Paris Olympic 2024: इस बार आए सिर्फ 6 पदक, भारत ने अगर इन 3 खेलों में कर ली मेहनत तो होगी मेडल की बारिश!
Paris Olympic 2024: पेरिस ओलिंपिक में भारत की लगभग सभी उम्मीदें खत्म हो चुकी हैं। बेहतरीन प्रदर्शन के बावजूद देश को ही 6 मेडल मिल सके।
Paris Olympic 2024: भारत ने पिछले कुछ वर्षों में खेलों में उल्लेखनीय प्रगति की है। ओलंपिक में पदक जीतने का सपना अब सिर्फ एक सपना नहीं रहा है, बल्कि एक लक्ष्य बन गया है। इस बार दस प्लस मेडल का टारगेट था, लेकिन सिर्फ 6 मेडल आए हैं। ऐसे में सवाल यह है कि भारत कब 10-15 पदक जीतने का लक्ष्य हासिल कर पाएगा? खेल विशेषज्ञों का मानना है कि अगर भारत तीन खास खेलों पर ध्यान केंद्रित करे तो यह लक्ष्य जल्द ही हासिल किया जा सकता है.
कौन से हैं ये तीन खेल?
1. रेसलिंग- भारत की कुश्ती में गहरी जड़ें हैं और इस खेल में हमारे पास काफी प्रतिभा है। अगर कुश्ती में निवेश बढ़ाया जाए और युवाओं को बेहतर प्रशिक्षण दिया जाए तो हम इस खेल में कई पदक जीत सकते हैं। ओलिंपिक में रेसलिंग के 72 मेडल दांव पर होते हैं, जिनमें 18 गोल्ड, 18 सिल्वर और 36 ब्रॉन्ज शामिल हैं। अगर रेसलर्स मेहनत करें तो 10 प्लस मेडल तो इसी खेल में आ सकते हैं।
2. बॉक्सिंग- मुक्केबाजी में भी भारत की अच्छी प्रतिभा है। विजेंदर सिंह और मैरी कॉम जैसी प्रतिभाओं ने हमें दिखा दिया है कि हम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मुकाबला कर सकते हैं। बॉक्सिंग में 52 मेडल दांव पर होते हैं, जिनमें 13 गोल्ड, 13 सिल्वर और 26 ब्रॉन्ज मेडल शामिल हैं।
3. शूटिंग- शूटिंग में भारत का प्रदर्शन हमेशा अच्छा रहा है। इस खेल में भी अगर निवेश बढ़ाया जाए तो हम कई पदक जीत सकते हैं। इस बार भी देश को सबसे ज्यादा 3 मेडल शूटर्स ने ही दिलाए। ओलिंपिक में इस खेल 57 मेडल दांव पर होते हैं, जिनमें 19 गोल्ड, 19 सिल्वर और 19 ही ब्रॉन्ज भी शामिल हैं।
इन खेलों में क्यों है इतनी संभावना?
प्रतिभा- इन खेलों में भारत के पास काफी प्रतिभा है।
लोकप्रियता- ये खेल भारत में काफी लोकप्रिय हैं।
सरकारी समर्थन- सरकार इन खेलों को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं चला रही है।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सफलता- इन खेलों में भारतीय खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सफलता हासिल कर चुके हैं।
क्या हैं चुनौतियां?
बुनियादी ढांचा- भारत में अभी भी कई खेलों के लिए बुनियादी ढांचे की कमी है।
कोचिंग- हमें कुशल कोचों की आवश्यकता है जो खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए तैयार कर सकें।
वित्तीय संसाधन- खेलों में निवेश बढ़ाने की आवश्यकता है।