Malegaon Blast Case: NIA कोर्ट का बड़ा फैसला, 'मालेगांव ब्लास्ट केस' में साध्वी प्रज्ञा समेत सभी सात आरोपी बरी; जानिए क्या हुआ था 29/2008 को?

2008 Malegaon Blast Case: महाराष्ट्र के 'मालेगांव ब्लास्ट केस' में एनआईए कोर्ट ने गुरुवार (31 जुलाई) को बड़ा फैसला सुनाते हुए पूर्व भाजपा सांसद साध्वी प्रज्ञा समेत सात आरोपियों को बरी कर दिया।

By :  Desk
Updated On 2025-07-31 13:33:00 IST

मालेगांव बलास्ट मामले में पूर्व भाजपा सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर समेत सभी सात आरोपी बरी।

2008 Malegaon Blast Case: महाराष्ट्र के 'मालेगांव ब्लास्ट केस' में एनआईए की स्पेशल कोर्ट ने गुरुवार (31 जुलाई) को 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में पूर्व भाजपा सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर और लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित सहित सभी सात आरोपियों को बरी कर दिया। यह घटना महाराष्ट्र के सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील मालेगांव शहर में हुए विस्फोट के लगभग 17 साल बाद हुई है जिसमें छह लोगों की मौत हो गई थी और 100 से अधिक लोग घायल हो गए थे।

मामले में 8 मई 2025 को फैसला बना था, लेकिन बाद में इसे 31 जुलाई तक के लिए सुरक्षित रख लिया था। अब, कोर्ट ने आखिरकार अपना फैसला सुना दिया।


मालेगांव में क्या हुआ था?

29 सितंबर 2008 को महाराष्ट्र के मालेगांव में एक मोटरसाइकिल में तेज धमाका हुआ था। ब्लास्ट में छह लोग मारे गए थे। 100 से ज्यादा घायल हुए थे। ब्लास्ट के पीछे हिंदू राइट विंग ग्रुप्स से जुड़े लोगों का हाथ होने की बात सामने आई थी। केस की शुरुआती जांच महाराष्ट्र एटीएस ने की थी। 2011 में केस एनआईए को सौंप दिया गया। 2016 में एनआईए ने चार्जशीट दायर की।

3 जांच एजेंसियां और 4 जज बदल चुके हैं

NIA ने 323 से ज़्यादा अभियोजन पक्ष के गवाहों से पूछताछ की। जिनमें से लगभग 40 अपने बयानों से मुकर गए। 7 आरोपियों पर मुकदमा चला। सभी जमानत पर बाहर हैं। उन पर से मुकदमा इस साल अप्रैल में खत्म हो गया। जिसके बाद फैसला सुरक्षित रख लिया गया था। मामले में 3 जांच एजेंसियां और 4 जज बदल चुके हैं। इससे पहले 8 मई 2025 को फैसला आने वाला था, लेकिन बाद में इसे 31 जुलाई तक के लिए सुरक्षित रख लिया था।

इन पर लगे थे आरोप 

मामले में साध्वी प्रज्ञा, कर्नल प्रसाद पुरोहित, मेजर रमेश उपाध्याय, अजय राहिरकर, समीर कुलकर्णी, स्वामी दयानंद पांडे और सुधाकर चतुर्वेदी पर हिंदुत्व विचारधारा से जुड़ी एक व्यापक साजिश के तहत विस्फोट की साजिश रचने और उसे अंजाम देने का आरोप लगा था। आरोपी रमेश उपाध्याय का कहना है कि जांच में खामियां थीं और आरोपियों को फंसाया गया। दूसरे आरोपी समीर कुलकर्णी ने भी एटीएस की जांच पर सवाल उठाया था।

कौन हैं प्रज्ञा ठाकुर ?

भोपाल की पूर्व बीजेपी सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर पर मालेगांव में हुए धमाकों की साजिश रचने का आरोप है। प्रज्ञा के पिता सीपी ठाकुर आरएसएस से जुड़े थे। 14 साल की उम्र में ही प्रज्ञा का झुकाव आरएसएस की ओर हो गया था। प्रज्ञा कॉलेज के दिनों में एबीवीपी से जुड़ी थीं। प्रज्ञा ने पढ़ाई पूरी होने के बाद सूरत में एक आश्रम बनाया और अपनी फैमिली को भी वहीं बुला लिया।

प्रज्ञा पर आरएसएस प्रचारक सुनील जोशी की हत्या का भी आरोप है। जोशी की 27 दिसंबर 2007 को देवास में हत्या की गई थी। प्रज्ञा को 23 अक्टूबर 2008 में गिरफ्तार किया गया था।

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