

शमर जोसेफ ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मौजूदा सीरीज के पहले टेस्ट में डेब्यू किया था और अपनी पहली ही गेंद पर स्टीव स्मिथ जैसे धाकड़ बल्लेबाज को आउट कर दिया था। उन्होंने डेब्यू टेस्ट में 5 विकेट लेने के साथ फिफ्टी भी ठोकी थी। इसी सिलसिले को उन्होंने गाबा में भी बरकरार रखा और ऑस्ट्रेलिया को चारों खाने चित करने में अहम रोल निभाया। 

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