बच्चों की परवरिश में पिता निभाएं 'सुपर डैड' वाली 5 जिम्मेदारियां, बच्चे बनेगें स्मार्ट और कॉन्फिडेंट

Parenting Tips: बच्चों की परवरिश में उन्हें पिता से मिली सीख उन्हें जीवनभर काम आती है। इससे बच्चों को स्मार्ट और कॉन्फिडेंट बनने में मदद मिलती है।

Updated On 2024-01-18 17:44:00 IST
बच्चों को सुरक्षित महसूस कराना पिता की जिम्मेदारी होती है।

Parenting Tips: बच्चे को एक बेहतर इंसान बनाने में मां की जितनी बड़ी भूमिका होती है, पिता का भी उतना ही अहम रोल होता है। पिता की सिखायी बातें बच्चों को जीवनभर काम आती हैं। पिता की ये सीख बच्चे को न सिर्फ कॉन्फिडेंट और स्मार्ट बनाती है, बल्कि उन्हें इस दुनिया में संघर्ष करने का माद्दा भी सिखाती हैं। ऐसे में पिता होने के नाते ये बेहद अहम जिम्मेदारी हो जाती है कि बच्चों के डेवलपमेंट में बड़ी भूमिका निभाकर कोई कोताही नहीं बरती जाए। 

पिता निभाएं 5 जिम्मेदारियां 

सिक्युरिटी - बच्चों के लिए उनके पिता सुपर डैड की तरह होते हैं। पिता जब भी आसपास होते हैं तो बच्चे सुरक्षित महसूस करते हैं। इंडियनपैरेंटिंग वेबसाइट के मुताबिक पिता की जिम्मेदारी होती है कि बच्चे की बार-बार काउंसलिंग करें और उन्हें ये एहसास कराते रहें कि कोई भी परेशानी होने पर वे उन्हें बचाने के लिए साथ रहेंगे। इससे बच्चे अपना काम ध्यान लगाकर बेहतर तरीके से कर सकेंगे।

दुनिया से रूबरू कराएं - जिस तरह मां बच्चों को संस्कार डालने का काम करती है, उसी तरह पिता की जिम्मेदारी बच्चों को दुनिया से रुबरू कराने की होती है। पिता की नजरों से बच्चा दुनिया देखकर उसे समझने की कोशिश करता है। यही सीख बच्चे का जिंदगी और दुनिया के प्रति नजरिया तय करती है। 

क्वालिटी टाइम - अपने बिजी शेड्यूल में से हमेशा बच्चों के लिए समय निकालें और उनके साथ क्वालिटी टाइम स्पेंड करें। यही क्वालिटी टाइम बच्चों के लिए यादगार पल बनेगा। इससे वे रिश्तों की अहमियत करना सीखेंगे और ये चीज वे अपनी भविष्य की जिंदगी में भी लागू करने की कोशिश करेंगे। 

अनुशासन सिखाना - पिता शब्द को अनुशासन से जोड़कर देखा जाता है। बहुत हद तक ऐसा होती भी है, क्योंकि मां बच्चों को जी भरकर प्यार देती है तो वहीं पिता सख्ती से अनुशासन का पाठ पढ़ाते हैं। कम उम्र में बच्चों को सिखाया गया अनुशासन उनके जीवनभर काम आता है। हर सफलता के पीछे अनुशासन बड़ी भूमिका निभाता है। 

बड़ों का सम्मान - पिता से ही बच्चों को अपने से बड़ों का सम्मान करने की सीख मिलती है। बच्चों के सामने कभी भी लाइफ पार्टनर का अनादर न करें। इससे बच्चों को भी बड़ों का सही ढंग से सम्मान करने की सीख मिलेगी। बच्चा आपकी जैसी एक्टिविटी को देखेगा, भविष्य में वैसी ही गतिविधि को दोहराएगा। 

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