Parenting Tips: बच्चे का पढ़ाई में मन नहीं लगता? इन 5 आसान तरीकों पैदा करें स्टडी की ललक
Parenting Tips: ज्यादातर बच्चे पढ़ने से जी कतराते नजर आते हैं। ऐसे में कुछ पैरेंटिंग टिप्स उनमें स्टडी की ललक पैदा कर सकते हैं।
बच्चे का पढ़ाई में मन लगाने के टिप्स।
Parenting Tips: आज के समय में बच्चों का पढ़ाई में मन लगना कई माता-पिता के लिए बड़ी चुनौती बन गया है। मोबाइल, टीवी, गेम्स और सोशल मीडिया जैसी चीजें बच्चों का ध्यान पढ़ाई से हटाती हैं, जिससे उनका फोकस कमजोर होता जाता है। कई बार बच्चा पढ़ने बैठ तो जाता है, लेकिन कुछ ही मिनट में वह बोर हो जाता है या किसी और चीज में बिजी हो जाता है।
बच्चों को पढ़ाई से जोड़ने के लिए माहौल, मोटिवेशन और सही रूटीन बेहद जरूरी है। यदि पढ़ाई को बोझ नहीं बल्कि एक मजेदार, आसान और रोचक अनुभव बना दिया जाए, तो बच्चे खुद से किताबों की ओर आकर्षित होने लगते हैं।
5 तरीके बच्चे में पढ़ने की ललक जगाएंगे
पढ़ाई का मजेदार माहौल बनाएं: बच्चे का पढ़ाई में मन तभी लगेगा जब उसका स्टडी स्पेस आकर्षक और शांत हो। एक साफ-सुथरी टेबल, उचित रोशनी, रंगीन स्टेशनरी, और नॉइज़-फ्री माहौल बच्चे के मूड को पढ़ाई के लिए तैयार करता है। पढ़ाई का समय रोज एक जैसा रखें ताकि रूटीन बने।
छोटे-छोटे गोल सेट करें: बच्चा लंबे समय तक बैठकर पढ़ नहीं सकता। ऐसे में छोटे-छोटे टास्क दें जैसे 15 मिनट पढ़ाई, 5 मिनट ब्रेक। हर गोल पूरा होने पर उनकी तारीफ करें। यह तरीका बच्चे में आत्मविश्वास और पढ़ने की इच्छा दोनों बढ़ाता है।
पढ़ाई को इंटरैक्टिव बनाएं: बच्चे किताबों की लंबी लाइनों से बोर हो जाते हैं। उनकी दिलचस्पी बढ़ाने के लिए फ्लैश कार्ड, रंगीन डायग्राम, स्टोरी-बेस्ड लर्निंग, एजुकेशनल वीडियो या क्यू एंड ए गेम्स शामिल करें। जितना पढ़ाई मजेदार होगी, उतना बच्चा उससे जुड़ाव महसूस करेगा।
बच्चे की समस्या को समझें: कई बार बच्चे का मन इसलिए नहीं लगता क्योंकि उसे कोई टॉपिक समझ नहीं आता, या वह दबाव महसूस करता है। शांत माहौल में उससे बात करें, उसकी परेशानी समझें और उसी अनुसार पढ़ाने की कोशिश करें। सही गाइडेंस मिलने पर बच्चा खुद पढ़ाई के लिए प्रेरित होने लगता है।
मोटिवेशन और तारीफ दें: बच्चे जल्दी निराश होते हैं और उन्हें लगातार प्रोत्साहन की जरूरत होती है। उनकी छोटी-छोटी उपलब्धियों की भी तारीफ करें चाहे टेस्ट में थोड़ा सुधार हो या होमवर्क समय पर पूरा किया हो। पॉज़िटिव रिइन्फोर्समेंट से बच्चे में पढ़ाई के प्रति उत्साह बढ़ता है।
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