Ajmer Sharif Dargah: अजमेर शरीफ दरगाह मामले में महबूबा मुफ्ती का बड़ा बयान, बोलीं- 'इससे खूनखराबा हो सकता है'

Ajmer Sharif Dargah: जम्मू-कश्मी की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती ने अजमेर शरीफ दरगाह और संभल के मस्जिद मामले को लेकर बड़ा बयान दिया है। कहा कि इससे सांप्रदायिक हिंसा हो सकती है ऐसे में इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा?

Updated On 2024-11-28 20:55:00 IST
अजमेर शरीफ दरगाह मामले में महबूबा मुफ्ती ने दिया बड़ा बयान।

Ajmer Sharif Dargah: जम्मू-कश्मीर की पूर्व सीएम और पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती ने अजमेर शरीफ दरगाह को हिंदू मंदिर बताने वाली याचिका को लेकर कड़ा बयान दिया है। महबूबा ने कहा कि मस्जिदों और दरगाहों को निशाना बनाने से खूनखराबा हो सकता है। महबूबा ने पूर्व सीजेआई पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके चलते अल्पसंख्यकों के धार्मिक स्थलों को लेकर विवादित चर्चाएं शुरू हो गई हैं।

इसको लेकर महबूबा ने 'एक्स' पर लिखा, ''सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि 1947 में मौजूद संरचनाओं पर यथास्थिति रहेगी, इसके बावजूद उनके (पूर्व सीजेआई) आदेश ने इन स्थानों के सर्वे का रास्ता तैयार कर दिया। इससे हिंदुओं और मुसलमानों के बीच तनाव की संभावना बढ़ गई है।'' महबूबा सीधे पूर्व सीजेआई जस्टिस चंद्रचूड़ की ओर इशारा कर रही थीं, जिन्होंने ज्ञानवापी के वैज्ञानिक सर्वे की अनुमति दी थी। महबूबा मुफ्ती ने यहां तक कहा कि संभल में हुई ताजा हिंसा उसी फैसले का नतीजा है।

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मुफ्ती ने कहा कि पहले मस्जिद और अब अजमेर शरीफ जैसे मुस्लिम दरगाहों को निशाना बनाया जा रहा है। इससे खून खराबा हो सकता है। उन्होंने आगे कहा, ''अब सवाल बना हुआ है कि विभाजन के दिनों को याद दिलाने वाली सांप्रदायिक हिंसा की जिम्मेदारी कौन लेगा?''

सज्जाद गनी लोन ने साधा निशाना
पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के नेता सज्जाद गनी लोन ने याचिका पर आपत्ति जताते हुए कहा कि देश की प्राथमिकताओं पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। लोन ने कहा कि जब हम 2025 की तरफ बढ़ रहे हैं और आज का युग आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का है। ऐसे में अफसोस की बात है कि समाज पिछड़ेपन के रास्ते को चुन रहा है।

भारतीय होने के नाते हमें ईमानदार होने की जरूरत है कि हमने प्रौद्योगिकी की क्रांति में कोई योगदान नहीं दिया है।लोन ने कहा कि देश का ध्यान छुपे हुए मंदिरों को उजागर करने के जुनून की तरफ है। एक बड़ा वर्ग इसकी सराहना भी कर रहा है। पढ़े-लिखे लोगों को जिन्हें प्रौद्योगिकी की क्रांति के लिए आगे आना चाहिए तो वे मिथक बनाने में लगे हुए हैं।

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