Mohsin Naqvi: मोहसिन नकवी ट्रॉफी विवाद पर झुके, BCCI से मांगी माफी, पर सूर्यकुमार के सामने रखी शर्त

Mohsin Naqvi Trophy Controversy: एशिया कप फाइनल के बाद ट्रॉफी विवाद पर एसीसी चेयरमैन और पीसीबी चीफ मोहसिन नक़वी ने BCCI से मांगी माफी। हालांकि, उन्होंने भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव के सामने एक शर्त रख दी।

Updated On 2025-10-01 14:03:00 IST

मोहसिन नकवी ने ट्रॉफी विवाद पर माफी तो मांगी पर नई शर्त रख दी है। 

Mohsin Naqvi Trophy Controversy: एशिया कप 2025 जीतने के बाद भारतीय टीम के जश्न पर विवाद अब और गहराता जा रहा है। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के चीफ और एशियन क्रिकेट काउंसिल अध्यक्ष मोहसिन नक़वी ने भले ही भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड से माफी मांग ली है लेकिन वे अब भी ट्रॉफी लौटाने को तैयार नहीं हैं।

28 सितंबर को खेले गए फाइनल के बाद भारतीय टीम ने नक़वी से ट्रॉफी लेने से इनकार कर दिया था। इसके बाद नक़वी ने मैदान पर ही पारंपरिक प्रेजेंटेशन सेरेमनी रद्द कर दी और ट्रॉफी और मेडल्स को मैदान से हटवा दिया। इतना ही नहीं, उन्हें अपने होटल रूम में ले गए। इस घटना ने पूरे क्रिकेट जगत को चौंका दिया था।

नकवी ने बीसीसीआई से माफी मांगी

एक दिन पहले दुबई में हुई एसीसी मीटिंग में यह मामला गरमाया। सूत्रों के मुताबिक, नक़वी ने यहां नरम रुख अपनाते हुए बीसीसीआई से खेद जताया और माना कि हालात इस तरह नहीं बिगड़ने चाहिए थे। लेकिन जब मुद्दा ट्रॉफी लौटाने का आया तो उनका रुख फिर सख्त हो गया। नक़वी ने साफ कर दिया कि अगर भारतीय टीम को ट्रॉफी चाहिए तो कप्तान सूर्यकुमार यादव को खुद दुबई स्थित एसीसी ऑफिस आकर इसे लेना होगा।

सूर्यकुमार के सामने रखी शर्त

बीसीसीआई उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला ने इस बयान पर कड़ा एतराज जताया। उन्होंने कहा, 'एशिया कप की ट्रॉफी एसीसी की संपत्ति है, न कि पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के चीफ की। इसे भारतीय टीम को तुरंत सौंपा जाना चाहिए। नक़वी का इसे अपने कब्जे में रखना गलत और गैर-पेशेवर है।'

बीसीसीआई सचिव देवजीत सैकिया ने भी नक़वी पर तंज कसा। उन्होंने कहा, 'हमने पहले ही तय कर लिया था कि हम ट्रॉफी नक़वी से नहीं लेंगे। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि वे इसे अपने कमरे में ले जाएं। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और खेल भावना के खिलाफ है।'

बीसीसीआई ने नक़वी की उस शर्त को ठुकरा दिया जिसमें उन्होंने कहा था कि सूर्या को दुबई आना होगा। बोर्ड का कहना है कि जब फाइनल के दिन यह प्रक्रिया नहीं हुई तो अब कप्तान को दुबई क्यों भेजा जाए।

यह पूरा विवाद भारत की जीत की चमक को फीका कर चुका है। साथ ही, भारत और पाकिस्तान के क्रिकेट रिश्तों पर भी इसका असर पड़ रहा।

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