Badlapur Sexual Abuse Case: हाईकोर्ट ने जताई चिंता, कहा- स्कूल प्रशासन पर POCSO के तहत मामला दर्ज हो

बॉम्बे हाई कोर्ट ने बदलापुर यौन शोषण मामले में स्कूल प्रशासन पर POCSO के तहत मामला दर्ज करने का आदेश दिया। कोर्ट ने पुलिस की देरी पर भी नाराजगी जताई।

Updated On 2024-08-22 22:28:00 IST
बॉम्बे हाई कोर्ट ने बदलापुर यौन शोषण मामले में स्कूल प्रशासन पर POCSO के तहत मामला दर्ज करने का आदेश दिया है।

Badlapur Sexual Abuse Case: महाराष्ट्र के ठाणे जिले के बदलापुर स्थित आदर्श स्कूल में 3 और 4 साल की बच्चियों के साथ हुए यौन शोषण के मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट ने गहरी चिंता जताई है। कोर्ट ने कहा कि अब बच्चियों तक को नहीं बख्शा जा रहा है। यह स्थिति कितनी भयावह हो चुकी है। गुरुवार, 22 अगस्त 2024 को हुई सुनवाई में हाई कोर्ट ने स्कूल प्रशासन पर POCSO के तहत मामला दर्ज करने का आदेश दिया।

स्कूल में सुरक्षा पर सवाल, कोर्ट ने जताई नाराजगी
हाई कोर्ट ने स्कूल में सुरक्षा के मुद्दे पर गंभीर सवाल उठाए। न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे और न्यायमूर्ति पृथ्वीराज चव्हाण की बेंच ने कहा कि जब खुद स्कूल ही सुरक्षित नहीं है, तो फिर शिक्षा के अधिकार और अन्य मुद्दों पर बात करने का क्या मतलब है? कोर्ट ने इस बात पर गहरी नाराजगी जताई कि स्कूल प्रशासन ने इस गंभीर घटना की जानकारी छुपाई। [School Safety]

सरकार से मांगी केस डायरी और FIR की कॉपी
बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए सरकार से केस डायरी और FIR की कॉपी मांगी है। इस दौरान, एडवोकेट जनरल बीरेंद्र साराफ ने कोर्ट में सरकार का पक्ष रखा। कोर्ट ने अगले हफ्ते मंगलवार, 27 अगस्त 2024 को मामले की अगली सुनवाई की तारीख तय की है। सरकार को निर्देश दिया गया है कि वह उस समय तक पूरी जानकारी प्रस्तुत करे।

स्वीपर ने की थी बच्चियों के साथ यौन शोषण
यह मामला 12 और 13 अगस्त का है, जब 23 वर्षीय स्वीपर अक्षय शिंदे ने आदर्श स्कूल में केजी (Kindergarten) की बच्चियों के साथ यौन शोषण किया। कोर्ट ने बुधवार, 21 अगस्त 2024 को इस मामले का स्वतः संज्ञान लिया। कोर्ट ने कहा कि इस तरह के मामलों में स्कूल प्रशासन की जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है। 

कोर्ट ने पूछा- स्कूल प्रशासन के खिलाफ मामला क्यों नहीं दर्ज हुआ?
कोर्ट ने पूछा कि क्या बच्चियों ने यौन शोषण की शिकायत स्कूल प्रशासन से की थी? सरकार ने जवाब दिया कि हां, की थी। कोर्ट ने फिर पूछा कि पुलिस ने स्कूल प्रशासन के खिलाफ मामला दर्ज क्यों नहीं किया? POCSO के तहत जानकारी छुपाने के लिए स्कूल प्रशासन को आरोपी बनाया जाना चाहिए था। 

बदलापुर पुलिस की देरी पर कोर्ट की फटकार
हाई कोर्ट ने कहा कि बदलापुर पुलिस ने दूसरी बच्ची के परिवार का बयान भी दर्ज नहीं किया था। जब हमने मामले का संज्ञान लिया, तो पुलिस ने आधी रात के बाद बयान दर्ज किया। कोर्ट ने कहा कि इतना समय क्यों लिया गया? आधी रात के बाद बयान लेना कहां तक उचित है? इस पर कोर्ट ने पुलिस और राज्य सरकार को कड़ी फटकार लगाई।

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