Cricket News: भारत के खिलाफ डेब्यू करने वाले क्रिकेटर को कैंसर, बोला- पूरे शरीर में फैल गया, बाल तक झड़ गए
निक मैडिनसन ने टेस्टिकुलर कैंसर से लड़ी कठिन जंग। कैंसर फेफड़ों और लिम्फ नोड्स तक फैल गया था। कई सेशन की कीमोथैरेपी के बाद अब वो ठीक हैं।
Nic Maddinson batter cancer: निक मैडिनसन ने कैंसर से जुड़ी संघर्ष की कहानी सुनाई।
ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज निक मैडिनसन ने अपनी जिंदगी के सबसे मुश्किल दौर का खुलासा किया। 33 साल के मैडिनसन ने बताया कि उन्हें टेस्टिकुलर कैंसर हो गया था, जो शरीर के अन्य हिस्सों में भी फैल गया था। उन्होंने कहा कि यह अहसास बेहद डरावना था और उन्हें लगा जैसे जिंदगी थम गई हो।
मैडिनसन, जिन्होंने 2012 में भारत के खिलाफ टी20 इंटरनेशनल डेब्यू किया था, ने बताया कि मई के मध्य से शुरू हुई कीमोथैरेपी उनके जीवन के सबसे लंबे नौ हफ्ते रहे। मार्च में न्यू साउथ वेल्स की टीम से बाहर होने के बाद उन्हें डॉक्टरों ने कैंसर का पता लगाया। सर्जरी के बाद उन्हें पता चला कि कैंसर उनके पेट के लिम्फ नोड्स और फेफड़ों तक फैल चुका।
बाल झड़ गए, शरीर थक गया: मैडिनसन
मैडिनसन ने बताया, 'जब मुझे पता चला कि कीमोथैरेपी करानी पड़ेगी, तो वह बहुत मुश्किल पल था। कुछ ही हफ्तों में मेरे सारे बाल झड़ गए। मैं बहुत थका हुआ महसूस करता था और लगातार सोने की इच्छा होती थी। साइड इफेक्ट्स को कंट्रोल करने के लिए जो स्टेरॉयड ले रहा था, उनसे नींद भी नहीं आती थी। कई बार रातभर जागता रहता था।' इसी दौरान उनकी पत्नी बियांका ने उनके दूसरे बच्चे, वाइल्डर, को जन्म दिया। परिवार का सपोर्ट ही मेरी सबसे बड़ी ताकत बना।
जुलाई में खत्म हुआ मैडिनसन इलाज
मैडिनसन की कीमोथैरेपी जुलाई में खत्म हुई और सितंबर में डॉक्टरों ने उन्हें कैंसर-फ्री घोषित किया। इलाज के बाद उन्होंने सिडनी के ओलंपिक पार्क स्थित न्यू साउथ वेल्स मुख्यालय में अभ्यास शुरू किया।
उन्होंने कहा, 'यह जानकर बहुत डर लगा कि मैंने इसे जल्दी पकड़ लिया था, फिर भी यह शरीर के अन्य हिस्सों में फैल गया था। इससे मुझे एहसास हुआ कि किसी भी लक्षण को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। अगर कुछ भी गलत लगे, तो तुरंत डॉक्टर से जांच करानी चाहिए।'
निक मैडिनसन ने अब तक 10000 से ज्यादा प्रोफेशनल रन बनाए हैं और उम्मीद है कि वह जल्द ही मैदान पर वापसी करेंगे। उनकी कहानी न सिर्फ हिम्मत की मिसाल है, बल्कि एक चेतावनी भी कि सेहत से बड़ा कुछ नहीं।