Parenting Tips: बच्चे को चुगली करने की आदत तो नहीं पड़ रही? इन बातों का ध्यान रखें
Parenting Tips: बच्चों पर ध्यान न दिया जाए तो उनमें चुगली करने की आदत आ सकती है। पैरेंट्स को ऐसे में कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए।
बच्चे की चुगली की आदत छुड़ाने के टिप्स।
Parenting Tips: बचपन में बच्चे छोटी-छोटी बातें अपने माता-पिता को बताने लगते हैं। कभी-कभी यह मासूमियत होती है, लेकिन अगर यही आदत चुगली के रूप में बढ़ने लगे तो यह उनके व्यक्तित्व और रिश्तों पर निगेटिव इंपेक्ट डाल सकती है। बच्चे की यह आदत कई बार दोस्तों, भाई-बहनों या साथियों के बीच दूरी की वजह भी बन जाती है।
बतौर पैरेंट्स ये जरूरी है कि वे बच्चे के इस व्यवहार को समझदारी से संभालें। डांटने या अनदेखा करने के बजाय उन्हें सही तरीके से समझाना और अच्छे व्यवहार की ओर प्रेरित करना ज्यादा जरूरी होता है। अगर शुरू से ही ध्यान दिया जाए तो बच्चे में चुगली करने की आदत नहीं पड़ती और वह सोशल और मेंटल दोनों तरह से मजबूत बनता है।
पैरेंट्स 5 बातों का ध्यान रखें
बच्चे की भावनाओं को समझें: कई बार बच्चा चुगली सिर्फ ध्यान आकर्षित करने के लिए करता है। वह चाहता है कि उसकी बातें सुनी जाएं और उसे अहमियत मिले। ऐसे में माता-पिता को धैर्यपूर्वक बच्चे की भावनाओं को समझना चाहिए और उसे भरोसा दिलाना चाहिए कि उसकी अहमियत घर में वैसे ही बनी हुई है।
सही और गलत की पहचान कराएं: बच्चे को यह सिखाना जरूरी है कि कौन-सी बातें जरूरी होती हैं बताना और कौन-सी बातें सिर्फ शिकायत या चुगली बन जाती हैं। उदाहरण के लिए अगर कोई दोस्त चोटिल हो जाए तो बताना सही है, लेकिन किसी की छोटी गलती बताना चुगली कहलाता है।
बच्चे को सकारात्मक रोल मॉडल दिखाएं: बच्चे वही सीखते हैं जो वे आसपास देखते हैं। अगर घर के बड़े लोग दूसरों की चुगली करेंगे तो बच्चा भी वही अपनाएगा। इसलिए माता-पिता और घर के सदस्य खुद चुगली से बचें और बच्चे के सामने अच्छा उदाहरण पेश करें।
बच्चे की खूबियों की सराहना करें: अगर बच्चा बिना चुगली किए किसी स्थिति को संभालता है तो उसकी तारीफ करें। यह उसे आत्मविश्वासी बनाएगा और चुगली करने की आदत से दूर रखेगा। सकारात्मक प्रोत्साहन बच्चों के व्यवहार को सुधारने का सबसे प्रभावी तरीका है।
बच्चे को जिम्मेदारी दें: बच्चे को घर या स्कूल में छोटे-छोटे कामों की जिम्मेदारी दें। इससे उसमें जिम्मेदारी की भावना विकसित होगी और वह अनावश्यक चुगली करने से बचेगा। जब बच्चा खुद जिम्मेदार बनता है तो उसकी सोच परिपक्व होने लगती है।
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