Jasprit Bumrah: जसप्रीत बुमराह के साथ टेस्ट जीतने न जीतने की क्या है सच्चाई? आंकड़े चौंकाने वाले
Jasprit Bumrah team india win loss ratio: इंग्लैंड में भारत ने जसप्रीत बुमराह के बिना ही दोनों टेस्ट जीते, इसके बाद से ही ये बहस हो रही कि बुमराह के बिना ही टीम इंडिया जीतती है। अब इसमें कितनी सच्चाई है, वो आंकड़ों से समझ लेते हैं।
Jasprit bumrah india's win loss ratio
Jasprit Bumrah team india win loss ratio: भारत ने इंग्लैंड दौरे पर दो टेस्ट जीते। अब इसे संयोग कहें या कुछ और दोनों में ही मुकाबलों में भारत के नंबर-1 गेंदबाज जसप्रीत बुमराह प्लेइंग-11 का हिस्सा नहीं थे। इसके बाद से ही ये सवाल उठ रहे कि भारत बुमराह के बिना जीत रहा। हालांकि, ये बात पूरी तरह सच भी नहीं। सचिन तेंदुलकर जैसे दिग्गजों ने भी बुमराह को ट्रोल्स करने वालों पर सवाल उठाए हैं।
ऐसे में ये जानना जरूरी हो जाता है कि क्या भारत बुमराह के बिना ही जीतता है और वो क्या टीम की जीत की गारंटी नहीं हैं। आइए इसे आंकड़ों से समझते हैं।
बुमराह ने अब तक भारत के लिए 48 टेस्ट मैच खेले हैं, जिनमें भारत ने 20 मुकाबले जीते हैं। वहीं जब बुमराह टीम में नहीं थे, तब भारत ने केवल 28 मैच खेले—और उनमें से भी 20 जीत लिए। यानी आंकड़ों के लिहाज से देखें तो बुमराह के बिना भी भारत ने उतने ही मैच जीते, जितनी उनकी मौजूदगी में जीते थे। लेकिन, पेच ये है कि बुमराह की गैरहाजिरी में भारत ने 28 में से 20 मैच जीते।
इसका मतलब है कि बुमराह की मौजूदगी में भारत की जीत का प्रतिशत सिर्फ 41.67% रहा है जबकि उनके बिना यह 71.43% तक पहुंच जाता है। यहीं से सवाल खड़ा होता है—क्या बुमराह की मौजूदगी से टीम उन पर ज़्यादा निर्भर हो जाती है?
हार और ड्रॉ का भी दिलचस्प गणित
बुमराह के रहते भारत ने 23 टेस्ट हारे हैं जबकि उनके बिना केवल 6 मैचों में हार का सामना करना पड़ा। ड्रॉ मुकाबलों में फर्क ज़्यादा नहीं है। बुमराह के साथ 6 ड्रॉ और बिना उनके 4 मुकाबले ड्ऱॉ रहे।
बिना बुमराह टीम और ज्यादा संतुलित?
ऐसा माना जा रहा है कि जब बुमराह टीम में होते हैं, तो बाकी गेंदबाज थोड़े ढीले पड़ जाते हैं। उन्हें लगता है कि विकेट निकालने की जिम्मेदारी बुमराह पर है। लेकिन जब वह टीम में नहीं होते, तो सबको बराबर जिम्मेदारी उठानी पड़ती है। इसका फायदा टीम के प्रदर्शन में साफ दिखता है।
बेंच स्ट्रेंथ बनी भारत की ताकत
बुमराह की गैरमौजूदगी में मोहम्मद सिराज, मोहम्मद शमी और उमेश यादव जैसे गेंदबाजों ने खुद को साबित किया है। खासकर 2022 से अब तक सिराज और शमी ने विदेशों में शानदार गेंदबाज़ी कर टीम को अहम जीत दिलाई है।
बुमराह चोट की वजह से 2022 टी20 वर्ल्ड कप, 2023 वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल और 2025 चैंपियंस ट्रॉफी से बाहर रहे, और इन मौकों पर टीम ने दूसरों के दम पर खुद को संभाला और कई मर्तबा जीत भी हासिल की।