Old Saree Uses: पुरानी साड़ी बेकार समझकर न करें रिजेक्ट, 5 तरीकों से करें उपयोग, आएंगी बहुत काम
Old Saree Uses: घर की पुरानी साड़ियां अगर रिजेक्ट कर दी गई हैं तो उन्हें फेंके नहीं। इन साड़ियों का कई अन्य कामों में उपयोग किया जा सकता है।
पुरानी साड़ियों के उपयोग के टिप्स।
Old Saree Uses: अक्सर हम पुराने कपड़ों को अलमारी से निकाल कर एक किनारे रख देते हैं, खासकर साड़ी जैसी पारंपरिक पोशाक को, जो अब पहनने लायक नहीं लगती। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन पुरानी साड़ियों का दोबारा उपयोग करके आप न सिर्फ घर की सजावट कर सकते हैं, बल्कि कुछ नया और क्रिएटिव भी बना सकते हैं?
पुरानी साड़ी को फेंकना न सिर्फ नुकसानदायक है, बल्कि यह पर्यावरण के लिए भी सही नहीं है। थोड़ी सी समझदारी और क्रिएटिव सोच से आप अपनी पुरानी साड़ी को नया रूप दे सकते हैं।
5 तरीकों से यूज करें पुरानी साड़ी
कुशन कवर या परदे बनाएं
पुरानी साड़ियों के कपड़े अक्सर चमकदार और आकर्षक डिजाइन वाले होते हैं। इन्हें आप कुशन कवर या परदे की तरह इस्तेमाल कर सकते हैं। बस थोड़ी सी सिलाई और मैचिंग कपड़े की मदद से आप अपने ड्रॉइंग रूम को रॉयल लुक दे सकते हैं। यह तरीका कम खर्च में घर की साज-सज्जा बदल सकता है।
ट्रेडिशनल ड्रेस बनवाएं
अगर आपकी साड़ी सिल्क, कॉटन या बनारसी फैब्रिक की है, तो इससे आप कुर्ता, लहंगा या स्कर्ट जैसे परिधान बनवा सकती हैं। यह पुराने कपड़े को एक नया जीवन देने जैसा होता है। आप किसी बुटीक में जाकर इसे अपनी पसंद के डिजाइन में तैयार करवा सकती हैं।
बैग या पाउच तैयार करें
पुरानी साड़ियों से हैंडबैग, क्लच या पोटली बैग बनाए जा सकते हैं। इनके लिए फैब्रिक मजबूत और रंग-बिरंगा होना चाहिए। खास मौकों पर ऐसे बैग्स पारंपरिक परिधानों के साथ खूब जंचते हैं। इसके लिए आप सिलाई की थोड़ी जानकारी रखती हों तो घर पर भी बना सकती हैं।
टेबल रनर या वॉल हैंगिंग बनाएं
अगर आप घर की सजावट में थोड़ी दिलचस्पी रखती हैं तो पुरानी साड़ी से खूबसूरत टेबल रनर या वॉल हैंगिंग बना सकती हैं। इससे आपके डाइनिंग एरिया या ड्राइंग रूम को एक पारंपरिक और आकर्षक लुक मिलेगा। यह तरीका बेहद आसान और इको-फ्रेंडली भी है।
बच्चों के लिए ड्रेस सिलवाएं
पुरानी साड़ी से छोटे बच्चों के लिए फ्रॉक, लहंगा या कुर्ता-पायजामा आसानी से बनाए जा सकते हैं। यह फैब्रिक मुलायम और रंगीन होता है, जो बच्चों के कपड़ों के लिए एकदम उपयुक्त रहता है। इसके अलावा, इससे भावनात्मक जुड़ाव भी बना रहता है क्योंकि इसमें पुरानी यादें होती हैं।
(कीर्ति)