Share Market Today: 14 माह बाद नए आलटाइम हाई पर पहुंचा निफ्टी 50, सेंसेक्स ने भी बनाया हाई का नया रिकार्ड
भारतीय शेयर बाजार में गुरुवार को सुबह के कारोबार में तेजी देखने को मिली। इस दौरान एनएसई के निफ्टी और सेंसेक्स ने रिकॉर्ड हाई बना डाला। आज की तेजी के पीछे कौन तीन मुख्य वजहें हैं, जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर...
(एपी सिंह) मुंबई। भारतीय शेयर बाजार में गुरुवार को भी तेजी देखने को मिली, जिसमें निफ्टी ने 14 माह बाद नया सर्वकालिक रिकॉर्ड हाई बना लिया, जबकि सेंसेक्स ने रिकॉर्ड ऊंचाई हासिल कर ली। बीएसई का बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स सुबह 10.19 बजे के आसपास 309.75 अंक या 0.36 % बढ़त के साथ 85,919.26 के स्तर पर ट्रेड कर रहा है, जबकि एनएसई का निफ्टी 72.80 अंक या 0.28% बढ़त के साथ 26,278.10 पर है। इससे पहले निफ्टी ने 26,306.95 के स्तर को छू कर आल टाइम हाई का 14 माह पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया। आज की तेजी की वजह कई कारणों से आई है। जिनमें एफआईआई यानी विदेशी निवेशकों की भारी खरीदारी, अमेरिका और भारत दोनों में ब्याज दरों में संभावित कटौती की उम्मीदें और सकारात्मक वैश्विक संकेत।
एफआईआई ने खरीदारी बढ़ाई
इन तीनों वजहों ने मिलकर निवेशकों के सेंटीमेंट को मजबूती दी, जिसकी वजह से निफ्टी और सेंसेक्स दोनों में तेजी देखने को मिली। निफ्टी सुबह के कारोबार में पिछले रिकॉर्ड हाई 26,277.35 (सितंबर 2024) को पार करता हुआ 26,306.95 नए रिकॉर्ड स्तर तक पहुंच गया। इस तेजी में बाजाज फाइनेंस, श्रीराम फाइनेंस, एशियन पेंट्स, बजाज फिनसर्व और एलएंडटी जैसे दिग्गज शेयरों ने 2% तक की मजबूती दिखाई। बाजार की इस बढ़त का पहला बड़ा कारण है एफआईआई की लगातार खरीदारी रही है। बुधवार को एफआईआई ने लगभग 4,778 करोड़ रुपए के शेयर खरीदे, जबकि मंगलवार को भी उन्होंने खरीदारी की थी।
रेट कट की संभावना ने बढ़ाया निवेश
जब विदेशी निवेशक भारतीय बाजार में पैसा लगाते हैं, तो इससे बाजार में तरलता बढ़ती है और विश्वास भी मजबूत होता है। यह बाजार को ऊपर ले जाने वाला सबसे प्रभावी कारक माना जाता है। दूसरा महत्वपूर्ण पहलू है ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें। अमेरिका के फेडरल रिजर्व के दिसंबर में दरें घटाने की संभावनाओं ने बाजार को उत्साहित किया है। भारत में भी अगले सप्ताह आरबीआई की पॉलिसी बैठक से पहले रेट-सेंसिटिव सेक्टर्स-जैसे बैंकिंग, फाइनेंस और रियल एस्टेट-में मजबूत खरीदारी देखने को मिली। जब दरें घटती हैं, तो कंपनियों के लिए उधार लेना सस्ता होता है, जिससे उनके मुनाफे बढ़ने की उम्मीद रहती है और निवेशक शेयर खरीदने लगते हैं।
सकारात्मक वैश्विक संकेतों ने दिया सहारा
तीसरा कारण है सकारात्मक वैश्विक संकेत। एशियाई बाजारों में तेजी इसलिए दिखी क्योंकि फेडरल रिजर्व के रेट कट की संभावना 30% से बढ़कर 85% तक पहुंच गई है। वैश्विक बाजार जब मजबूत होते हैं, तो भारतीय बाजारों पर भी इसका सकारात्मक असर पड़ता है। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के अजय चौरे का मानना है कि निफ्टी में अभी और ऊपर जाने की संभावना है, लेकिन वह आगाह करते हैं कि अगर यह 26,098 के ऊपर टिक नहीं पाया, तो मुनाफावसूली शुरू हो सकती है। फिलहाल, बाजार का मूड सकारात्मक है और निवेशक भरोसे के साथ खरीदारी करते दिखाई दे रहे हैं।