Governor vs Government: राष्ट्रगान नहीं बजा तो बिफरे तमिलनाडु के राज्यपाल, अभिभाषण अधूरा छोड़ सदन से बाहर निकले

Governor vs Government: तमिलनाडु में एक बार फिर से सरकार और राज्यपाल के बीच विवाद सामने आया है। सोमवार को तमिलनाडु के राज्यपाल अभिभाषण बीच में ही छोड़कर बाहर निकल गए। राज्यपाल ने द्रमुक पर अपनी सलाह की अनदेखी करने का आरोप लगाया।

Updated On 2024-02-12 19:14:00 IST
तमिलनाडु में एक बार फिर से राज्यपाल और राज्य सरकार के बीच विवाद सामने आया है।

Governor vs Government: तमिलनाडु में सरकार और राज्यपाल के बीच विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। सोमवार को एक बार फिर से एक बानगी देखने को मिली। राज्यपाल आरएन रवि अपना अभिभाषण पूरा किए बगैर ही विधानसभा से बाहर निकल गए। उन्होंने चंद मिनटों के दौरान ही अभिभाषण खत्म कर दिया। राज्यपाल ने राष्ट्रगान के प्रति सम्मान जाहिर नहीं करने के लिए राज्य की डीएमके सरकार पर नाराजगी जाहिर की। इस मुद्दे पर अब भाजपा और द्रमुक के बीच जुबानी जंग शुरू हो गई। 

क्यों नाराज हुए तमिलनाडु के राज्यपाल 
राज्यपाल आर एन रवि सदन में अभिभाषण पढ़ रहे थे। इसका लाइव प्रसारण किया जा रहा था। अभिभाषण पढ़ते-पढ़ते रुक गए। फिर कहा कि मैंने बार-बार अनुरोध किया, इसके बाद भी राष्ट्रगान के प्रति उचित सम्मान नहीं दिखाया गया। राष्ट्रगान को राज्यपालन के संबोधन और पहले बजाने के अनुरोध की अनदेखी कर दी गई। इस अभिभाषण में कई ऐसी बाते हैं जिनसे मैं तथ्यात्मक और नैतिक आधार पर सहमत नहीं हूं। अगर मैं इसे पढ़ता हूं तो यह एक संवैधानिक उपहास होगा। इसलिए, सभा का सम्मान करते हुए मैं अभिभाषण समाप्त करता हूं। जनकल्याण के लिए हाऊस में सार्थक और स्वस्थ चर्चा की कामना करता हूं। 

राज्यपाल को इसका अधिकार है: तिरुपति
तमिलनाडु भाजपा के उपाध्यक्ष नारायण तिरुपति ने इस मामले पर द्रमुक की आलोचना की। तिरुपति ने कहा कि राज्यपाल ने कई बार विधानसभा सत्र के शुरू होने और खत्म होने से पहले राष्ट्रगान बजाने की सलाह दी है। पता नहीं द्रमुक को ऐसा करने में क्या तकलीफ हो रही है। भाजपा नेता ने  कहा कि राज्यपाल को इस बात का पूरा हक है कि अगर अभिभाषण में गलत आंकड़े है तो उसे हटा दें या अस्वीकार कर दें। 
विधानसभा अध्यक्ष बोले- राज्यपाल को दोष नहीं दूंगा
राज्य विधानसभा अध्यक्ष एम अप्पावू ने कहा कि राज्यपाल ने भले ही विधानसभा में अपना पूरा अभिभाषण नहीं पढ़ा,लेकिन हम उन्हें दोष नहीं देंगे। सदन में राष्ट्रगान बजाया जाना चाहिए। हर व्यक्ति की अपनी-अपनी राय होती है। अगर हम इस मामले पर कुछ भी कहेंगे तो यह नैतिक नहीं माना जाएगा। इस सरकार में मुख्यमंत्री, मंत्री और विधायकों के विचार अलग हो सकते हैं, लेकिन इन सबके बावजूद वह सभी राज्यपाल के साथ बेहद सम्मान से पेश आते हैं।

राज्यपाल को पता नहीं तमिलनाडु कहां है: एलंगोवन
द्रमुक नेता टीकेएस एलंगोवन ने कहा कि राज्यपाल को शायद पता नहीं है कि तमिलनाडु कहां हैं। उन्हें पता होना चाहिए कि तमिलनाडु में बीते 25 साल से राज्यपाल के अभिभाषण से पहले विधानसभा में सबसे पहले तमिलन गान बजाया जाता है। इसके बाद अंत में राष्ट्रगान गाया जाता है। पिछले 20 से 25 सालों से यही परंपरा रही है। राज्यपाल अभिभाषण से सहमत या नहीं सहमत होने वाले कौन होते हैं। वह इसे पढ़े या न पढ़ें, कम से कम विधानसभा की कार्यवाही का हिस्सा बनने दें। 

राज्यपाल का पहले से ही मजाक उड़ाया जा रहा
द्रमुक नेता ने कहा कि पार्टी कही सरकार चलाती है। द्रमुक लोगों से कुछ वादे करके सत्ता में आई है। इन्हीं वादों के आधार पर लोगों ने उसे चुना है। यह पार्टी काे तय करना है कि क्या करना है या नहीं। संसद में भी राष्ट्रपति का अभिभाषण सरकार के कैबिनेट तैयार करती है। राष्ट्रपति खुद अपना अभिभाषण तैयार नहीं करवाते। राज्यपाल का पहले ही कई लोग मजाक उड़ा रहे हैं। अब वह धीरे-धीरे जोकर बनता जा रहा है। 

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