Shivam Dube: शिवम दुबे को अब बाउंसर से क्यों नहीं डर लगता? कैसे टीम इंडिया का 'खली' अब मचा रहा खलबली
Shivam Dube Batting: शिवम दुबे आईपीएल 2024 में अच्छी बल्लेबाजी कर रहे। उन्होंने गुजरात टाइटंस के खिलाफ तूफानी फिफ्टी ठोकी थी। शॉर्ट गेंद जो कभी उनकी कमजोरी थी, अब उसपर भी वो छक्के लगा रहे। जानिए कैसे।
नई दिल्ली। आईपीएल 2024 में मंगलवार को चेन्नई सुपर किंग्स की टक्कर गुजरात टाइटंस से हुई। चेन्नई के लिए शिवम दुबे ने 23 गेंद में 51 रन ठोके। शिवम की इस पारी में चौके से अधिक छक्के थे। शिवम ने शॉर्ट गेंदों को भी आसानी से हवाई सैर कराई। इसका नमूना उन्होंने अपनी पारी की 14वीं गेंद पर दिखाया। स्पेन्सर जॉनसन की ये गेंद बाउंसर थी, जो तेजी से शिवम के कंधे पर आई। लेकिन, शिवम ने बड़ी आसानी से इस गेंद पर डीप फाइन लेग बाउंड्री के ऊपर से छक्का जड़ दिया।
ऐसे बैटर जिसके लिए शॉर्ट गेंद कमजोरी थी। अक्सर ऐसी गेंदों पर शिवम विकेट गंवा बैठते थे। आखिर चेन्नई सुपर किंग्स में आते ही ऐसा क्या हुआ कि टीम इंडिया के खली का खेल बदल गया। गुजरात के खिलाफ तूफानी फिफ्टी ठोकने के बाद शिवम ने भी कहा कि मुझे पता था कि गुजरात के तेज गेंदबाज मेरे खिलाफ शॉर्ट गेंद का इस्तेमाल करेंगे और आज मैं इसके लिए तैयार था। उन्होंने अपनी पारी के दौरान 6 शॉर्ट पिच गेंदों का सामना किया और किसी भी गेंद को खेलते वक्त वो असहज नजर नहीं आए।
SHIVAM DUBE, THE MADMAN vs SPINNERS. 🔥⭐pic.twitter.com/9COIB1TgPX
— Johns. (@CricCrazyJohns) March 26, 2024
सीएसके के आते में ही शिवम का बल्ला बोल रहा
इस आईपीएल में हर ओवर में दो बाउंसर का नियम लागू है। इसके बावजूद शिवम दुबे उन गिने-चुने बल्लेबाजों में शामिल हैं, जिन्हें तेज गेंदबाजों का सामना करने में कोई दिक्कत नहीं हो रही। ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि वो अब बाउंसर को खेलना सीख गए हैं। दरअसल, शिवम अब पुल और हुक शॉट खेलते समय अपनी कलाईयों का बेहतर इस्तेमाल कर रहे हैं, जिससे उन्हें शॉट खेलते वक्त गेंद को नीचे रखने में मदद मिल रही। दूसरी बात ये है कि उन्होंने अपना स्टांस कुछ इस तरह से किया है कि वो क्रीज में गहरे खड़े हो रहे और अपनी लंबाई का फायदा उठाकर गेंद को हवाई सैर करा रहे। जैसा कि उन्होंने स्पेन्सर की गेंद पर किया था।
चेन्नई के बैटिंग कोच माइक हसी ने कहा,"अगर आप एक या दो साल पीछे जाएंगे, जो आप देखेंगे कि शिवम दुबे के खिलाफ गेंदबाज शॉर्ट गेंद का खूब इस्तेमाल करते थे। शिवम भी या तो गेंद को डक करते थे या डिफेंसिव होकर खेलते थे। अभी भी गेंदबाज उसी प्लान के साथ शिवम को बॉलिंग कर रहे। लेकिन, अब वो रन बना रहे हैं और आसानी से बाउंड्री हासिल कर रहे। इससे पता चलता है कि उन्होंने इन सालों में कितनी मेहनत की है।"