क्यूटिकॉन एमपी 2025: तनाव, हार्मोन असंतुलन और फर्जी इलाज से बढ़ रहे त्वचा रोग, विशेषज्ञों की चेतावनी

‘क्यूटिकॉन एमपी 2025’ में विशेषज्ञों ने बताया कि तनाव, हार्मोन असंतुलन, दूषित पानी और फर्जी इलाज से बढ़ रहे हैं त्वचा रोग, सतर्क रहने की जरूरत।

Updated On 2025-10-27 21:13:00 IST

तनाव, हार्मोन असंतुलन और फर्जी इलाज से बढ़ रहे त्वचा रोग, ‘क्यूटिकॉन एमपी 2025’ में विशेषज्ञों की चेतावनी

Cuticon MP 2025: भारत में तेजी से बढ़ते त्वचा रोगों को लेकर विशेषज्ञों ने गंभीर चिंता जताई है। भोपाल में आयोजित ‘क्यूटिकॉन एमपी 2025’ कॉन्फ्रेंस में देशभर से आए करीब 400 डर्मेटोलॉजिस्ट्स ने खुलासा किया कि तनाव, हार्मोन असंतुलन, दूषित पानी, बदलती भोजन शैली और फर्जी इलाज इन रोगों के प्रमुख कारण बनते जा रहे हैं।

विशेषज्ञों ने चेतावनी दी कि बिना प्रमाणपत्र वाले लोग इलाज का दावा कर रहे हैं, जिससे मरीजों की स्थिति और बिगड़ रही है। सम्मेलन में उन्नत लेजर तकनीक, एआई-आधारित जांच, और फोटोथेरेपी पर भी चर्चा हुई।

फर्जी इलाज और बिना लाइसेंस क्लीनिक बने खतरा

कॉन्फ्रेंस में बतौर मुख्य अतिथि पधारे आईएडीवीएल के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ मंजूनाथ शिनाय ने बताया कि चर्म रोग इलाज पर लगने वाली जीएसटी को कम करवाने के लिए उन्होंने देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से अपने प्रतिनिधि मंडल के साथ मुलाकात की थी। संगठन चाहता है कि चर्म रोगों के इलाज को भी इंश्योरेंस पॉलिसी में शामिल किया जाए ताकि अधिक से अधिक मरीज इलाज करा सकें। कॉन्फ्रेंस में यह भी बताया गया कि स्किन ट्रीटमेंट पर 18% जीएसटी के कारण मरीजों को आर्थिक बोझ झेलना पड़ता है।

चर्म रोगों के इलाज के लिए इंश्योरेंस करवाने की नीति के लिए एसोसिएशन प्रयास कर रहा है। इसके साथ में हम बिना किसी लाइसेंस एवं डिग्री के इलाज करने वाले फर्जी लोगों पर कार्रवाई व आमजन में जागरूकता पर काम कर रहे हैं। भारत में इन फर्जी अपंजीकृत लोगों के इलाज से बड़ी संख्या में मरीज प्रभावित हो रहे हैं।

भारत में हर दस में आठ लोग किसी न किसी त्वचा रोग से पीड़ित
मध्यप्रदेश ब्रांच के अध्यक्ष डॉ नितिन कुमार पंड्या ने बताया कि इस तीसवें वार्षिक कॉन्फ्रेंस में देशभर से तकरीबन 400 विशेषज्ञों ने भाग लिया है। आईडीवीएल विश्व में चर्म रोग विशेषज्ञों का दूसरा सबसे बड़ा संगठन है जिसमें जिम्मेदारी से इलाज करने विशेषज्ञ जुड़े हुए हैं।

इस कॉन्फ्रेंस में चर्म रोगों के इलाज में आने वाली जटिलताओं पर विशेषज्ञों ने एक दूसरे से जांच एवं उपचार तकनीक साझा की। आज दस में आठ लोग किसी न किसी तरह से किसी न किसी प्रकार के चर्म रोग से ग्रसित है।

इसे बिना जांच के जानना मुश्किल है।इस कॉन्फ्रेंस में हमारा मुख्य उद्देश्य विज्ञान, शिक्षा और सेवा के पहलुओं को एक मंच पर जोड़कर ज्ञानवर्धन का बनाने के साथ आम जन में त्वचा रोगों के प्रति जागरूता फैलाने का अवसर पैदा करना है।

