30 की उम्र के बाद महिलाएं जरूर कराएं 8 टेस्ट, समय रहते पकड़ में आएगी बीमारी, नहीं बरतें लापरवाही

Health Tests For Women: ज्यादातर महिलाएं अपनी सेहत को लेकर लापरवाह होती हैं, लेकिन आप की उम्र अगर 30 को पार कर गई हैं तो 8 हेल्थ टेस्ट कराना बेहद जरूरी हैं।

Updated On 2024-01-02 13:42:00 IST
30 की उम्र के बाद महिलाएं कराएं 8 जरूरी हेल्थ टेस्ट।

Health Tests For Women: भारतीय घरों की धुरी महिलाएं होती हैं और सबसे ज्यादा सेहत को लेकर लापरवाह भी। यही वजह है कि बढ़ती उम्र के साथ कई बीमारियां उन्हें घेर लेती हैं। सेहत को लेकर लापरवाही कई बार बहुत भारी पड़ सकती है। आप अगर महिला हैं और 30 की उम्र को पार कर चुकी हैं तो अब सेहत के प्रति जागरुक होने का वक्त आ चुका है। इस उम्र मे आपको 8 हेल्थ टेस्ट जरूर कराना चाहिए, जिससे अपनी फिटनेस की सही स्थिति आप जान सकें। ये हेल्थ टेस्ट आपको समय रहते संभावित बीमारी के खतरे से भी आगाह कर देंगे। 

महिलाओं का शरीर कई तरह के हार्मोनल बदलाव का सामना करता है। इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक मदर्स लैप आईवीएफ सेंटर की मेडिकल डायरेक्टर और गायनेकोलॉजिस्ट डॉ. शोभा गुप्ता 30 की उम्र के बाद महिलाओं को 8 जरूरी टेस्ट कराने की सलाद देती हैं।

ब्रेस्ट कैंसर स्क्रीनिंग - महिलाओं में 30 की उम्र के बाद ब्रेक कैंसर के खतरे को लेकर संवेदनशीलता काफी बढ़ जाती है। रेगुलर मेमोग्राफी कराने से इस हेल्थ कंडीशन का समय रहते ही पता लगाया जा सकता है और सही इलाज किया जा सकता है। 

सर्विकल कैंसर स्क्रीनिंग - महिलाओं में सर्विकल कैंसर यूटेरस के निचले हिस्से में होता है। पैप स्मियर टेस्ट की मदद से सर्विक्स में कैंसर सेल्स की मौजूदगी का पता लगाया जाता है। 21 साल की उम्र के बाद महिलाओं को 5 साल में एक बार पैप स्मियर टेस्ट कराने की सलाह दी जाती है। 

बोन डेंसिटी स्क्रीनिंग - महिलाओं में 30 साल की उम्र पार करने के बाद धीरे-धीरे बोन डेंसिटी कम होने लगती है। ऐसे में उन्हें रेगुलर ऑस्टियोपोरोसिस की स्क्रीनिंग करानी चाहिए।

डायबिटीज स्क्रीनिंग - डायबिटीज एक कॉमन बीमारी हो चुकी है जो कि कम उम्र में ही लोगों को अपना शिकार बनाने लगी है। महिलाओं को 30 की उम्र के बाद से हर तीन साल में डायबिटीज का टेस्ट कराना चाहिए। फैमिली हिस्ट्री होने पर तो ये टेस्ट अनिवार्य हो जाता है। 

ब्लड प्रेशर स्क्रीनिंग - महिलाएं अगर ब्लड प्रेशर को रेगुलर चेक कराती हैं तो इससे हार्ट डिजीज के रिस्क को कम किया जा सकता है। परिवार की हिस्ट्री होने पर बीपी की समस्या होने की आशंका बढ़ जाती है। 

थायराइड टेस्ट - लगातार थकान रहना, वजन का अचानक कम या ज्यादा हो जाना या फिर मूड में बार-बार बदलाव, ये सभी थायराइड के लक्षण हो सकते हैं। ऐसे में महिलाओं को 30 के बाद थायराइड का टेस्ट जरूर कराना चाहिए। मां-बाप में से किसी को अगर थायराइड की समस्या रही है तो फिर इसके लिए जागरूक रहना जरूरी है। 

विटामिन डी टेस्ट - विटामिन डी का लेवल शरीर में सही होना जरूरी होता है। हड्डियों और दातों को मजबूत बनाने के लिए पर्याप्त विटामिन डी का होना जरूरी है। इम्यून सिस्टम, ब्रेन, नर्वस सिस्टम को भी विटामिन डी बेहतर बनाता है। ऐसे में इसका टेस्ट कराना भी महिलाओं के लिए जरूरी है। 

प्री-मेरिटल हेल्थ टेस्ट - आजकल प्री मेरिटल टेस्ट का चलन भी काफी बढ़ने लगा है। इसके तहत जरूरी ब्लड टेस्ट किए जाते हैं जिससे ब्लड रिलेडेट डिसऑर्डर जैसे थैलेसीमिया और अन्य बीमारियों का पता लगता है। 

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