Leg Cramps: पैरों में आने वाले क्रैम्प को न करें नज़रअंदाज़, इन परेशानियों की हो सकती है शुरुआत
Leg Cramps: बहुत से लोगों को रात में सोते वक्त क्रैम्प आते हैं। ये भले ही आम समस्या लगे, लेकिन ये कुछ बीमारियों की शुरुआत का संकेत भी हो सकती है।
पैरों में आने वाले क्रैम्प्स की संभावित वजहें।
Leg Cramps: अचानक पैरों में तेज दर्द और मांसपेशियों का अकड़ जाना आम समस्या लग सकती है, लेकिन इसे हल्के में लेना सही नहीं। बार-बार आने वाले लेग क्रैम्प्स शरीर के भीतर चल रही कई गड़बड़ियों की ओर इशारा कर सकते हैं, जिन्हें समय रहते समझना जरूरी है।
खासतौर पर रात में सोते समय या चलने-फिरने के दौरान पैर में ऐंठन होना कई लोगों को परेशान करता है। अगर यह समस्या लगातार बनी रहे, तो यह सिर्फ थकान नहीं बल्कि पोषण की कमी, नसों या गंभीर बीमारियों की शुरुआती चेतावनी भी हो सकती है।
पैरों में क्रैम्प आने की संभावित वजहें
डिहाइड्रेशन से जुड़ी समस्या: शरीर में पानी की कमी पैरों में क्रैम्प्स की सबसे आम वजहों में से एक है। जब शरीर पर्याप्त तरल नहीं ले पाता, तो मांसपेशियों में इलेक्ट्रोलाइट बैलेंस बिगड़ जाता है। इससे मसल्स ठीक से काम नहीं कर पातीं और अचानक ऐंठन होने लगती है।
मैग्नीशियम, पोटैशियम और कैल्शियम की कमी: पैरों में बार-बार क्रैम्प आना मिनरल डेफिशिएंसी का संकेत हो सकता है। मैग्नीशियम, पोटैशियम और कैल्शियम मांसपेशियों की सही कार्यप्रणाली के लिए जरूरी होते हैं। इनकी कमी से मसल्स सिकुड़ जाती हैं और तेज दर्द महसूस होता है।
नसों से जुड़ी बीमारियों का संकेत: अगर क्रैम्प के साथ झनझनाहट, सुन्नपन या जलन महसूस होती है, तो यह नर्व डैमेज की ओर इशारा कर सकता है। डायबिटिक न्यूरोपैथी या स्पाइन से जुड़ी समस्याओं में पैरों की नसें प्रभावित होती हैं, जिससे ऐंठन की समस्या बढ़ जाती है।
ब्लड सर्कुलेशन में रुकावट: पैरों में सही तरीके से खून न पहुंचने पर भी क्रैम्प्स हो सकते हैं। परिधीय धमनी रोग (PAD) जैसी स्थितियों में चलने या सीढ़ियां चढ़ने पर पैरों में दर्द और ऐंठन महसूस होती है। यह दिल से जुड़ी बीमारियों का भी खतरा बढ़ा सकता है।
ज्यादा एक्सरसाइज या लंबे समय तक खड़े रहना: बिना स्ट्रेचिंग के भारी एक्सरसाइज करना या लंबे समय तक एक ही पोजीशन में खड़े रहना मांसपेशियों पर दबाव डालता है। इससे मसल्स थक जाती हैं और रात में क्रैम्प्स होने लगते हैं, खासकर पिंडलियों में।
कुछ दवाओं का साइड इफेक्ट: ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल या यूरिन बढ़ाने वाली दवाएं शरीर से जरूरी मिनरल्स बाहर निकाल देती हैं। इसके कारण पैरों में ऐंठन की समस्या बढ़ सकती है। अगर दवा लेने के बाद यह परेशानी शुरू हुई है, तो डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है।
कब न करें नजरअंदाज
अगर पैरों में क्रैम्प्स बहुत ज्यादा दर्दनाक हों, बार-बार हों, सूजन या कमजोरी के साथ दिखाई दें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। समय रहते जांच कराने से बड़ी बीमारी की पहचान शुरुआती चरण में हो सकती है।
(Disc।aimer: इस आर्टिकल में दी गई सामग्री सिर्फ जानकारी के लिए है। हरिभूमि इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी सलाह या सुझाव को अमल में लेने से पहले किसी डॉक्टर/विशेषज्ञ से परामर्श जरूर लें।)
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