Gyanvapi Mosque: ज्ञानवापी विवाद में सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, अब सील वजूखाने की होगी सफाई, इसी जगह 'शिवलिंग' होने का दावा

Varanasi Gyanvapi Mosque Dispute: ​​​​​​​हिंदू पक्ष ने इस साल की शुरुआत में सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की थी। जिसमें कहा गया था कि 12 से 25 दिसंबर, 2023 के बीच मरी हुई मछलियों के कारण 'वजूखान' स्थल पर गंदगी जमा हो गई है।

Updated On 2024-01-16 15:22:00 IST
Gyanvapi mosque

Varanasi Gyanvapi Mosque Dispute: वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद विवाद में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला दिया। सुप्रीम कोर्ट ने ज्ञानवापी के अंदर 'वजूखाना' की सफाई की अनुमति दी। इसे मई 2022 से सील कर दिया गया था। शीर्ष अदालत ने अपना आदेश सुनाते हुए कहा कि सफाई प्रक्रिया वाराणसी के जिला मजिस्ट्रेट की निगरानी में की जाएगी। मुस्लिम पक्ष ने भी इस पर कोई आपत्ति नहीं जताई है। 

16 मई, 2022 से सील है जलाशय
दरअसल, 'वजूखाना' वह जलाशय है, जहां श्रद्धालु नमाज अदा करने से पहले हाथ-पैर धोते हैं। लेकिन जलाशय के बीच लगे एक पत्थर को हिंदू पक्ष ने शिवलिंग बताया था। जबकि मुस्लिम पक्ष ने फव्वारा करार दिया था। अदालत के आदेश पर 16 मई, 2022 को इसे सील कर दिया गया था। शिवलिंग जैसी संरचना काशी विश्वनाथ मंदिर के बगल में स्थित मस्जिद में अदालत द्वारा सर्वेक्षण कराए जाने के दौरान मिली थी। 

इस वजह से दाखिल की थी याचिका
हिंदू पक्ष ने इस साल की शुरुआत में सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की थी। जिसमें कहा गया था कि 12 से 25 दिसंबर, 2023 के बीच मरी हुई मछलियों के कारण 'वजूखान' स्थल पर गंदगी जमा हो गई है। हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि जो हिंदू वहां प्रार्थना करने जाते हैं, उन्होंने उस स्थान के गंदे होने की शिकायत की है। यह अच्छा नहीं लगता कि जिस स्थान पर वे प्रार्थना करने जाते हैं वह मरी हुई मछलियों और सड़ते हुए पानी से अटा पड़ा है। 

उन्होंने कहा कि एक ट्रायल कोर्ट ने 16 मई, 2022 को 'वज़ुखाना टैंक' को सील करने का आदेश दिया था और शीर्ष अदालत ने अगले दिन फैसले को बरकरार रखा था। विष्णु शंकर जैन ने कहा कि चूंकि मामला सुप्रीम कोर्ट के समक्ष लंबित था, इसलिए केवल वही इस मामले पर आदेश दे सकता था।

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