Rohit sharma: '2 बच्चों का पिता हूं, पता है क्या करना है, संन्यास नहीं ले रहा...' रोहित शर्मा ने रिटायरमेंट पर तोड़ी चुप्पी

rohit sharma retirement: रोहित शर्मा ने सिडनी टेस्ट से बाहर बैठने पर अपनी चुप्पी तोड़ी। उन्होंने कहा कि मैं संन्यास लेने नहीं जा रहा हूं। दो बच्चों का पिता हूं, इतना पता है कि क्या करना है।

Updated On 2025-01-04 15:41:00 IST
rohit sharma on test retirement

Rohit sharma retirement: रोहित शर्मा ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सिडनी टेस्ट नहीं खेल रहे। इसके बाद से ही उनके टेस्ट से भी संन्यास की अटकलें लगनी लगी हैं। हालांकि, सिडनी टेस्ट के दूसरे दिन रोहित ने मीडिया रिपोर्ट्स को सिरे से खारिज करते हुए साफ कर दिया कि वो संन्यास लेने नहीं जा रहे। उन्होंने कहा कि वह सिर्फ इस टेस्ट में नहीं खेल रहे। रोहित ने कहा कि भारत के लिए सिडनी टेस्ट जीतना और बॉर्डर-गावस्कर को रिटेन करना ज्यादा जरूरी थी और इसलिए उन्होंने टीम से बाहर बैठने का फैसला लिया। 

रोहित शर्मा ने सिडनी टेस्ट के दूसरे दिन लंच ब्रेक के दौरान ऑफिशियल ब्रॉडकास्टर स्टार स्पोर्ट्स से करीब 15 मिनट बात की और इस दौरान उन मीडिया रिपोर्ट्स को खारिज कर दिया, जिसमें ये कहा जा रहा था कि वो टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने जा रहे। उन्होंने कहा कि सिडनी टेस्ट से बाहर बैठने के मेरे फैसले को संन्यास के तौर पर न देखा जाए। मैं इस बात को लेकर कॉन्फिडेंट हूं कि चीजें कभी भी बदल सकती हैं।

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उन्होंने स्टार स्पोर्ट्स से कहा, 'यह फैसला रिटायरमेंट का फैसला नहीं है। इस टेस्ट में जसप्रीत बुमराह भारत की कप्तानी कर रहे हैं। न ही मैं खुद को खेल से बाहर रखने जा रहा हूं। मैं इस मैच से बाहर बैठा क्योंकि मेरे बल्ले से रन नहीं निकल रहे थे। इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि पांच या दो महीने बाद रन नहीं बनेंगे। मैंने क्रिकेट में बहुत कुछ देखा है कि जीवन हर सेकंड, हर मिनट, हर दिन बदलता रहता है।'

रोहित ने आगे कहा, 'मुझे खुद पर भरोसा है कि चीजें बदल सकती हैं, लेकिन साथ ही मुझे यथार्थवादी भी होना चाहिए। इसलिए माइक, पेन या लैपटॉप वाले लोग जो लिखते या कहते हैं, उससे जीवन नहीं बदलेगा। वे यह तय नहीं कर सकते कि हमें कब रिटायर होना चाहिए, कब बाहर बैठना चाहिए, कब कप्तानी करनी चाहिए। मैं एक समझदार आदमी हूं, परिपक्व आदमी हूँ, दो बच्चों का पिता हूं। इसलिए मुझे पता है कि मुझे जीवन में क्या चाहिए।'

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रोहित ने कहा कि मैंने यहां [सिडनी] आने के बाद यह फैसला किया। हमारे पास मैचों के बीच सिर्फ़ 2 दिन थे। नए साल पर, मैं चयनकर्ता और कोच के साथ यह बातचीत नहीं करना चाहता था। लेकिन मेरे दिमाग में यह बात थी कि मैं अपनी तरफ़ से पूरी कोशिश कर रहा हूं लेकिन रन नहीं बना पा रहा हूं। मुझे इसे स्वीकार करना होगा और खुद को इससे दूर रखना होगा। कोच और चयनकर्ता के साथ मेरी बातचीत बहुत सीधी और साफ थी कि मेरा बल्ला रन नहीं बना रहा, मैं फ़ॉर्म में नहीं हूं, यह एक महत्वपूर्ण मैच है, और हमें ऐसे खिलाड़ियों की ज़रूरत है जो फ़ॉर्म में हों। वैसे भी, लड़के बहुत अच्छी फ़ॉर्म में नहीं हैं। इसलिए मेरे दिमाग में यह सरल विचार था: हम फ़ॉर्म से बाहर खिलाड़ियों को नहीं ले जा सकते। 

यह पूछे जाने पर कि जसप्रीत बुमराह के अलावा कौन टेस्ट में कप्तानी करने के लिए तैयार है? रोहित ने कहा, 'इसके लिए अभी बोलना बहुत मुश्किल है। बहुत से लड़के हैं, लेकिन मैं चाहता हूं कि पहले वो क्रिकेट की अहमियत समझें। मुझे पता है कि उन्हें जिम्मेदारी देनी भी चाहिए, लेकिन उन्हें ये हासिल करने दीजिए। उन्हें कप्तानी हासिल करने के लिए अगले कुछ सालों तक मुश्किल क्रिकेट खेलने देनी चाहिए। तब वह इसे हासिल करें। मैं हूं अभी, बुमराह हैं, उससे पहले कोहली थे और उनसे पहले महेंद्र सिंह धोनी थे। उन सभी ने कप्तानी मुश्किल क्रिकेट खेलने के बाद हासिल की थी। किसी को भी कप्तानी प्लेट में सजाकर नहीं मिली थी। 

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