Dhadak 2 पर चली सेंसर की कैंची: फिल्म के 16 सीन में बदलाव, अब कैसी होगी करण जौहर की कहानी?
करण जौहर की धर्मा प्रोडक्शन के बैनर तले बनी फिल्म 'धड़क 2' को आखिरकार सेंसर बोर्ड की मंजूरी मिल गई है। हालांकि सर्टिफिकेट मिलने से पहले मेकर्स को फिल्म से पूरे 16 सीन में बदलाव करने पड़े हैं।
Dhadak 2 undergoes 16 cuts
Dhadak 2 undergoes 16 cuts: करण जौहर की धर्मा प्रोडक्शन के बैनर तले बनी फिल्म 'धड़क 2' को आखिरकार सेंसर बोर्ड की मंजूरी मिल गई है। हालांकि U/A सर्टिफिकेट मिलने से पहले निर्देशकों को फिल्म से एक या दो नहीं पूरे 16 सीन में बदलाव करने पड़े हैं। इसके बाद ही, सिद्धांत चतुर्वेदी और त्रिप्ति डिमरी स्टारर इस फिल्म को केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC) ने U/A सर्टिफिकेट मिला है।
इनमें राजनीतिक, धार्मिक और सामाजिक संदर्भों को लेकर बोर्ड ने कई आपत्तियां जताईं, जिसके चलते कुछ संवादों को बदला गया, जाति आधारित शब्दों को नरम किया गया और कुछ दृश्य पूरी तरह से हटाए गए। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या ये बदलाव फिल्म की मूल भावना और कहानी पर असर डालेंगे? दर्शकों को अब कैसी कहानी देखने को मिलेगी?
फिल्म के इन 16 सीन में हुए बदलाव
द हिंदू की एक रिपोर्ट के अनुसार, धड़क 2 को CBFC से सर्टिफिकेट दिलाने के लिए फिल्म में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। नीचे उन 16 प्रमुख बदलावों की सूची दी गई है, जिन्हें सेंसर बोर्ड की आपत्तियों के बाद लागू किया गया:
1. संवेदनशील संवाद बदलाव:
हिंदी संवाद “3,000 साल का बैकलॉग 70 साल में नहीं मिटेगा” को बदलकर कर दिया गया — “सदियों से चली आ रही भेदभाव की विरासत 70 साल में नहीं मिटेगी।”
2. राजनीतिक रूपक में बदलाव: “नीलेश ये कलम देख रहे हो… राज कर रहे हैं” संवाद (जो बहुजन समाज पार्टी के संस्थापक कांशीराम की उपमा पर आधारित था) को बदलकर किया गया — “ये छोटा सा ढक्कन पूरी क़लम का थोड़ा सा हिस्सा है, और बाक़ी के हैं हम… फिर भी हमारे सिर पर बैठे हैं, क्यों?”
3. जातिसूचक शब्दों में बदलाव: ‘भंगी’ और ‘चमार’ जैसे शब्दों को म्यूट कर दिया गया और उनकी जगह ‘जंगली’ शब्द डब किया गया।
4. नीले कुत्ते के रंग को हटाया गया: एक रहस्यमयी दृश्य में, जहां एक कुत्ते की आत्मा (जिसे मार डाला गया था) नीले रंग में प्रकट होती है और नायक की मदद करती है — उस नीले रंग को हटा दिया गया।
5. नीलेश के पिता के अपमान वाला दृश्य: लगभग 3 मिनट के एक सीन में से 16 सेकंड उस हिस्से को काट दिया गया जिसमें नीलेश के पिता का अपमान दिखाया गया था।
6. धार्मिक संवाद में संशोधन: “धर्म का काम है” को बदलकर किया गया — “पुण्य का काम है”।
7. सवर्ण अत्याचार का उल्लेख बदलकर रूपक में बदला गया: “सवर्णों के सड़क… हमें जला देते थे” को बदल दिया गया — “ना सड़कें हमारी थीं, ना ज़मीन, ना पानी… यहां तक कि ज़िंदगी भी हमारी नहीं थी। मरने की नौबत आई तो शहर आ गया।”
8. महिला पर हिंसा का दृश्य हटाया गया: महिला पर हिंसा दिखाने वाले दृश्य को ब्लैक स्क्रीन से रिप्लेस कर दिया गया।
9. तुलसीदास का दोहा हटाया गया: मूल दोहा — “चित्रकूट के घाट पर, भई संतन की भीड़...” (तुलसीदास चंदन घिस रहे हैं)
को बदला गया — “ऐसे तीर चलाओ जो छोटे दिखें लेकिन जब लगें तो गहरा घाव कर दें” (स्वतंत्र रूपांतरण)।
10. डिस्क्लेमर का विस्तार: फिल्म की शुरुआत में दिया गया 20 सेकंड का डिस्क्लेमर हटाकर 51 सेकंड लंबा वर्जन जोड़ा गया, जिसे आवाज़ में पढ़ा गया।
11. एक गाली म्यूट की गई।
12. नीलेश पर पेशाब करने का दृश्य सेंसर किया गया।
13. ओमप्रकाश वाल्मीकि की कविता 'ठाकुर का कुआं' से संबंधित बदलाव:
यह स्पष्ट नहीं है कि यह कविता फिल्म में जोड़ी गई या किसी दूसरी कविता की जगह ली।
धड़क 2 कब होगी रिलीज?
धड़क 2 का निर्देशन शाज़िया इक़बाल ने किया है और इसमें सिद्धांत चतुर्वेदी और त्रिप्ति डिमरी मुख्य भूमिकाओं में हैं। यह फिल्म पहले नवंबर 2024 में रिलीज़ होने वाली थी, लेकिन बाद में इसकी रिलीज़ को मार्च तक टाल दिया गया, हालांकि यह तारीख भी चूक गई। क्योंकि फिल्म को U/A सर्टिफिकेट नहीं मिला था, जिसके कारण फिल्म सेंसर बोर्ड में अटकी पड़ी थी। हालांकि अब सर्टिफिकेशन मिल चुका है, तो उम्मीद है कि यह फिल्म जल्द ही सिनेमाघरों दस्तक दे सकती हैं।