'वो लेखक नहीं, सिर्फ फिल्मों से नकल करते थे': FIR राइटर अमित आर्यन का सलीम-जावेद पर बड़ा आरोप

सलीम खान और जावेद अख्तर की जोड़ी को हिंदी सिनेमा में आइकॉनिक जोड़ी माना जाता है। लेकिन हाल ही में FIR लेखक अमित आर्यन ने उन पर आरोप लगया हैं कि वो अच्छे लेखक नहीं थे और वह दूसरी फिल्मों से चोरी करते थे। 

Updated On 2024-10-06 12:50:00 IST
'वो लेखक नहीं, सिर्फ फिल्मों से नकल करते थे': FIR राइटर अमित आर्यन का सलीम-जावेद पर बड़ा आरोप

 FIR Writer Amit Aryan: बॉलीवुड के जाने-माने लेखक सलीम खान और जावेद अख्तर की जोड़ी को हिंदी सिनेमा में आइकॉनिक जोड़ी माना जाता है। दिग्गज लेखकों ने शोले, जंजीर, दीवार और डॉन जैसी शानदार फिल्में लिखी हैं। लेकिन इसी बीच एफआईआर राइटर अमित आर्यन ने उनको लेकर चौंकाने वाला खुलासा किया है। साथ ही सलीम-जावेद आरोप लगाया है कि वह दूसरी फिल्मों से चोरी करते थे। 

FIR राइटर अमित आर्यन ने सलीम-जावेद पर लगाया आरोप
दरअसल, हाल ही में अमित आर्यन ने 'डिजिटल कमेंट्री' दिए एक इंरव्यू में कहा कि, सलीम-जावेद की हर फिल्म फ्रेम टू फ्रेम कॉपी होती है और वो दोनों लेखक नहीं हैं क्योंकि वो सिर्फ अन्य फिल्मों की चीजों की नकल करते रहते थे। वो एक अच्छे सेल्समैन थे।

अमित आर्यन आगे कहा कि, 'उनकी फिल्म 'शोले' रिलीज हुई थी, जिसकी कहानी एक व्यक्ति के बारे में है। उसके हाथ डाकू ने काट दिए हैं। उसकी फैमिली को मार दिया था, तो उसे बदला लेना है। वो एक आदमी की मदद से बदला लेना चाहता है। यह फिल्म 1975 में रिलीज हुई थी और इसके ठीक पहले 'मेरा गांव मेरा देश' नाम की एक फिल्म आई थी। विनोद खन्ना ने डाकू का किरदार निभाया था और उनका नाम जब्बर सिंह था।'

'दोनों अच्छा कारोबार करना जानते थे'
उन्होंने आगे कहा कि लेखक की दूसरी मशहूर फिल्म दीवार का क्लाइमेक्स दिलीप कुमार की गंगा जमुना जैसा ही था और शक्ति के लिए तो उन्होंने अपनी ही फिल्म की नकल की। ​ये दोनों ही बहुत अच्छे से जानते थे कि कैसे अच्छा कारोबार करना है। इसलिए, अमित के अनुसार, उन्हें अच्छा सेल्समैन कहा जा सकता है जो फिल्म का वर्णन कर सकते थे और अच्छा कारोबार कर सकते थे।

22 फिल्मों में साथ काम कर चुके हैं सलीम- जावेद
आपको बता दें, सलीम खान और जावेद अख्तर ने 22 बॉलीवुड फिल्मों में एक साथ काम किया है। जिसमें से यादों की बारात, त्रिशूल, काला पत्थर, दोस्ताना, सीता और गीता और मिस्टर इंडिया के साथ-साथ दो कन्नड़ फिल्में भी शामिल थीं। हालांकि, सलीम-जावेद ने 1982 में अलग होने का फैसला किया और फिर अलग- अलग फिल्मों का लेखन करने लगे। 

Similar News