Gaurav Tiwari: भूतों पर पीएचडी... गौरव तिवारी की मौत का रहस्य आज भी नहीं सुलझा

साल 2016 में हुई गौरव तिवारी की मौत आज भी सवाल के घेरे में है। उनके जीवन पर आधारित एक सीरीज आ रही है। जानिए कैसे हुई गौरव तिवारी के मौत?

Updated On 2025-12-20 19:30:00 IST

भूतों पर पीएचडी का दावा करने वाले गौरव तिवारी।

Gaurav Tiwari: दिल्ली के गौरव तिवारी के जीवन पर आधारित एक सीरीज आ रही है। सीरीज का नाम 'भय: द गौरव तिवारी मिस्ट्री' (Bhay The Gaurav Tiwari Mystery) है। वह भारत के पहले पैरानॉर्मल इन्वेस्टिगेटर थे। उन्होंने पहला इंडियन पैरानॉर्मल बनाया था। इसके अलावा गौरव तिवारी ने विज्ञान का सहारा लेकर कई भूतिया जगहों की जांच की। इस दौरान उन्होंने कई टीवी शो पर अपनी बहादुरी को दर्शाया। कुछ लोगों को ऐसा मनना है कि उन्होंने भूतों पर पीएचडी की थी। इस बहादुर शख्स की एक दिन अचानक मौत हो गई, जिसने सभी को चौंका दिया है। गौरव शव उनके दिल्ली स्थिति आवास के बाथरूम में पड़ा मिला, जिसको लेकर आज भी सवाल कई सवाल उठते हैं-

गौरव तिवारी

गौरव तिवारी का जन्म 2 सितंबर 1984 को बिहार के पटना में हुआ था। शुरुआत में उनका लक्ष्य पैरानॉर्मल इन्वेस्टिगेटर बनना नहीं था। वह एक प्रशिक्षित कमर्शियल पायलट थे और उन्होंने अमेरिका के फ्लोरिडा से अपनी उड़ान की शिक्षा पूरी की थी। अपनी ट्रेनिंग के दौरान ही उनके साथ कुछ ऐसी रहस्यमयी घटनाएं घटीं, जिन्होंने उनकी सोच को बदल दिया। शुरुआत में वह इन चीजों पर विश्वास नहीं करते थे,लेकिन व्यक्तिगत अनुभवों ने उन्हें यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि विज्ञान की समझ से परे भी कुछ शक्तियां हो सकती हैं। पायलट की नौकरी को छोड़कर उन्होंने पैरानॉर्मल वर्ल्ड में कदम रखा। उन्होंने अमेरिका के 'पैराइनक्सस इंटरनेशनल से पैरानॉर्मल इन्वेस्टिगेटर के रूप में सर्टिफिकेशन प्राप्त किया।

6 हजार से भी ज्यादा भूतिया लोकेशन पर गए

साल 2009 में भारत लौटकर उन्होंने इंडियन पैरानॉर्मल सोसाइटी की स्थापना की। उनका मुख्य उद्देश्य लोगों के मन से भूत-प्रेत का डर निकालना और अंधविश्वास को खत्म करना था। वह जल्द ही घोस्ट हंटर के नाम से मशहूर हो गए। इस दौरान उन्होंने लगभग अपनी टीम के साथ 6 हजार से भी ज्यादा लोकेशन पर जांच की और हमेशा वैज्ञानिक तरीके से स्पष्टीकरण दिया। वह एमटीवी के गर्ल्स होस्ट शो के भी हिस्सा रहे और उन्होंने कई ऐसी जगहों पर राते गुजारी जहां लोग भूत या फिर आत्मा के होने का दावा करते थे।

क्या की थी भूतों पर PHD?

गौरव तिवारी को लेकर लोगों में एक ऐसी भी अफवाह है कि उनके पास भूतों पर डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी (PHD) की डिग्री थी। जबकि ऐसा नहीं था। उनके पास इसके अलावा अन्य कई डिग्री थी। जिनमें पायलट प्रशिक्षण और मेटाफिजिकल चर्च ऑफ ह्यूमन स्टिक साइंस (MCHS) की डिग्री शामिल है। वह भूत और प्रेत होने की संभावना वाली जगहों पर जाते थे और उसका वैज्ञानिक तरीके से स्पष्टीकरण करते थे। हालांकि उन्होंने भूतों पर कभी पीएचडी नहीं की।

कैसे हुई मौत ?

7 जुलाई साल 2016 द्वारका स्थिति उनके आवास पर एक ऐसा हादसा हुआ, जो हमेशा सवालों में उलझा रहा। इस दिन गौरव तिवारी का शव बाथरूम में फर्श पर पड़ा मिला। गर्दन पर एक काला निशाना था। परिजनों के अनुसार सुबह 11 बजे के आसपास वह बाथरूम में गए थे। इसके बाद कभी बाहर नहीं आए। पत्नी दरवाजा तोड़ा तो देखा कि फर्श पर गौरव का शव पड़ा है।

शुरूआती रिपोर्ट्स में इसे आत्महत्या माना गया। परिवारों का कहना कि मौत से पहले उन्होंने अपनी पत्नी से कहा था कि कोई नकारात्मक शक्ति उन्हें अपनी ओर खींच रही है। उनका मानना है कि गौरव की मौत किसी नकारात्मक ताकत की वजह से हुई है। हालांकि इस बात की कभी पुष्टी नहीं हुई। वहीं पुलिस ने इसे आत्महत्या माना। भले ही उनकी फाइल आज बंद कर दी गई है। लेकिन सवाल आज भी जिंदा है कि मौत कैसे हुई।

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