Banana Peels: गार्डनिंग में कमाल करेंगे केले के छिलके! 5 फायदे पौधों की ग्रोथ तेज़ करेंगे

Banana Peels Gardening Tips: केले का छिलका हम बेकार समझकर फेंक देते हैं, लेकिन गार्डनिंग में इनका इस्तेमाल पौधों के लिए बहुत फायदेमंद होता है।

Updated On 2025-08-14 20:41:00 IST

केले के छिलकों से तेजी से होगी पौधों की ग्रोथ।

Banana Peels Gardening Tips: आप गार्डनिंग के शौकीन हैं और अपने पौधों की ग्रोथ को नेचुरल तरीके से बढ़ाना चाहते हैं, तो केले के छिलके आपके लिए एक कमाल का विकल्प हो सकते हैं। अक्सर लोग केले के छिलकों को कचरे में फेंक देते हैं, लेकिन ये पौधों के लिए नेचुरल फर्टिलाइज़र का काम करते हैं।

केले के छिलकों में पोटैशियम, फॉस्फोरस और कैल्शियम जैसे जरूरी पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो पौधों की जड़ों और फूलों की ग्रोथ को तेज करते हैं इससे पौधे ज्यादा हरे-भरे और हेल्दी होने लगते हैं।

केले के छिलकों के 5 बड़े फायदे

पोटैशियम से भरपूर

केले के छिलकों में पोटैशियम की अच्छी मात्रा होती है, जो पौधों की जड़ों को मजबूत बनाने और फूल-फल के विकास में मदद करता है। पोटैशियम पौधों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है, जिससे वे मौसम और कीटों के असर से बचते हैं।

फॉस्फोरस से फूलों की ग्रोथ

फॉस्फोरस पौधों में नई कलियों और फूलों के विकास के लिए जरूरी है। केले के छिलकों में मौजूद फॉस्फोरस पौधों में ज्यादा और स्वस्थ फूल लाने में मदद करता है। यह खासकर फूलदार पौधों और फ्रूट प्लांट्स के लिए फायदेमंद है।

मिट्टी की क्वालिटी सुधारे

जब केले के छिलके को मिट्टी में डाला जाता है, तो यह धीरे-धीरे डी-कंपोज होकर ऑर्गैनिक मैटर बढ़ाता है। इससे मिट्टी की नमी बनी रहती है और पौधों को बेहतर पोषण मिलता है।

कीटों से बचाव

केले के छिलकों में मौजूद प्राकृतिक तत्व कुछ कीटों को दूर रखने में मदद करते हैं। छिलकों को काटकर पौधों के आसपास डालने से पत्तियों और जड़ों को नुकसान पहुंचाने वाले कीट कम हो जाते हैं।

तेज ग्रोथ में मदद

पोटैशियम, फॉस्फोरस और कैल्शियम के कॉम्बिनेशन से पौधों की ग्रोथ तेजी से होती है। यह तरीका खासतौर पर नए पौधों और कटिंग्स के लिए बेहद असरदार है।

केले के छिलके इस्तेमाल का सही तरीका

केले के छिलकों को यूज करने के लिए उन्हें छोटे टुकड़ों में काटकर सीधे पौधों के आसपास की मिट्टी में दबा दें। आप छिलकों को सुखाकर पाउडर भी बना सकते हैं और इसे पानी में मिलाकर पौधों में डालें। इसके अलावा, छिलकों को पानी में 2-3 दिन भिगोकर उसका लिक्विड फर्टिलाइज़र भी तैयार किया जा सकता है।

(कीर्ति)

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