Panchayat 4 Review: फुलेरा की कहानी का धमाल, आखिरी एपिसोड में जो हुआ, वो कोई सोच भी नहीं सकता!
Panchayat Season 4 का गहराई से रिव्यू पढ़ें। जानिए क्या अभिषेक त्रिपाठी, प्रधान जी और फुलेरा की टीम ने इस सीज़न में भी वही जादू दोहराया? कहानी, एक्टिंग और इमोशन का पूरा विश्लेषण।
पंचायत सीजन 4 प्राइम वीडियो पर 24 जून से स्ट्रीम हो रहा है।
रेटिंग: ⭐⭐⭐⭐☆ (4/5)
निर्देशक: दीपक कुमार मिश्रा
लेखक: चंदन कुमार
स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म: Amazon Prime Video
कुल एपिसोड: 8
Panchayat 4 X Review: लोकप्रिय वेब सीरीज ‘पंचायत’ अपने चौथे सीजन के साथ फिर से दर्शकों के बीच लौट आई है। जितेंद्र कुमार, नीना गुप्ता और पूरी फुलेरा टीम के साथ यह सीजन 24 जून की रात रिलीज हुआ, जिसने फैंस के बीच जबरदस्त क्रेज पैदा कर दिया है। सोशल मीडिया पर दर्शकों ने नए सीजन के बारे में अपने रिव्यूज देने शुरू कर दिए हैं और साफ हो गया है कि पंचायत अब भी उनकी पसंदीदा सीरीज बनी हुई है।
राजनीति बनी इस सीजन की कहानी
इस बार की कहानी सीधे स्थानीय चुनावों की पृष्ठभूमि पर आधारित है, जहा फुलेरा गांव में मंजू देवी और क्रांति देवी के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिलती है। यह सिर्फ चुनावों की लड़ाई नहीं, बल्कि लोगों की भावनाओं, जज़्बातों और गांव की असली ज़िंदगी का चित्रण भी है।
एक दर्शक ने लिखा, "पूरा सीजन देख लिया और कहना पड़ेगा कि पंचायत 4 उतना ही दिल छू लेने वाला और जुड़ाव वाला है जितने इसके पिछले सीजन रहे। इस बार कॉमेडी, इमोशन और गहरे ड्रामे का बेहतरीन मिश्रण है, जिसमें मंजू देवी और क्रांति देवी की राजनीतिक जंग को खूबसूरती से दिखाया गया है। गांव की राजनीति की जटिलताओं और अनकहे भावों को यह सीजन बड़े ही संवेदनशील अंदाज में पेश करता है।"
जबरदस्त कास्ट का कमाल
फुलेरा की कहानी में वही पुराने चेहरे वापसी करते हैं जिन्होंने दर्शकों के दिलों में अपनी जगह बनाई है। जितेंद्र कुमार, नीना गुप्ता, रघुबीर यादव, संविका, चंदन रॉय, दुर्गेश कुमार, अशोक पाठक, फैसल मलिक, सुनिता राजवार और पंकज झा ने अपनी बेहतरीन अदाकारी से इस सीजन को और भी जीवंत बना दिया है।
पंचायत सीजन 4 ने दर्शकों को फिर से अपने गांव की राजनीति, सामाजिक मसलों और रिश्तों के जटिल भावों में खो जाने का मौका दिया है। इस सीजन की कहानी में कॉमेडी और संवेदनशीलता का ऐसा मिश्रण है जो सभी उम्र के दर्शकों को बांधकर रखता है।
क्या कुछ नया था इस सीज़न में?
- राजनीति और प्रशासन की गहराई में झांकने का मौका मिला।
- कुछ सीन बहुत ही भावुक कर देने वाले हैं- खासकर प्रह्लाद जी का ट्रैक।
- पंचायत भवन की गतिविधियों में असली भारत की झलक।
कमजोर कड़ियां
- कुछ सबप्लॉट्स थोड़े खिंचे हुए लगते हैं।
- प्रेम कहानी की दिशा थोड़ी अस्पष्ट रही।
निष्कर्ष: देखना चाहिए या नहीं?
अगर आप पंचायत के फैन हैं, तो ये सीज़न मिस नहीं करना चाहिए। ये सीज़न इमोशन्स, व्यंग्य और सादगी का बेहतरीन मेल है। छोटे कस्बों की बड़ी कहानियों को देखने का असली मज़ा है इसमें।
सोशल मीडिया रिएक्शन
- "पंचायत 4 का आखिरी सीन… आंखों में आंसू और दिल में फुलेरा बस गया 💔🌾"
- "अरे यार, प्रह्लाद चाचा का ट्रैक इस बार तो सीधा दिल में लग गया... कौन काट रहा है प्याज 😢"
- "जितेंद्र कुमार ने फिर से दिल जीत लिया! अभिषेक त्रिपाठी बनकर ये बंदा हर बार रुला देता है ❤️"
- "पंचायत देख रहा था, लगा जैसे अपने गांव की कहानी चल रही है... इतना रियल, इतना प्योर 🙏"
- "नीना गुप्ता और रघुबीर यादव की जोड़ी ने तो इस बार राजनीति को इमोशन में बदल दिया!"
- "पंचायत 4 = स्माइली भी, आंसू भी, तालियां भी… बस अब सीज़न 5 कब आएगा, भगवान जाने!"
- "Amazon Prime को नमस्कार 🙏- ऐसी सीरीज़ बनाने के लिए जो पूरे देश को जोड़ दे!"