GST Council Meeting: 175 सामानों पर जीएसटी घटाने की तैयारी, निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में बैठक शुरू
GST Council Meeting 2025: 175 सामानों पर GST घटाने और नए टैक्स स्लैब लागू करने की तैयारी। जानें किस पर मिलेगा फायदा और किस पर बढ़ेगा टैक्स।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जीएसटी परिषद की 56वीं बैठक की अध्यक्षता कर रही हैं।
GST Council Meeting: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में बुधवार, 3 सितंबर को जीएसटी परिषद की 56वीं बैठक की अध्यक्षता कर रही हैं। इस बैठक में GST सुधार (GST Reforms) को अमलीजामा पहनाया जा सकता है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस बैठक में 175 सामानों और सेवाओं पर GST घटाने के प्रस्ताव पर चर्चा होगी। साथ ही, मौजूदा चार स्लैब (5%, 12%, 18%, 28%) को घटाकर दो स्लैब (5% और 18%) करने की तैयारी है। वहीं महंगे और 'सिन गुड्स' (Luxury/Sin Goods) के लिए 40% का अलग टैक्स स्लैब भी लाने पर विचार हो रहा है।
क्या है प्रस्ताव?
- 5% GST स्लैब: टूथपेस्ट, साबुन, शैम्पू, रेडी-टू-ईट फूड्स, बटर, चीज़, स्नैक्स, चटनी और ज्यादातर खाने-पीने व कपड़े के सामान।
- 18% GST स्लैब: टीवी, AC, रेफ्रिजरेटर, वॉशिंग मशीन, सीमेंट और अन्य इलेक्ट्रॉनिक सामान (पहले इन पर 28% टैक्स लगता था)।
- 40% GST स्लैब: लक्ज़री कारें, 350cc से ऊपर की बाइकें, तंबाकू और महंगे प्रोडक्ट्स।
ऑटो सेक्टर पर असर
- छोटी पेट्रोल और हाइब्रिड कारें (1200 cc तक) अब 18% GST स्लैब में आ सकती हैं (पहले 28% था)।
- महंगी इलेक्ट्रिक कारों (₹20-40 लाख) पर GST 5% से बढ़कर 18% हो सकता है।
- दोपहिया वाहन इंडस्ट्री की लंबे समय से मांग थी कि GST 28% से घटाकर 18% किया जाए। यह राहत मिल सकती है।
- लेकिन 350cc से ऊपर की बाइक पर 40% टैक्स लगाने का प्रस्ताव है, जिससे रॉयल एनफील्ड और बजाज जैसी कंपनियों को नुकसान हो सकता है।
आम जनता को क्या होगा फायदा?
- रोजमर्रा के सामान जैसे साबुन, शैम्पू, टूथपेस्ट और खाद्य पदार्थ सस्ते हो जाएंगे।
- इलेक्ट्रॉनिक सामान जैसे टीवी, AC, वॉशिंग मशीन और सीमेंट खरीदना भी सस्ता होगा।
- गाड़ियों और टू-व्हीलर्स की कीमतों में कमी आ सकती है।
- महंगे इलेक्ट्रिक व्हीकल्स और लक्जरी बाइक-कारें खरीदना महंगा हो जाएगा।
क्यों जरूरी हैं GST सुधार?
प्रधानमंत्री मोदी ने 15 अगस्त को लालकिले से देश को संबोधित करते हुए कहा था कि भारत को नए GST ढांचे (GST reforms India) की जरूरत है। दरअसल, हाल ही में अमेरिका ने भारत पर 50% टैरिफ (Import Duty) लगाया है, जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था पर दबाव बढ़ा है। ऐसे में GST सुधार एक तरह का कुशन माने जा रहे हैं, जो उपभोक्ताओं की जेब पर असर डालते हुए अर्थव्यवस्था को सहारा देंगे।
SBI Research के मुताबिक, GST सुधारों से अगले 12 महीनों में भारत की GDP में 0.60% तक की बढ़त हो सकती है। वहीं, महंगाई (Retail Inflation) में भी 20-25 बेसिस पॉइंट की कमी आ सकती है।
कितना होगा राजस्व नुकसान?
विशेषज्ञों का मानना है कि GST दरों में कटौती और स्लैब घटाने से सरकार को बड़े पैमाने पर राजस्व का नुकसान उठाना पड़ सकता है। अनुमान के अनुसार, सालाना करीब ₹60,000 करोड़ से ₹1.7 लाख करोड़ तक का घाटा हो सकता है। हालांकि, सरकार इस घाटे को आंशिक रूप से GST Compensation Cess Fund से पूरा कर सकती है, जिसमें मार्च 2026 तक ₹45,581 करोड़ का सरप्लस होगा। साथ ही, टैक्स कम होने से लोगों की खपत बढ़ेगी, जिससे धीरे-धीरे सरकार की कमाई भी फिर से बढ़ सकती है।
राज्यों के लिए मुआवजा मैकेनिज्म
GST काउंसिल राज्यों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए नए कंपनसेशन मैकेनिज्म पर भी विचार कर रही है। इसमें सिन गुड्स पर लगने वाले 40% टैक्स से होने वाली कमाई और मुआवजा फंड का इस्तेमाल किया जा सकता है।