स्किन ट्रीटमेंट पर जीएसटी घटाने और इंश्योरेंस के प्रयास
कॉन्फ्रेंस में यह भी बताया गया कि स्किन ट्रीटमेंट पर 18% जीएसटी के कारण मरीजों को आर्थिक बोझ झेलना पड़ता है। इस पर राहत के लिए आईएडीवीएल ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात की है। संगठन चाहता है कि चर्म रोगों के इलाज को भी इंश्योरेंस पॉलिसी में शामिल किया जाए ताकि अधिक से अधिक मरीज इलाज करा सकें।

सफेद दाग के मामलों में बढ़ता तनाव और फोटोथेरेपी का नया दौर
प्रसिद्ध फोटोथेरेपिस्ट डॉ संजय दुबे ने बताया कि सफेद दाग (विटिलिगो) के मामलों में तेजी आई है। इसके पीछे तनाव, हार्मोन असंतुलन और दूषित पानी जैसे कारण हैं। उन्होंने कहा कि मरीज शुरुआती अवस्था में इलाज नहीं करवाते, जिससे बाद में जटिलताएं बढ़ जाती हैं। अब नई फोटोथेरेपी मशीनों की मदद से इलाज और अधिक प्रभावी और सुरक्षित हुआ है। यह तकनीक बिना सर्जरी के रोग को नियंत्रित करने में सक्षम है।

लेजर और एआई तकनीक से आएगा क्रांतिकारी बदलाव
एम्स भोपाल की डॉ श्रमना मुखोपाध्याय ने बताया कि आज जांच तकनीक बहुत उन्नत हो चुकी हैं। अब त्वचा संबंधी संक्रमणों की जांच के दायरे बढ़ गए हैं। उनके कारकों को गहराई से पहचान कर उचित इलाज जरूरी है। यदि लैब में संक्रमण और उसके कारकों को सही पहचान हो जाए तो इलाज बिना किसी नुकसान के प्रभावी होता है।

हेयर ट्रांसप्लांट और लेजर सर्जरी में सावधानी बेहद जरूरी
हेयर ट्रांसप्लांट विशेषज्ञ डॉ कुलदीप सक्सेना ने कहा कि शुरुआती डॉक्टरों में तकनीकी अनुभव की कमी के कारण कई बार ट्रांसप्लांट फेल हो जाते हैं। उन्होंने बताया कि उनकी पेटेंट मशीन स्वचलित और अर्ध-रोबोटिक है, जिससे दर्द रहित और सटीक ट्रांसप्लांट संभव है। वहीं डॉ अवितुस जॉन और डॉ दिलीप हेमनानी ने लेजर हेयर रिमूवल और टैटू रिमूवल में सावधानियों की जानकारी दी। गलत वेवलेंथ या अनुभवहीन चिकित्सक के कारण स्किन बर्न जैसी जटिलताएं सामने आ सकती हैं।

डॉ नितिन पंड्या अध्यक्ष नियुक्त
चर्म रोग विशेषज्ञों की अधिकारिक संस्था भारतीय त्वचा रोग विशेषज्ञ संघ (आईएडीवीएल) की जनरल बॉडी मीटिंग में वरिष्ठ चिकित्सक डॉ नितिन पंड्या को आईडीवीएल मध्यप्रदेश ब्रांच का अध्यक्ष मनोनीत किया गया। डॉ पंड्या ने बताया कि उनका बतौर अध्यक्ष उनका प्रयास इलाज कर रहे विशेषज्ञ चिकित्सकों और अकादमिक में एक बेहतर संतुलन बनाते हुए नवीन तकनीक और प्रक्रियाओं को आपस में साझा करने का होगा। इससे मरीजों को नुकसान रहित और सटीक इलाज मिल सकेगा।

साझा हुए शोध, किया विचार-विमर्श, दिए लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड
'क्यूटिकॉन एमपी 2025' के पहले दिन आठ सत्रों में पच्चीस विशेषज्ञों ने नवीन तकनीकों पर अपने शोध प्रस्तुत किए। रोगों की पहचान करने से लेकर बेहतर व उन्नत इलाज के बारे में बताया गया। यह शोध देश - विदेश के ख्यातिनाम, शासकीय एवं प्राइवेट चिकित्सकों द्वारा दिए गए। विशेषज्ञों ने पैनल डिस्कशन में मौजूद प्रतिभागियों के ज्ञानवर्धन के साथ सवालों के जवाब भी दिए। इस अवसर पर डॉ सीएम गुप्ता व डॉ अनिल दशोरे को लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड दिया गया।

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