Hibiscus Plantation: घर के गमले में उगाना है गुड़हल का प्लांट? जानिए प्लांटेशन और देखभाल के टिप्स
Hibiscus Plantation: आप गार्डनिंग के शौकीन हैं तो घर में आसानी से गुड़हल प्लांट लगा सकते हैं। जानते हैं इसके लिए कुछ आसान टिप्स।
घर के गमले में गुड़हल का पौधा लगाने के टिप्स।
Hibiscus Plantation: गुड़हल का पौधा न केवल खूबसूरत फूलों के लिए जाना जाता है, बल्कि इसमें औषधीय गुण भी भरपूर होते हैं। लाल, पीले, सफेद और गुलाबी रंगों में मिलने वाले गुड़हल के फूल घर के गार्डन को अट्रैक्टिव बनाते हैं। वास्तु शास्त्र में भी गुड़हल के पौधे को पॉजिटिव एनर्जी का सोर्स माना गया है।
गुड़हल का पौधा लगाने और उसकी देखभाल करना बहुत आसान है। अगर आप अपने घर की सुंदरता बढ़ाने के साथ-साथ वातावरण को भी ताजगी देना चाहते हैं, तो गुड़हल एक बेहतरीन विकल्प है।
गुड़हल का पौधा लगाने और देखभाल के टिप्स
सही जगह का चुनाव: गुड़हल के पौधे को धूप बहुत पसंद है। इसलिए इसे ऐसी जगह लगाना चाहिए जहां रोजाना कम से कम 5-6 घंटे सीधी धूप मिल सके। छायादार जगह पर लगाने से पौधा कमजोर हो सकता है और फूल भी कम आते हैं।
मिट्टी की तैयारी: गुड़हल के लिए मिट्टी हल्की और उपजाऊ होनी चाहिए। बगीचे की साधारण मिट्टी में गोबर की खाद और थोड़ी रेत मिलाकर इसे पौधा लगाने के लिए तैयार किया जा सकता है। मिट्टी का पीएच स्तर सामान्य होना बेहतर है।
पौधा लगाने की विधि: गुड़हल का पौधा लगाने के लिए 12 से 14 इंच का गमला लें। इसमें मिट्टी और खाद का मिश्रण भरें और फिर पौधे को जड़ सहित लगाएं। लगाने के बाद हल्का पानी दें ताकि पौधे की जड़ें सही से बैठ सकें।
पानी देना: गुड़हल को अधिक पानी की जरूरत नहीं होती। गर्मियों में हफ्ते में 2 से 3 बार और सर्दियों में हफ्ते में 1 से 2 बार पानी देना पर्याप्त है। ध्यान रखें कि गमले में पानी जमा न हो, वरना जड़ें सड़ सकती हैं।
खाद डालना: पौधे को स्वस्थ बनाए रखने के लिए महीने में एक बार जैविक खाद जैसे गोबर की खाद, वर्मी कंपोस्ट या नीम की खली डालें। इससे पौधे में ज्यादा और हेल्दी फूल खिलते हैं।
छंटाई करना: गुड़हल के पौधे की नियमित छंटाई करना जरूरी है। सूखी, पीली या ज्यादा फैली हुई ब्रांचेस को काट दें। इससे नए फूल और पत्तियां बेहतर तरीके से निकल पाती हैं। छंटाई सर्दियों के मौसम में करना सबसे अच्छा होता है।
कीटों से बचाव: कभी-कभी गुड़हल पर एफिड्स या अन्य छोटे कीट लग जाते हैं। इससे बचने के लिए नीम का तेल पानी में मिलाकर छिड़काव करें। यह नेचुरल तरीका पौधे को सुरक्षित रखता है।
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लेखक: (कीर्ति)