Palak Tiwari: लैक्मे फैशन वीक में पलक तिवारी का नया अंदाज, स्टेज पर मचा दी धूम

Palak Tiwari: लैक्मे फैशन वीक में पलक तिवारी का यंग और स्टाइलिश लुक छाया, जहां परंपरा और आधुनिकता का सुंदर मेल दिखने को मिला।

Updated On 2025-10-10 12:05:00 IST

पलक तिवारी का रेड कार्पेट लुक (viralbhayani)

Palak Tiwari: कभी रंगों का खेल, कभी परिधान की बुनावट, तो कभी नए चेहरों की चमक। इस बार लैक्मे फैशन वीक एक्स एफडीसीआई के पहले दिन जब पलक तिवारी उतरीं, तो मानो मंच पर यंग फैशन दिखाई दिया। उन्होंने अपने अनोखे अंदाज से न सिर्फ दर्शकों का दिल जीता, बल्कि खूबसूरत रंगों में ढलकर एक नई पहचान दी।

पलक तिवारी का रनवे लुक

पलक तिवारी ने "द रनवे बाय एनआईएफ ग्लोबल" के लिए शोस्टॉपर के रूप में रैंप वॉक किया था। उनकी ड्रेस को हेन्सी पटेल ने डिजाइन किया था। पालक का यह लुक एकदम हटकर और प्रयोगात्मक था। उन्होंने मिनी स्कर्ट, टॉप, सफेद शर्ट और टाई पहनकर फैशन को एक नया आयाम दिया। उनके लुक में सबसे आकर्षक हिस्सा था कढ़ाईदार कमरबंद और उससे मेल खाता हैंडबैग, जो इस पूरे परिधान में अलग बना रहा था।

हर राज्य से जुड़ी थी एक कहानी

इस शो में भारत के अलग-अलग हिस्सों की कलाओं को खूबसूरती से पेश किया गया था। बंगाल की कढ़ाई कांथा से लेकर गुजरात की मोतियों की कला तक, राजस्थान की रजाई कला से लेकर कच्छ की कढ़ाई तक सबकुछ एकसाथ देखा गया। इन सभी परिधानों में आधुनिक कट्स और स्टाइल के साथ-साथ पारंपरिक बुनावट का जादू भी देखने को मिला। यही इस फैशन शो की सबसे बड़ी खूबी रही।

राजस्थान की रजाई में फैशन का ट्विस्ट

मुंबई की डिजाइनर जेनिका नाहर ने अपने कलेक्शन "रिवाज रिकोडेड" में राजस्थान की रजाई कला को आधुनिक फैशन में ढाला। इस कलेक्शन में ओवरसाइज जैकेट, पफर स्टाइल स्कर्ट और रंग-बिरंगे लेहरिया प्रिंट्स का शानदार मेल देखने को मिला। इन परिधानों ने दिखाया कि कैसे पुरानी कलाओं को नई सोच और तकनीक से आधुनिक रूप दिया जा सकता है। यह कलेक्शन उन युवाओं के लिए था जो अपने पारंपरिक लुक में भी ट्रेंड का तड़का लगाना पसंद करते हैं।


कच्छ की कढ़ाई और गुजराती शान

सूरत की डिजाइनर माहेक जारिवाला ने अपने कलेक्शन "धरोहऱ" में कच्छ की कढ़ाई को केंद्र में रखा। उन्होंने अजरख प्रिंट और गजी सिल्क को मिलाकर प्रवाहमयी, त्योहारी और खूबसूरत परिधानों की श्रृंखला बनाई।

परंपरा और भविष्य का संगम

लैक्मे फैशन वीक का यह मंच इस बात का प्रमाण था कि भारतीय डिजाइनर अब केवल कपड़े नहीं, बल्कि भावनाएं, इतिहास और विचार प्रस्तुत कर रहे हैं। पालक तिवारी जैसे युवा चेहरों की मौजूदगी इस बदलाव को और भी जीवंत बनाती है। उनका आत्मविश्वास, आधुनिक स्टाइल और भारतीयता से जुड़ा दृष्टिकोण फैशन को नई दिशा दे रहा है।

लैक्मे फैशन वीक एक्स एफडीसीआई का यह शो सिर्फ कपड़ों की प्रदर्शनी नहीं था, बल्कि भारतीय विरासत की एक नई व्याख्या थी। इसलिए पलक तिवारी ने अपने अंदाज से दिखा दिया कि भारतीय फैशन अब सीमाओं से परे जाकर परंपरा और आधुनिकता का मेल बन रहा है। इस बार के रैंप पर सिर्फ कपड़े नहीं चले, बल्कि यादें, कला और नयापन देखते को मिला। 

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