Rohit sharma: मुझे टेस्ट खेलने में रुचि नहीं, आप कैसे बोल सकते...रोहित शर्मा की बात ने सेलेक्टर को हिला दिया था
rohit sharma test retirement: पूर्व भारतीय सेलेक्टर जतिन परांजपे ने रोहित शर्मा के टेस्ट से संन्यास से जुड़ी अहम जानकारी की है। परांजपे ने बताया कि रोहित शर्मा ने उन्हें कहा था कि वो रेड बॉल क्रिकेट खेलते हुए ही बड़े हुए हैं और उन्हें ये फॉर्मेट बहुत पसंद है।
rohit sharma test retirement: पूर्व भारतीय टेस्ट कप्तान रोहित ने जब टेस्ट क्रिकेट से रिटायरमेंट का ऐलान किया तो ये फैसला फैंस ही नहीं, क्रिकेट एक्सपर्ट्स के लिए भी हैरान करने वाला था। उन्होंने संन्यास की घोषणा इंग्लैंड दौरे के लिए भारतीय टीम के ऐलान से ठीक पहले की थी, जिससे ये अंदाजा लगा कि ये फैसला अचानक नहीं, बल्कि काफी सोचने-समझने के बाद लिया गया था। हालांकि, कई लोगों का मानना था कि अभी रोहित टेस्ट क्रिकेट खेल सकते थे। इस बात की पुष्टि खुद पूर्व सेलेक्टर जतिन परांजपे ने भी की। उन्होंने एक पुराने किस्से को याद करते हुए रोहित के टेस्ट क्रिकेट के लिए प्यार की बात कही।
जतिन परांजपे ने पॉडकास्ट A Century of Stories में सायरस ब्रोचा से बातचीत करते बताया, 'एक बार रोहित टेस्ट टीम में नहीं थे, तब मेरी उनसे बात हुई। मैंने कहा कि क्या आपको टेस्ट क्रिकेट में दिलचस्पी है? इस पर उन्होंने जवाब दिया था कि मैंने क्रिकेट रेड बॉल से ही शुरू किया जतिन, कैसे कह दूं कि मुझे ये फॉर्मेट पसंद नहीं है। उस जवाब ने मुझे अंदर तक छू लिया। मुझे लगा, यही सुनना चाहता था।'
परांजपे ने कहा, 'हां, हां (अगर रोहित नाराज थे)। उन्होंने जो बोला, उसने मुझे सोचने पर मजबूर किया। रोहित का कहना था कि मैं रेड बॉल से खेलते हुए बड़ा हुआ हूं, मैं इससे दूर कैसे हो सकता हूं? यह उनकी अनोखी सोच थी।'
रोहित शर्मा का टेस्ट करियर 11 साल लंबा रहा। उन्होंने 67 टेस्ट खेले और 23 में टीम की कप्तानी की। हालांकि, 2024-25 की बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उनका प्रदर्शन खराब रहा था। आखिरी 4 पारियों में वह कोई बड़ी पारी नहीं खेल पाए, जिससे उनकी फॉर्म और भविष्य पर सवाल खड़े हुए थे। उन्होंने कप्तान होने के बावजूद आखिरी टेस्ट से खुद को ड्रॉप कर दिया था।
जब सबको लग रहा था कि शायद रोहित इंग्लैंड दौरे की एक आखिरी सीरीज खेलेंगे, उन्होंने अचानक टेस्ट से विदा ले ली। विराट कोहली ने भी उनके कुछ दिनों बाद रेड बॉल क्रिकेट को अलविदा कहा, जिससे भारतीय टेस्ट टीम का एक युग खत्म होता नजर आया।