IPL Auction Explained: क्या है आईपीएल ऑक्शन, 10 सवाल-जवाबों से समझें नीलामी की पूरी प्रोसेस
IPL Auction rules Explained: आईपीएल 2026 के लिए 16 दिसंबर को अबूधाबी में नीलामी होगी। ऐसे में आसान शब्दों में आपको नीलामी से जुड़ी पूरी प्रोसेस समझाते हैं।
IPL Auction Explained in hindi: आईपीएल ऑक्शन की पूरी प्रोसेस को आसान शब्दों में समझें।
IPL Auction rules Explained: आईपीएल नीलामी वह जगह है जहां टीमें नए सीज़न के लिए अपने स्क्वॉड फाइनल करती हैं। एक सेंट्रल पूल से खिलाड़ियों के लिए बोली लगाती हैं,साथ ही बजट,भूमिकाओं और लंबी अवधि की रणनीति का भी ध्यान रखती हैं। यह क्रिकेट के सबसे बड़े ऑफ-फील्ड इवेंट में से एक है,जिसमें स्काउटिंग,एनालिटिक्स और रियल टाइम फैसले लेना शामिल है। ॉ
ऐसे में हम आपको ये बता रहे हैं कि आईपीएल नीलामी में क्या होता है? ट्रांसफर के बजाए नीलामी ही क्यों होती है? खिलाड़ी ऑक्शन में आते कैसे हैं? आइए आगे इन सभी सवालों के जवाब जानते हैं।
सबसे पहले ये जान लेते हैं कि आईपीएल नीलामी होती क्या है?
1 IPL नीलामी क्या है?
IPL नीलामी एक सालाना इवेंट है जहां फ्रेंचाइजी आने वाले इंडियन प्रीमियर लीग सीज़न के लिए अपनी स्क्वॉड बनाने के लिए खिलाड़ियों पर बोली लगाती हैं। खिलाड़ियों का एक सेंट्रल पूल पेश किया जाता है,और टीमें अपने तय बजट का इस्तेमाल करके क्रिकेटर को खरीदती हैं या रिटेन करती हैं।
2 IPL नीलामी कौन आयोजित करता?
यह नीलामी भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड द्वारा आयोजित की जाती। एक स्वतंत्र ऑक्शनर इस इवेंट को होस्ट करता,बोली मैनेज करता है,और यह पक्का करता है कि नियमों का पालन हो।
3 IPL में साधारण ट्रांसफर के बजाय नीलामी क्यों होती?
नीलामी प्रतिस्पर्धी संतुलन पक्का करती है और अमीर फ्रेंचाइजी को हर टॉप खिलाड़ी को खरीदने से रोकती है। यह टीमों को भूमिकाओं को प्राथमिकता देने और सीमित बजट को मैनेज करने के लिए मजबूर करती है।
4 खिलाड़ी IPL नीलामी में कैसे शामिल होते?
खिलाड़ी अपने क्रिकेट बोर्ड के माध्यम से रजिस्टर करते हैं। वे एक बेस प्राइस चुनते हैं और फ्रेंचाइजी द्वारा इंटरेस्ट लिस्ट जमा करने के बाद उन्हें शॉर्टलिस्ट किया जाता। रजिस्टर करने वाले हर खिलाड़ी को फाइनल नीलामी पूल में जगह नहीं मिलती।
5 बेस प्राइस क्या होती है?
बेस प्राइस वह न्यूनतम राशि है जिस पर किसी खिलाड़ी को खरीदा जा सकता। कई स्लैब मौजूद हैं लेकिन ऊंचा बेस प्राइस सेलेक्शन की गारंटी नहीं देता। टीमें अक्सर मौजूदा फॉर्म,भूमिका की उपयुक्तता और उम्र के आधार पर कम ब्रैकेट में वैल्यू पिक्स को पसंद करती।
6 बोली कैसे काम करती है?
ऑक्शनर खिलाड़ी का नाम पुकारता है और टीमें बोली लगाने के लिए पैडल उठाती। बोली तय इंक्रीमेंट में बढ़ती है। जब केवल एक फ्रेंचाइजी दिलचस्पी रखती है,तो खिलाड़ी को उस टीम को बेच दिया जाता।
7 पर्स और सैलरी कैप क्या हैं?
हर टीम को एक नीलामी साइकिल के लिए एक तय पर्स (बजट)मिलता है। उन्हें इस पर्स के भीतर ही एक स्क्वॉड बनाना होता है,और कोई भी खिलाड़ी उस राशि से ज़्यादा नहीं कमा सकता जिस पर उसे खरीदा गया है। स्क्वॉड के आकार की भी एक कुल सीमा और विदेशी खिलाड़ियों की भी एक सीमा होती है।
8 रिटेंशन और रिलीज क्या हैं?
नीलामी से पहले,टीमें तय करती हैं कि किसे रिटेन करना है (रखना है)और किसे रिलीज करना है (पूल में वापस भेजना है)। रिटेन किए गए खिलाड़ियों की सैलरी पर्स में गिनी जाती है। किसी खिलाड़ी को रिलीज करने से पैसे बचते हैं लेकिन अगर टीम सही रिप्लेसमेंट खरीदने में विफल रहती है तो इसमें जोखिम भी होता है।
9 मिनी नीलामी क्या है?
मिनी नीलामी उन सालों में होती है जब टीम के सिर्फ़ कुछ खिलाड़ियों को ही बदला जाता है। ये छोटी,तेज़ होती हैं लेकिन फिर भी बड़ी डील हो सकती हैं क्योंकि फ्रेंचाइजी बहुत खास रोल वाले खिलाड़ियों (डेथ बॉलर,पावर-हिटर,रिस्ट स्पिनर)को ढूंढती हैं।
10 कुछ अनकैप्ड खिलाड़ियों को ज़्यादा पैसा क्यों मिलता?
टीमें अक्सर उन खिलाड़ियों के लिए ज़्यादा पैसे देती हैं जो खास रोल के लिए फिट होते हैं। जैसे तेज गति, पावर हिटिंग,मिस्ट्री स्पिन,या खास मैच-अप की ताकत। बिना कैप वाले खिलाड़ी कम उम्र में लॉन्ग-टर्म वैल्यू भी देते हैं।
जाने-माने स्टार खिलाड़ी कभी-कभी अनसोल्ड क्यों रह जाते?
अगर किसी खिलाड़ी का रोल मार्केट में पहले से ही बहुत ज़्यादा है,अगर उनका हालिया प्रदर्शन अच्छा नहीं या अगर उनकी बेस प्राइस बहुत ज़्यादा है, तो टीमें दूसरी जगह देख सकती हैं। उम्र और वर्कलोड भी फैसलों पर असर डालते हैं।
अगर कोई खिलाड़ी अनसोल्ड जाए तो क्या होता है?
जो खिलाड़ी एक बार बिना बिके रह जाते हैं,वे बाद में एक्सीलरेटेड राउंड में पूल में वापस आ सकते हैं। अगर फिर भी वे बिना बिके रहते हैं,तो वे फ्री एजेंट बने रहते हैं और चोट लगने पर सीज़न के दौरान रिप्लेसमेंट के तौर पर साइन किए जा सकते हैं।