अधूरी फिल्म...और 30 करोड़ का स्कैम: डायरेक्टर विक्रम भट्ट और उनकी पत्नी को पुलिस ने क्यों किया गिरफ्तार, यहां जानें पूरा सच
फिल्ममेकर विक्रम भट्ट और उनकी पत्नी श्वेतांबरी भट्ट को उदयपुर पुलिस ने मुंबई से गिरफ्तार किया। यह कार्रवाई एक बायोपिक फिल्म बनाने को लेकर की गई कथित ₹30 करोड़ की ठगी के आरोपों को लेकर हुई है। जानिए पूरा मामला।
30 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी के आरोप में डारेक्टर विक्रम भट्ट और उनकी पत्नी को गिरफ्तार किया गया है।
Vikram Bhat arrested: फिल्ममेकर विक्रम भट्ट और उनकी पत्नी श्वेतांबरी भट्ट को रविवार को मुंबई से राजस्थान पुलिस ने गिरफ्तार कर हिरासत में ले लिया। यह कार्रवाई उदयपुर के एक बिजनेसमैन द्वारा दर्ज शिकायत के आधार पर हुई है। शिकायत में आरोप है कि दंपति ने करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी की है।
गिरफ्तारी के बाद दंपति को कोर्ट में पेश किया गया। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने 9 दिसंबर तक का ट्रांज़िट रिमांड मंजूर कर लिया।
क्या हैं आरोप?
विक्रम भट्ट और उनकी पत्नी पर ₹30 करोड़ की ठगी का आरोप है। यह मामला उदयपुर के मशहूर इंदिरा IVF हॉस्पिटल के संस्थापक डॉ. अजय मुरडिया से जुड़ा है। पुलिस के अनुसार, डॉ. मुरडिया अपनी दिवंगत पत्नी पर एक बायोपिक बनाना चाहते थे। इसी सिलसिले में उनकी मुलाकात विक्रम भट्ट से कराई गई। आरोप है कि उन्हें इस फिल्म से ₹200 करोड़ कमाई का वादा किया गया था। मई 2024 में हुए समझौते के तहत मुरडिया को चार फिल्मों का निर्माता बनाया गया
पूरी डील ₹47 करोड़ की थी। शुरुआती दो प्रोजेक्ट पूरे हुए, लेकिन बाकी दो फिल्में कभी बन ही नहीं सकीं। शुरुआती जांच में पुलिस ने पाया कि आरोपियों ने फर्जी बिल और दस्तावेज तैयार किए, और इसी बहाने डॉ. मुरडिया से करीब ₹30 करोड़ की राशि हड़प ली।
डायरेक्टर के खिलाफ शिकायत दर्ज
जब लंबे समय तक बायोपिक और बाकी फिल्मों पर कोई काम आगे बढ़ता नहीं दिखा, तो डॉ. मुरडिया ने उदयपुर के भोपालपुरा पुलिस स्टेशन में ठगी, धोखाधड़ी और अन्य गंभीर धाराओं में FIR दर्ज कराई। इसके बाद मामले की जांच करते हुए पुलिस ने रविवार को मुंबई पहुंचकर विक्रम भट्ट और उनकी पत्नी को हिरासत में ले लिया।
विक्रम भट्ट के वकीलों का दावा
गिरफ्तारी के बाद दंपति के वकील- राकेश सिंह और संजय सिंह ने दावा किया कि पुलिस ने बिना प्रक्रिया का पालन किए उन्हें गिरफ्तार किया और हिरासत में दबाव बनाकर एक दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर करवाए। वकीलों का आरोप है कि पुलिस ने धमकी दी कि अगर दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर नहीं किए गए तो राजस्थान ले जाकर उन्हें प्रताड़ित किया जाएगा।