Irani cup 2025: विदर्भ ने रेस्ट ऑफ इंडिया को 93 रन से हराया, 8 साल में तीसरी बार जीती ट्रॉफी

Irani cup 2025: विदर्भ ने 2017-18 के बाद तीसरी बार ईरानी कप जीता। विदर्भ ने रेस्ट ऑफ इंडिया को 93 रन से हराया। यश धुल की 92 रन की पारी भी टीम की हार नहीं टाल पाई।

Updated On 2025-10-05 17:42:00 IST

विदर्भ ने ईरानी कप का खिताब जीता।  

Irani cup 2025: विदर्भ ने एक बार फिर घरेलू क्रिकेट में अपना दबदबा दिखाते हुए 2025-26 ईरानी कप जीत लिया। टीम ने रेस्ट ऑफ इंडिया को 93 रनों से हराया और 2017-18 के बाद तीसरी बार यह ट्रॉफी जीती।

मैच के आखिरी दिन रेस्ट ऑफ इंडिया ने 30 रन पर 2 विकेट से पारी शुरू की और 361 रनों के बड़े लक्ष्य का पीछा करने उतरी। टीम की उम्मीदें कप्तान रजत पाटीदार पर टिकी थीं लेकिन वे जल्द ही आदित्य ठाकरे की गेंद पर कैच देकर लौट गए। इसके बाद ऋतुराज गायकवाड़ भी ज्यादा देर टिक नहीं सके और दर्शन नलकांडे की गेंद पर विकेटकीपर को कैच थमा बैठे।

विदर्भ ने ईरानी कप जीता

विकेटकीपर बल्लेबाज ईशान किशन ने 35 रन बनाए लेकिन 64 गेंदों की संयम भरी पारी के बाद हर्ष दुबे की गेंद पर बड़ा शॉट खेलने के चक्कर में डीप मिडविकेट पर कैच दे बैठे। जल्द ही सारांश जैन भी हर्ष राखाडे की गेंद पर एलबीडब्ल्यू आउट हुए और स्कोरबोर्ड पर 133 पर 6 का स्कोर नजर आने लगा।

यश धुल की पारी नहीं आई काम

इसी मुश्किल वक्त में 22 वर्षीय यश धुल ने मोर्चा संभाला। उन्होंने मानव सुथार के साथ सातवें विकेट के लिए 104 रन जोड़े। धुल ने 117 गेंदों पर 8 चौके और 1 छक्का लगाकर शानदार 92 रन बनाए। उनकी पारी ने मुकाबले को फिर से रोमांचक बना दिया था। लेकिन यश ठाकुर की शॉर्ट गेंद पर लगाए गए अपर कट ने डीप थर्ड पर फील्डर को कैच थमा दिया।

इसके बाद ठाकुर ने अगले ही गेंद पर अंशुल कम्बोज को बोल्ड कर दिया। विदर्भ के गेंदबाज अब पूरी तरह हावी थे। हर्ष दुबे ने अपने स्पिन जाल में आकाशदीप और आखिर में गुरनूर बरार को भी निपटाकर जीत पक्की कर दी। दुबे ने 73 रन देकर 4 विकेट झटके जबकि ठाकुर ने अहम मौके पर दो विकेट हासिल किए।

इससे पहले, विदर्भ ने पहली पारी में अथर्व ताइड़े (143) और यश राठौड़ (91) की पारियों की बदौलत 342 रन बनाए थे। ठाकुर की शानदार गेंदबाज़ी (4 विकेट) से रेस्ट ऑफ इंडिया पहली पारी में 214 पर सिमट गई। तीसरी पारी में कम्बोज के चार विकेट के बावजूद विदर्भ ने 232 रन बनाए और रेस्ट ऑफ इंडिया को 361 का कठिन लक्ष्य दिया, जो आखिरकार बहुत बड़ा साबित हुआ।

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