SIR विवाद बढ़ा: कांग्रेस करेगी दिल्ली में बड़ी रैली, खड़गे बोले- वोटर लिस्ट में छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं
कांग्रेस ने विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के खिलाफ देशभर में विरोध तेज करते हुए दिसंबर में दिल्ली के रामलीला मैदान में बड़ी रैली की घोषणा की। पश्चिम बंगाल, केरल और तमिलनाडु में भी SIR पर विवाद गहराया है।
नई दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में पार्टी ने मंगलवार को SIR को लेकर समीक्षा बैठक की।
कांग्रेस ने विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर देशभर में अपने आंदोलन को और तेज कर दिया है। इसी मुद्दे पर मंगलवार, 18 नवंबर को पार्टी ने 12 राज्यों के वरिष्ठ नेताओं की एक अहम बैठक बुलाई, जिसकी अध्यक्षता पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने की। बैठक में राहुल गांधी, केसी वेणुगोपाल, राज्यों के प्रभारी, प्रदेश अध्यक्ष, विधानमंडल दल के नेता और CWC सदस्य मौजूद रहे।
बैठक में यह फैसला हुआ कि दिसंबर के पहले हफ्ते में दिल्ली के रामलीला मैदान में SIR के खिलाफ एक बड़ी रैली आयोजित की जाएगी। खड़गे ने कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि कांग्रेस किसी भी कीमत पर असली मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से कटने नहीं देगी। उनके मुताबिक जिस समय लोगों का भरोसा लोकतांत्रिक संस्थाओं पर कम हो रहा है, ऐसे समय में चुनाव आयोग का रवैया निराशाजनक है।
उन्होंने कहा कि आयोग को साफ करना चाहिए कि वह भाजपा के दबाव में काम नहीं कर रहा, क्योंकि भाजपा SIR को वोट चोरी का हथियार बना रही है। अगर आयोग इस पर चुप रहा तो यह उसकी मिलीभगत मानी जाएगी।
कांग्रेस ने कहा है कि वह फर्जी मतदाताओं को जोड़ने और वास्तविक मतदाताओं को हटाने की हर कोशिश का पूरा खुलासा करेगी। इसी बीच SIR के विरोध की लहर कई राज्यों में फैल चुकी है। पश्चिम बंगाल के बाद अब केरल और तमिलनाडु में भी इस प्रक्रिया के खिलाफ तेज विरोध देखा जा रहा है।
तमिलनाडु में राजस्व कर्मचारी संघों ने कामकाज का बहिष्कार शुरू कर दिया है। उनका कहना है कि स्टाफ की कमी, भारी काम का बोझ, बेहद कम समय, अधूरी ट्रेनिंग और कम मेहनताना के चलते SIR को करना संभव नहीं है।
केरल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर स्थानीय निकाय चुनाव पूरा होने तक SIR को स्थगित करने की मांग की है। वहीं IUML ने भी सुप्रीम कोर्ट में अलग याचिका देकर कहा है कि 9 और 11 दिसंबर को स्थानीय निकाय चुनाव होने वाले हैं, जबकि SIR का ड्राफ्ट 4 दिसंबर को जारी होना है। दोनों प्रक्रियाओं को एक साथ चलाना व्यावहारिक रूप से संभव नहीं है।
चुनाव आयोग का कहना है कि 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में अब तक लगभग 50.11 करोड़ फॉर्म बांटे जा चुके हैं और 98% से ज्यादा मतदाताओं तक ये फॉर्म पहुंच चुके हैं। पश्चिम बंगाल में बढ़ती शिकायतों, खासकर प्रवासी मजदूरों की तस्वीरों के गलत इस्तेमाल के मामलों के बाद आयोग अब AI-बेस्ड फेशियल रिकग्निशन सिस्टम लागू करने की तैयारी में है।
इस तकनीक से मृत और फर्जी मतदाताओं की पहचान आसान हो जाएगी, हालांकि BLO को घर-घर जाकर फोटो और हस्ताक्षर की पुष्टि करनी ही होगी और किसी भी गड़बड़ी की पूरी जिम्मेदारी भी उन्हीं की होगी।
कुल मिलाकर SIR को लेकर देशभर में राजनीतिक तापमान बढ़ गया है और कांग्रेस इसे एक राष्ट्रीय मुद्दे के रूप में उठाने की तैयारी में है।