Guru Purnima 2024: रोहित और पंत ने लिया इन गुरुओं से ज्ञान, बताया कैसे मिली सफलत4

गुरु पुर्णिमा 2024: गुरु पुर्णिमा पर्व पर हर शिष्य अपने गुरु को पूजता है। आज के दिन हर शिष्य गुरु से जीवन में सफल होने का ज्ञान लेता हैं। टीम इंडिया के खिलाड़ियों ने बताया कि कैसे गुरु से मिली सीख से उन्हें सफलता मिली।

Updated On 2024-07-21 14:41:00 IST
रोहित शर्मा और ऋषभ पंत के गुरु।

Rohit Sharma and Rishabh Pant On Guru Purnima: भारत वर्ष में गुरु पुर्णिमा का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस दिन हर शिष्य अपने गुरु को पूजता है, उससे आगे के जीवन की दिशा का ज्ञान लेता है और सफल होने के लिए आशीर्वाद लेता है। गुरु पुर्णिमा पर भारत के दो खिलाड़ियों ने अपने गुरुओं को याद किया। भारत के कप्तान रोहित शर्मा और विकेटकीपर ऋषभ पंत ने अपने गुरुओं की हर खास बात बताई। दोनों ने बताया कि कैसे उन्हें जीवन और खेल में गुरु के ज्ञान से सफलता मिली। 

रोहित के लिए राहुल द्रविड लकी, बताया कैसे बन गए रोल मॉडल 
मैंने आयरलैंड के खिलाफ टीम इंडिया में डेब्यू किया था, तब राहुल द्रविड टीम के कप्तान थे। जब मैंने उन्हें पहली बार खेलते हुए देखा तो वह हम सबके लिए बड़े रोल मॉडल बन गए। उन्हें एक खिलाड़ी के तौर पर काफी कुछ हासिल किया। इसके साथ ही उन्होंने टीम के लिए बहुत कुछ किया है। उन्होंने बल्लेबाजी करते हुए टीम को कई मौकों पर मुश्किल समय से बाहर निकाला। उनके करियर में एक ठहराव रहा। जब वह कोच बनकर टीम इंडिया में आए। मुझे उनसे काफी कुछ सीखने को मिला। मुझे उनके साथ काम करने में काफी आनंद आया। उनके फैसलों से हमारे खेल में बहुत परिवर्तन आया।  

ऋषभ पंत के गुरू 'धोनी भैय्या' 
सिर्फ ऑन द फील्ड ही नहीं ऑफ द फील्ड भी, मुझे अगर कोई प्राब्लम होता है तो मैं भैय्या के पास जाता और अपनी समस्या का समाधान पूछता हूं। वो ऐसे हैं जो आपको अपने फैसले लेने देते हैं। वह चाहते हैं कि आप, खुद से सीखिए। धोनी भैय्या कहते हैं कि जो मैंने बता दिया, वही सही नहीं, तुम खुद से भी फैसले लो। वह हर काम के दोनों तरीके बता देते हैं, आपको जो पसंद हो, उसे अपना लो। धोनी भैय्या से बहुत कुछ सीखा हूं, उसने काफी कुछ सीखा जा सकता है। ऋषभ ने कहा कि धोनी भैय्या से पहले भारत अच्छे विकेटकीपर की कमी से जूझ रहा था, लेकिन उनके आने के बाद उन्होंने विकेटकीपिंग की परिभाषा ही बदल दी है। मैंने विकेटकीपिंग में भी उनसे बहुत सीखा है। ऋषभ ने कहा कि जब मैं 18 साल की उम्र में टीम इंडिया में गया तो मुझे कभी ऐसा फील नहीं हुआ कि मैं जूनियर हूं और वो सीनियर हैं। वह बहुत प्यार से रखते हैं। 

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