ind vs eng test: एजबेस्टन में टीम इंडिया के साथ बेईमानी? इंग्लैंड ने जीत के लिए चली गंदी चाल

ind vs eng test: भारत और इंग्लैंड के बीच एजबेस्टन में खेले जा रहे दूसरे टेस्ट में छोटी और असमान बाउंड्रीज को लेकर काफी चर्चा हो रही। ऐसे में सवाल उठ रहे कि क्या इंग्लैंड के बल्लेबाजों को फायदा पहुंचाने के लिए बाउंड्री को छोटा किया गया है।

Updated On 2025-07-03 12:00:00 IST

edgbaston stadium boundary dimensions controversy

ind vs eng test: भारत और इंग्लैंड के बीच एजबेस्टन टेस्ट के पहले दिन का खेल शुरू होते ही चर्चा का बड़ा मुद्दा बना मैदान की बाउंड्री का आकार। दर्शकों और विशेषज्ञों ने ध्यान दिया कि मैदान के चारों ओर बाउंड्री की सीमा असमान दिख रही थीं और कुछ हिस्सों में बाउंड्री बेहद छोटी रखी गई थी।

स्कोरबोर्ड की ओर की बाउंड्री, जो दाएं हाथ के बल्लेबाज के लिए वाइड लॉन्ग ऑफ मानी जाती है, तो इतनी छोटी थी कि दर्शकों के बीच मज़ाक चलने लगा कि वहां तो बच्चों का मिनी गेम ज़ोन बना देना चाहिए था।

मैदान की सबसे लंबी बाउंड्री 65 मीटर की दिखी, जो काउ कॉर्नर की तरफ थी जबकि सीधी बाउंड्री सिर्फ 60 मीटर की। आईसीसी नियमों के मुताबिक, बाउंड्री 59 मीटर से 90 मीटर तक हो सकती है लेकिन सूत्रों के मुताबिक कुछ हिस्सों में बाउंड्री को जानबूझकर 5 से 10 मीटर तक अंदर कर दिया गया है।

खास बात ये रही कि भारत पहले ही घोषित कर चुका था कि वह इस टेस्ट में 2 स्पिन गेंदबाजों के साथ उतरेगा। ऐसे में सवाल उठने लगे हैं कि क्या बाउंड्री इसलिए छोटी की गई ताकि इंग्लैंड के बल्लेबाज़ स्पिनरों के खिलाफ बड़े शॉट मार सकें? और बैजबॉल के अंदाज में बल्लेबाजी करें।

इंग्लैंड की बैटिंग स्पिन के खिलाफ कमजोर मानी जाती है, और खुद भारतीय कैंप ने इस बात को सार्वजनिक रूप से कहा था कि स्पिन से इंग्लैंड के आक्रामक खेल को कंट्रोल किया जा सकता है।

भारत ने वाशिंगटन सुंदर को कुलदीप यादव पर तरजीह दी क्योंकि वे कसी हुई लाइन में लंबे स्पेल डाल सकते हैं और निचले क्रम में बैटिंग भी बेहतर करते हैं। लेकिन अब इस छोटे घेरे में सुंदर और जडेजा की गेंदबाज़ी पर दबाव बढ़ सकता है।

गौर करने वाली बात ये भी है कि 2019 वर्ल्ड कप में भी इसी मैदान पर भारत ने इंग्लैंड के खिलाफ मैच के दौरान बाउंड्री साइज पर नाराज़गी जताई थी। तब कुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल की गेंदबाज़ी बेअसर साबित हुई थी क्योंकि इंग्लैंड के बल्लेबाज़ छोटी बाउंड्री का पूरा फायदा उठाकर बड़े शॉट्स खेल गए थे।

आईसीसी के नियम ये भी कहते हैं कि बाउंड्री और विज्ञापन बोर्ड के बीच कम से कम 9 फीट का गैप होना चाहिए लेकिन एक साइड पर ये फासला 20 से 25 फीट तक देखा गया, जो और भी चौंकाने वाला है।

क्या ये महज संयोग है या इंग्लैंड को फायदा पहुंचाने की रणनीति? इसका जवाब तो समय देगा, लेकिन बाउंड्री सेटिंग पर बहस अब तेज़ हो चुकी है।

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