कर्नाटक में ब्रेकफास्ट पॉलिटिक्स: नाश्ते पर पहुंचे CM सिद्धरमैया, डी के शिवकुमार ने किया स्वागत

कर्नाटक में सत्ता को लेकर जारी खींचतान के बीच CM सिद्धारमैया और डिप्टी CM DK शिवकुमार की ब्रेकफास्ट मीटिंग सुर्खियों में। गृहमंत्री परमेश्वर बोले-सबकी अपनी आकांक्षाएं, फैसला हाईकमान करेगा।

Updated On 2025-12-02 18:20:00 IST

नाश्ते पर पहुंचे CM सिद्धरमैया

कर्नाटक में मुख्यमंत्री पद को लेकर चल रही अंदरूनी खींचतान एक बार फिर सुर्खियों में है। इसी बीच मुख्यमंत्री सिद्धारमैया मंगलवार सुबह डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार के घर नाश्ते के लिए पहुंचे, जहां दोनों नेताओं ने सौहार्दपूर्ण माहौल में बातचीत की। शिवकुमार और उनके भाई पूर्व सांसद डीके सुरेश ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया।

गृह मंत्री जी परमेश्वर, जो खुद भी मुख्यमंत्री पद के दावेदारों में शामिल माने जाते हैं, ने इस मुलाकात को सकारात्मक बताया। उन्होंने कहा, “हमारे नेता फिर एक साथ नाश्ते पर मिल रहे हैं, यह अच्छी बात है। विवाद शांतिपूर्ण तरीके से सुलझ जाए, यही हमारी इच्छा है। हाईकमान के सुझाव पर यह दूसरी बैठक हो रही है और सभी मुद्दे लगभग सुलझ चुके हैं।”

परमेश्वर ने यह भी कहा कि पार्टी में अलग-अलग लोगों की अपनी आकांक्षाएं होती हैं, और सही समय आने पर वे उसे व्यक्त करते हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि बातचीत से सभी भ्रम दूर होंगे और पार्टी एकजुट रहेगी।

यह नाश्ता बैठक 29 नवंबर को सिद्धारमैया के कावेरी निवास पर हुई हाई-लेवल चर्चा के बाद आयोजित की गई। उस बैठक को शिवकुमार ने “कर्नाटक की प्राथमिकताओं पर उपयोगी बातचीत” बताया था, लेकिन इसे कांग्रेस के भीतर चल रही पावर टसल को कम करने का प्रयास भी माना गया।

दरअसल, शिवकुमार के समर्थक जोर दे रहे हैं कि कांग्रेस सरकार के बचे हुए 2.5 साल के लिए उन्हें मुख्यमंत्री बनाया जाए। 2023 की मानी जा रही “पावर-शेयरिंग डील” के बाद यह मामला फिर चर्चा में आ गया है।

ब्रेकफास्ट मीटिंग के बाद शिवकुमार ने X पर पोस्ट किया कि वह और मुख्यमंत्री राज्य की प्राथमिकताओं पर आगे की रणनीति को लेकर एकमत हैं। वहीं सिद्धारमैया ने स्पष्ट किया कि उनकी स्थिति पहले जैसी ही है और किसी तरह का बदलाव नहीं हुआ है।

करीब एक घंटे की मीटिंग में इडली-सांभर और उपमा के साथ नाश्ता करने के बाद दोनों नेताओं ने कहा कि वे कांग्रेस हाईकमान के निर्णय का पालन करेंगे और किसी भी तरह की “कन्फ्यूजन” को मिलकर दूर करेंगे।

कुल मिलाकर, कर्नाटक कांग्रेस के भीतर चल रही सत्ता की खींचतान फिलहाल बातचीत के जरिए शांत करने की कोशिश में है। आने वाले दिनों में हाईकमान का फैसला इन रिश्तों की दिशा तय करेगा।

Tags:    

Similar News