Techie Dies By Suicide: काम के बोझ से परेशान सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने की आत्महत्या, पुलिस बोली- 2 महीने से डिप्रेशन में था

चेन्नई का इंजीनियर काम के दबाव से डिप्रेशन में आया और उसने आत्महत्या कर ली। कुछ दिन पहले EY इंडिया की सीए मौत हुई, जिसमें ऑफिस के टॉक्सिक वर्क कल्चर को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है।

Updated On 2024-09-22 14:50:00 IST
Work Pressure Suicide

Chennai Techie Dies By Suicide: चेन्नई में 38 वर्षीय सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने कथित तौर पर काम के दबाव और डिप्रेशन के कारण आत्महत्या कर ली। पुलिस ने बताया इंजीनियर का नाम कार्तिकेयन था, जिसने खुद को इलेक्ट्रोक्यूट कर लिया। गुरुवार को वह पत्नी को घर में तारों के बीच उलझा हुआ मिला था। कार्तिकेयन तमिलनाडु के थेनी जिले का रहने वाला था और चेन्नई में अपनी पत्नी और दो बच्चों ( उम्र 8 और 10 साल) के साथ रहता था। वह पिछले 15 साल से एक सॉफ्टवेयर कंपनी में काम कर रहा था। उधर, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्रालय से EY इंडिया की चार्टर्ड अकाउंटेंट की मौत को लेकर विस्तृत जवाब मांगा है।

2 महीने से डिप्रेशन का इलाज करवा रहा था इंजीनियर
पुलिस के मुताबिक, कार्तिकेयन ने पहले ही काम के दबाव को लेकर शिकायत की थी और वह पिछले 2 महीने से उसका डिप्रेशन का इलाज चल रहा था। सुसाइड के वक्त कार्तिकेयन घर में अकेला था। उसकी पत्नी के. जयरानी सोमवार को तिरुनल्लूर मंदिर गई थीं, जो चेन्नई से 300 किमी दूर है। इसके लिए उसने बच्चों को अपनी मां के पास छोड़ दिया था। गुरुवार रात जब वह लौटीं, तो दरवाजा अंदर से बंद था और कोई जवाब नहीं मिला। उन्होंने चाबी से दरवाजा खोला और कार्तिकेयन को तारों में उलझा पाया।

EY इंडिया में कामकाजी माहौल की जांच कर रहा श्रम मंत्रालय
सॉफ्टवेयर इंजीनियर के सुसाइड के बाद देशभर में काम करने की टॉक्सिक सिचुएशन को लेकर बहस छिड़ गई है। इससे पहले जुलाई में पुणे स्थित EY इंडिया में कार्यरत 26 वर्षीय चार्टर्ड अकाउंटेंट अन्न सेबेस्टियन पेराइल की मौत हुई थी। जिसे लेकर पहले ही ऑफिसों में कामकाजी माहौल ठीक नहीं होने को लेकर आक्रोश है। अन्ना की मां का आरोप है कि अत्यधिक काम के बोझ ने बेटी की सेहत पर बुरा असर डाला, जिससे उसकी मौत हो गई। केंद्रीय श्रम मंत्रालय ने इस मामले में उच्च स्तरीय जांच कराने का आदेश दिया है।

मानवाधिकारों के उल्लंघन को लेकर NHRC ने चिंता जताई 
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्रालय से EY इंडिया की चार्टर्ड अकाउंटेंट की मौत पर विस्तृत जवाब मांगा है। NHRC ने अन्ना की मौत के लिए जिम्मेदार परिस्थितियों पर गहरी चिंता जताई है। आयोग ने कहा कि तनाव, चिंता, नींद की कमी, और असंभव लक्ष्यों को पूरा करने की निरंतर दौड़ ने कर्मचारियों के "मानवाधिकारों के गंभीर उल्लंघन" की स्थिति पैदा कर दी है। केंद्रीय श्रम मंत्री मनसुख मांडविया ने पुष्टि की कि मंत्रालय इस मामले की जांच कर रहा है।

EY Employee Anna Sebastian Perayil Death

EY इंडिया में CA की मौत पर मां ने चेयरमैन को लिखी थी चिट्ठी 

  • अन्ना की मां अनीता ऑगस्टीन ने EY इंडिया के चेयरमैन राजीव मेमानी को लिखे पत्र में कहा- ''अन्ना को रात में काम करने के लिए कहा जाता था और वह बिना आराम किए वीकेंड तक में काम करती थी। उन्हें सांस लेने की फुर्सतनहीं मिलती थी, उसके मैनेजर ने एक बार उसे एक काम के लिए रात में बुलाया, जिसे अगली सुबह तक पूरा करना था। बेटी को आराम करने या ठीक होने के लिए मुश्किल से ही वक्त मिला था। जब उसने अपनी चिंता के बारे में बॉस को बताया तो उसे उपेक्षापूर्ण प्रतिक्रिया मिली। उन्होंने कहा कि हम सभी रात में काम करते हैं, तुम भी करो।''
  • अनीता ने चिट्ठी में आगे लिखा- "अन्ना पूरी तरह हार-थककर अपने कमरे में लौट आती थी, कभी-कभी अपने कपड़े बदले बिना ही बिस्तर पर गिर जाती थी, लेकिन उस पर और अधिक रिपोर्ट मांगने वाले मैसेज की बौछार होने लगती। वह अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास कर रही थी, डेडलाइन में काम पूरा करने के लिए बहुत मेहनत कर रही थी। वह पूरी तरह से एक लड़ाकू थी, आसानी से हार मानने वालों में से नहीं थी। हमने उसे नौकरी छोड़ने के लिए कहा, लेकिन वह सीखना और नया अनुभव हासिल करना चाहती थी, हालांकि, भारी दबाव उसके लिए भी बहुत बुरा साबित हुआ।''

बेहतर कामकाजी माहौल तैयार करने लिए प्रतिबद्ध हूं: EY चेयरमैन 
इसके बाद राजीव मेमानी ने लिंक्डइन पोस्ट में लिखा- "मैं बहुत दुखी हूं और एक पिता के तौर पर मैं अनीता ऑगस्टीन के दुःख को समझ सकता हूं। मैंने परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की है, हालांकि उनके जीवन में जो खालीपन है उसे कोई नहीं भर सकता। मुझे इस बात का बहुत अफसोस है कि हम अन्ना के अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हो सके। यह हमारी संस्कृति के लिए पूरी तरह से अलग है। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। स्पष्ट करना चाहता हूं कि कर्मचारियों की भलाई मेरी सर्वोच्च प्राथमिकता है और मैं व्यक्तिगत रूप से इस उद्देश्य का समर्थन करूंगा। हम बेहतर कामकाजी माहौल तैयार करने लिए प्रतिबद्ध हूं, और जब तक यह उद्देश्य पूरा नहीं हो जाता, मैं चैन से नहीं बैठूंगा।"

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