Gautam Gambhir: 'सेलेक्टर्स के पैर नहीं छूए, इसलिए टीम में नहीं लिया...' गौतम गंभीर का हैरान करने वाला खुलासा

Gautam Gambhir: गौतम गंभीर बड़ी बेबाकी से अपनी बात कहते हैं। उन्होंने हाल ही में भारतीय ऑफ स्पिनर आर अश्विन के यू ट्यूब चैनल पर अपने करियर के शुरुआती दिनों को लेकर एक सनसनीखेज खुलासा किया है। गंभीर ने कहा कि उन्हें एक बार टीम में इसलिए नहीं लिया कि उन्होंने सेलेक्टर्स के पैर नहीं छूए थे।

Updated On 2024-05-21 14:36:00 IST
गौतम गंभीर ने आर अश्विन को दिए इंटरव्यू में सेलेक्टर्स को लेकर बड़ी बात कही है।

नई दिल्ली। पूर्व भारतीय ओपनर गौतम गंभीर अपनी बेबाकी के लिए मशहूर हैं। गंभीर किसी भी बात पर दिलकर खोलकर कहते हैं। गंभीर ने फिर से ऐसी बात कही है, जिसे लेकर काफी बातें हो रहीं। भारतीय ऑफ स्पिनर आर अश्विन के यूट्यूब चैनल 'कुट्टी स्टोरीज विद ऐश' पर गंभीर ने अपने करियर के शुरुआती दिनों को लेकर खुलकर बात की और इसी दौरान सेलेक्टर्स को लेकर ऐसी बात कही है, जो सुर्खियां बनी हुईं हैं। 

गौतम गंभीर ने इस इंटरव्यू के दौरान ऐज ग्रुप क्रिकेट टूर्नामेंट के लिए अपने सेलेक्शन नहीं होने की जो वजह बताई है, वो जानकर किसी का भी माथा घूम जाएगा। गंभीर ने कहा, "जब मैं 12-13 साल का था, तब मैंने अंडर-14 टूर्नामेंट के लिए ट्रायल दिया था। लेकिन मेरा सेलेक्शन टीम में नहीं हो पाया था। इसका कारण सिर्फ यही था कि मैंने तब सेलेक्टर्स के पैर नहीं छूए थे। उसी दिन से मैंने अपने से वादा किया था कि मैं कभी किसी के पैर न तो छूऊंगा और न ही किसी को अपने पैर छूने दूंगा।"

सेलेक्टर्स के पैर नहीं छूए तो टीम में जगह नहीं मिली: गंभीर
गंभीर, ने इस इंटरव्यू के दौरान अपनी पृष्ठभूमि के बारे में सामाजिक धारणाओं के कारण आने वाली चुनौतियों पर भी खुलकर बात की। एक अच्छे परिवार से आने के बावजूद, उन्होंने क्रिकेट के प्रति अपने समर्पण और अपनी शर्तों पर सफल होने के संकल्प पर जोर दिया। गंभीर ने कहा, "हर बार, चाहे वह अंडर-16 हो, अंडर-19 हो, रणजी ट्रॉफी हो, या यहां तक कि मेरे इंटरनेशनल करियर की शुरुआत में, हर बार जब मैं नाकाम होता था, तो लोग कहते थे कि आप ऐसे परिवार से आते हैं जहां आपको क्रिकेट खेलने की ज़रूरत नहीं है। आप जा सकते हैं और अपने पिता के बिजनेस में शामिल हो सकते हैं।" गंभीर ने कहा कि मैं लोगों की इसी धारणा को तोड़ना चाहता था और इसके लिए मैंने मेहनत की।

इस पूर्व भारतीय ओपनर ने आगे कहा कि जब मैंने लोगों की ये धारणा तोड़ दी, फिर मुझे किसी चीज की परवाह नहीं रही। मेरे लिए, सबसे मुश्किल यही था कि लोगों की उस सोच को बदल सकूं कि मेरे पास नाकाम होने के बाद पिता के बिजनेस को संभालने का विकल्प है। मैं लोगों को यही बताना चाहता था कि मैं खुद क्रिकेटर बनना चाहता हूं और जैसे बाकी खिलाड़ी भारत के लिए खेलने की पूरी शिद्दत से कोशिश करते हैं, मैं भी वैसा ही करना चाहता हूं। 

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