Mohammed Shami: 'भाड़ में गया बिरयानी, मुझे तुम गुस्सा...' जब कोच शास्त्री पर बुरी तरह भड़के शमी ने खाना छोड़ा, फिर मैच में ढाया कहर

Mohammed Shami ravi shastri fight: 2018 में दक्षिण अफ्रीका दौरे पर बिरयानी खाने को लेकर मोहम्मद शमी और रवि शास्त्री के बीच विवाद हो गया था। इसके बाद शमी ने मैच में कमाल की गेंदबाजी की थी और पांच विकेट झटक भारत को जीत दिलाई थी।

Updated On 2025-06-18 12:06:00 IST

ravi shastri on mohammed shami

Mohammed Shami ravi shastri fight: टीम इंडिया के पूर्व कोच रवि शास्त्री ने एक दिलचस्प किस्सा शेयर किया है, जो 2018 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ खेले गए टेस्ट सीरीज के आखिरी मुकाबले से जुड़ा है। उस टेस्ट सीरीज में भारत पहले ही दो टेस्ट हार चुका था और जोहान्सबर्ग टेस्ट जीतना जरूरी था ताकि क्लीन स्वीप से बचा जा सके।

मैच के चौथे दिन लंच के समय साउथ अफ्रीका को जीत के लिए सिर्फ 104 रन चाहिए थे और उसके सात विकेट बाकी थे। ऐसे में रवि शास्त्री ने मोहम्मद शमी को भारी-भरकम बिरयानी खाते देखा और मजाकिया अंदाज में पूछ लिया कि अब भूख मिट गई क्या?। शास्त्री के मुताबिक, शमी ने गुस्से में प्लेट साइड में रख दी और कहा, 'ले लो प्लेट, नहीं चाहिए बिरयानी, भाड़ में गई बिरयानी!'

इस वाकये के बाद शमी ने मैदान पर गुस्से को प्रदर्शन में बदला और ऐसा कहर बरपाया कि साउथ अफ्रीका की टीम 144/3 के स्कोर से 177 रन पर सिमट गई। शमी ने महज 12.3 ओवर में 5 विकेट लेकर भारत को 63 रन से यादगार जीत दिला दी।

भारत के पूर्व गेंदबाजी कोच भरत अरुण ने भी उस पल को याद किया। उन्होंने बताया, 'शास्त्री ने मुझसे कहा कि शमी गुस्से में है, उसे वैसा ही छोड़ दो। अगर कुछ बोलना है तो कह दो कि विकेट ले आकर बात करे। गुस्सा तो बहुत लोग करते हैं, लेकिन उसे परफॉर्मेंस में बदलना असली कला है।'

मैच खत्म होने के बाद शमी जब ड्रेसिंग रूम लौटे तो शास्त्री ने उन्हें बिरयानी की प्लेट दी और कहा, 'अब खा लो जितना खाना है।' शमी ने हंसते हुए कहा, 'मुझे तो हमेशा गुस्सा कर दिया करो, फिर सब ठीक हो जाता है।'

हालांकि, मौजूदा इंग्लैंड टेस्ट सीरीज के लिए शमी टीम इंडिया का हिस्सा नहीं हैं क्योंकि वह अभी फिटनेस से जूझ रहे हैं। उन्होंने अपना आखिरी टेस्ट 2023 में वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में खेला था। शमी के नाम अब तक 64 टेस्ट में 229 विकेट हैं और उनके खाते में 6 बार पांच विकेट लेने का कारनामा है।

ये किस्सा दिखाता है कि कैसे एक हल्की सी बात भी खिलाड़ी को प्रेरित कर सकती है और गुस्से को सही दिशा में लगाया जाए तो वह जीत की कहानी लिख सकता है।

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