Duleep Trophy: विराट के साथी को अचानक मिली कप्तानी, तूफानी शतक ठोक टीम इंडिया का ठोका दावा
Duleep Trophy 2025: रजत पाटीदार ने सेंट्रल जोन की कप्तानी करते हुए नॉर्थ ईस्ट जोन के खिलाफ शतक ठोका।
rajat patidar ने दलीप ट्रॉफी में शतक जमाया।
Rajat Patidar Century: आईपीएल 2025 में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु को अपनी कप्तानी में चैंपियन बनाने वाले रजत पाटीदार ने दलीप ट्रॉफी के पहले मुकाबले में शतकीय पारी खेली। रजत दलीप ट्रॉफी के क्वार्टरफाइनल में सेंट्रल जोन की अगुआई कर रहे और उन्होंने नॉर्थ ईस्ट जोन के खिलाफ 80 गेंद में शतक ठोक भारतीय टेस्ट टीम में वापसी का दावा ठोक दिया। पाटीदार ने 18 चौके और दो छक्के लगाकर अपना शतक पूरा किया। यह उनका प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 14वां शतक था।
सेंट्रल जोन के कप्तान रजत पाटीदार ने नॉर्थ ईस्ट जोन के खिलाफ आउट होने से पहले 125 रन बनाए। उन्होंने 96 गेंद की अपनी इस पारी में 130 के स्ट्राइक रेट से रन बनाए। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि रजत ने विपक्षी टीम के गेंदबाजों के खिलाफ कितनी आक्रामक बल्लेबाजी की। अपनी पारी में उन्होंने 21 चौके और 3 छक्के उड़ाए। रजत के अलावा साथी बैटर दानिश मालेवार ने भी सेंचुरी जमाई।
रजत पाटीदार ने ठोका शतक
बता दें कि दलीप ट्रॉफी के क्वार्टर फाइनल के लिए रजत को बतौर बैटर ही सेंट्रल जोन की टीम में चुना गया था। लेकिन मैच से पहले टीम के कप्तान ध्रुव जुरेल अचानक चोटिल हो गए। वो कमर दर्द के कारण मैच में नहीं उतरे तो रजत को कप्तान बनाया गया और उन्होंने इस मौके का पूरा फायदा उठाया और शतक ठोक टीम इंडिया के लिए अपना दावा ठोक दिया।
ध्रुव के चोटिल होने के कारण कप्तानी कर रहे
विकेटकीपर आर्यन जुयाल के 60 रन पर रिटायर्ड हर्ट होने के बाद बल्लेबाजी करने आए पाटीदार ने सिर्फ़ 42 गेंदों में अपना अर्धशतक पूरा किया। इसी पारी में, विदर्भ के बल्लेबाज दानिश मालेवार ने भी 144 गेंदों में शतक बनाया। टीब्रेक के समय, सेंट्रल ज़ोन का कुल स्कोर 314/1 था, जिसमें पाटीदार (नाबाद 111) और मालेवार (नाबाद 132) क्रीज़ पर थे।
भारत के स्टार तेज गेंदबाज खलील अहमद, दीपक चाहर और कुलदीप यादव, नॉर्थ-ईस्ट के खिलाफ सेंट्रल इलेवन का हिस्सा हैं। दोनों सेमीफाइनल 4 सितंबर से बीसीसीआई के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस मैदान पर खेले जाएँगे, जबकि फाइनल 11 सितंबर से इसी मैदान पर खेला जाएगा।
आरसीबी को पहला आईपीएल खिताब जिताया
पाटीदार जून में बेंगलुरु को पहला इंडियन प्रीमियर लीग खिताब दिलाने के बाद से मैदान से बाहर हैं। उन्होंने 14 मैचों में 24 की औसत और 143.77 के स्ट्राइक रेट से 312 रन बनाए थे। लेकिन जिस चीज़ ने सबका ध्यान खींचा, वह थी उनकी शानदार कप्तानी, जिसने आरसीबी के खिताब नहीं जीतने के सूखे को खत्म कर दिया था।