Lok Sabha Wayanad Seat: राहुल गांधी ने वायनाड सीट छोड़ी, रायबरेली से बने रहेंगे सांसद; प्रियंका वाड्रा लड़ेंगी उप-चुनाव

Lok Sabha Wayanad Seat: बैठक के बाद खरगे ने कहा कि राहुल गांधी वायनाड सीट छोड़ेंगे और रायबरेली अपने पास रखेंगे। वहीं अब वायनाड सीट से प्रियंका गांधी वाड्रा उप चुनाव लड़ेगी।

Updated On 2024-06-17 20:06:00 IST
Congress Wayanad Seat

Lok Sabha Wayanad Seat: लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के आवास पर सोमवार(17 जून) को बैठक हुई। इस बैठक में राहुल गांधी की संसदीय सीट(वायनाड और रायबरेली) को लेकर फैसला किया गया। बैठक के बाद खरगे ने कहा कि राहुल गांधी वायनाड सीट छोड़ेंगे और रायबरेली अपने पास रखेंगे। इस मीटिंग में सोनिया गांधी के साथ राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा और केसी वेणुगोपाल भी शामिल हुए। 

प्यार और समर्थन के लिए धन्यवाद
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी का कहना है कि मेरा वायनाड और रायबरेली से भावनात्मक रिश्ता है। मैं पिछले 5 साल से वायनाड से सांसद था। मैं लोगों को उनके प्यार और समर्थन के लिए धन्यवाद देता हूं। प्रियंका गांधी वाड्रा वायनाड से चुनाव लड़ेंगी। लेकिन मैं भी वायनाड जाऊंगा और वहां की जनता से जो वादे किए है वो पूरे करेंगे। 

राहुल गांधी ने आगे कहा कि क्योंकि मेरा रायबरेली से पुराना रिश्ता है, इसलिए मुझे खुशी है कि मुझे फिर से उनका प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला, लेकिन वायनाड सीट छोड़ना कठिन निर्णय था।

2019 में राहुल गए थे वायनाड
राहुल गांधी पहली बार वायनाड सीट से 2019 में चुनाव लड़े थे और उन्हें जीत भी मिली थी। तब अमेठी में राहुल गांधी को बीजेपी नेता स्मृति ईरानी के सामने हार का सामना करना पड़ा था। अब 2024 के चुनाव में राहुल गांधी फिर से दो सीटों(वायनाड और रायबरेली) से मैदान में उतरे थे। इस बार राहुल दोनों ही सीटों पर जीत हासिल करने में सफल रहे। वायनाड की तुलना में राहुल को रायबरेली में ज्यादा बड़ी जीत मिली है।

गांधी परिवार की पारंपरिक सीट रही है रायबरेली
इससे पहले रायबरेली की सीट कांग्रेस के पास ही थी और सोनिया गांधी सांसद थीं। 2024 के चुनाव से ठीक पहले सोनिया गांधी चुनावी राजनीति से खुद को अलग करते हुए राजस्थान से राज्यसभा के लिए चुनी गईं। सोनिया गांधी रायबरेली से पांच बार सांसद चुनी गई थीं। सोनिया गांधी से पहले भी रायबरेली की सीट पर गांधी परिवार का वर्चस्व रहा था। यही वजह है कि रायबरेली की सीट गांधी परिवार की पारंपरिक सीट मानी जाती है।

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