IHME Report: दुनियाभर में लाखों बच्चे यौन हिंसा के शिकार, अमेरिकन यूनिवर्सिटी के अध्ययन में सामने आए चौकाने वाले आंकड़े 

IHME Report: अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ वाशिंगटन स्कूल ऑफ मेडिसिन के इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ मेट्रिक्स एंड इवैल्यूएशन (IHME) ने रिसर्च रिपोर्ट जारी की है।

Updated On 2025-05-08 20:29:00 IST
जींद में महिला के साथ यौन शोषण मामले में केस दर्ज। 

IHME Report: योन उत्पीड़न भारत ही नहीं बल्कि यह विश्वव्यापी समस्या है। दुनियाभर में लाखों बच्चे यौन हिंसा के शिकार होते हैं। एक अमेरिकन यूनिवर्सिटी के अध्ययन के मुताबिक, हर 5वीं महिला को यौन हिंसा का सामना करना पड़ता है। ज्यादातर घटनाएं किशोरावस्था में होती हैं।

अमेरिका के सिएटल में यूनिवर्सिटी ऑफ वाशिंगटन स्कूल ऑफ मेडिसिन के इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ मेट्रिक्स एंड इवैल्यूएशन (IHME) के शोध में पता चला यौन उत्पीड़न की घटनाएं बचपन में ज्यादा होती हैं। रिपोर्ट के अनुसार, 67 प्रतिशत महिलाओं और 72 प्रतिशत पुरुषों ने इस बार को स्वीकार किया है कि पहली बार यौन हिंसा 18 वर्ष की आयु से पहले हुई है। 

12 वर्ष से कम उम्र में 14% घटनाएं 
रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि 42 प्रतिशत महिलाओं और 48 प्रतिशत पुरुष 16 वर्ष की आयु से पहले यौन दुर्व्यहार का शिकार हुए हैं। 8 प्रतिशत महिलाओं और 14 प्रतिशत पुरुषों ने बताया कि उनके साथ 12 वर्ष की उम्र से पहले यह अत्याचार हुआ है। 

पांच में से 1 महिला हिंसा की शिकार 
द लैंसेट पत्रिका ने गुरुवार (8 मई) के अंक में इस रिपोर्ट को विस्तार से प्रकाशित किया है। जिसमें बताया, दुनिया भर में लोग यौन उत्पीड़न के शिकार हो रहे हैं। 20 वर्ष या उससे अधिक उम्र की हर पांच में से 1 महिला और 7 में से एक पुरुष 15 वर्ष या उससे भी कम उम्र में यौन हिंसा का सामना करता है। 

यौन हिंसा नियंत्रण के लिए सख्त कदम जरूरी 
IHME में प्रोफेसर डॉ. इमैनुएला गाकिडो ने कहा, बच्चों के खिलाफ यौन हिंसा एक मानवाधिकार और सार्वजनिक स्वास्थ्य का मुद्दा है। दुनिया इसे समाप्त करने में स्पष्ट रूप से विफल हो रही है। इतनी कम उम्र में यौन हिंसा का सामना करने वाले पीड़ितों का अनुपात बेहद चिंताजनक है। इस पर नियंत्रण के लिए सख्त कदम उठाए जाने जरूरी हैं। 
 
पहली बार कब हुआ यौन हिंसा से सामना 
प्रोफेसर गाकिडो ने बताया, यह विश्लेषण नवीनतम वैश्विक रोग बोझ अनुसंधान पर आधारित है। इसमें 1990 से 2023 तक 204 स्थानों पर हुई घटनाओं को शामिल किया गया है। आयु और लिंग के आधार पर आंकड़े जुटाए गए हैं। लोगों से पूछा गया कि पहली बार वह कब और कैसे उनके साथ यह हिंसा हुई। 

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