jasprit bumrah: 'कप्तानी का ऑफर मिला लेकिन मैंने खुद BCCI को फोन कर इनकार किया..' बुमराह ने बताया क्यों ऐसा करना पड़ा
Jasprit bumrah on test captaincy: बुमराह को टेस्ट टीम की कप्तानी का ऑफर मिला था, लेकिन उन्होंने वर्कलोड के चलते मना कर दिया। उन्होंने कहा कि टीम के लिए लगातार कप्तान होना जरूरी है, दो कप्तान सीरीज में ठीक नहीं।
jasprit bumrah: जसप्रीत बुमराह ने टेस्ट कप्तानी नहीं संभालने पर चुप्पी तोड़ी है।
Jasprit bumrah on test captaincy: जसप्रीत बुमराह ने आखिरकार उस सवाल का जवाब दे दिया, जो पिछले कुछ हफ्तों से सभी के मन में था कि आखिर वो टीम इंडिया के टेस्ट कप्तान क्यों नहीं बने? बुमराह ने खुद खुलासा किया है कि सेलेक्शन कमेटी ने उन्हें कप्तान बनाने की पेशकश की थी लेकिन उन्होंने इसे ठुकरा दिया क्योंकि वह अपने वर्कलोड को लेकर सतर्क रहना चाहते हैं।
शुभमन गिल को इंग्लैंड दौरे के लिए कप्तान नियुक्त किया गया है क्योंकि रोहित शर्मा और विराट कोहली दोनों ने ही अचानक टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया। बुमराह पहले ही उप-कप्तान रह चुके हैं और उन्होंने तीन टेस्ट (एक इंग्लैंड में, दो ऑस्ट्रेलिया में) में टीम की कप्तानी भी की थी। ऐसे में माना जा रहा था कि वह स्वाभाविक रूप से अगले कप्तान होंगे। लेकिन पीठ की चोट ने सारी तस्वीर बदल दी।
मैंने ही कप्तानी के लिए बीसीसीआई को मना किया: बुमराह
स्काय स्पोर्ट्स पर दिनेश कार्तिक को दिए इंटरव्यू में बुमराह ने बताया कि उन्होंने रोहित और कोहली के संन्यास से पहले ही बीसीसीआई से बातचीत की थी और बता दिया था कि वह पांच 5 की टेस्ट सीरीज में हर मैच नहीं खेल पाएंगे।
'करियर को लंबा रखने के लिए लिया फैसला'
बुमराह ने कहा, 'मेरे डॉक्टर और फिजियो ने मुझसे साफ कहा कि अगर मैं क्रिकेट करियर लंबा रखना चाहता हूं, तो अपने शरीर को लेकर स्मार्ट रहना होगा। इसलिए मैंने खुद बीसीसीआई को फोन कर कहा कि मुझे लीडरशिप रोल में न देखा जाए।'
बुमराह ने आगे कहा कि उन्हें टीम में दो कप्तानों वाला सिस्टम नहीं चाहिए था, जिससे टीम की स्थिरता पर असर पड़े। बुमराह ने कहा, 'यह टीम के लिए ठीक नहीं है कि पांच टेस्ट मैचों की सीरीज में तीन में कोई और कप्तान हो और दो में कोई और। मैं चाहता हूं कि टीम को एक दिशा मिले, और मैं उस दिशा में बिना कप्तान बने भी योगदान दे सकता हूं।'
बुमराह ने माना कि कप्तानी उनके लिए बड़ी बात थी और उन्होंने इसके लिए कड़ी मेहनत की थी लेकिन उन्होंने क्रिकेट को कप्तानी से ऊपर रखा। बुमराह के मुताबिक, 'कप्तानी एक पोस्ट है लेकिन टीम में कई लीडर होते हैं। मैं क्रिकेट से प्यार करता हूं, और चाहता हूं कि सभी फॉर्मेट में खेलता रहूं। इसलिए मुझे बड़ी तस्वीर देखनी थी। अगर मैं कप्तान बनता और शरीर ने साथ नहीं दिया, तो टीम पर असर पड़ता।'
उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी फॉर्मेट को अचानक अलविदा कहने की नौबत न आए, इसके लिए वह स्मार्ट फैसले ले रहे हैं। बुमराह पहले भी एक बार बैक स्ट्रेस इंजरी के चलते एक साल तक बाहर रह चुके हैं और वह दोबारा उस स्थिति में नहीं जाना चाहते।