UAN Facial Authentication: EPFO का नया फेस ऑथेंटिकेशन नियम, कर्मचारियों पर क्या असर होगा?

1 अगस्त से नया UAN आधार-आधारित फेस ऑथेंटिकेशन से ही बनेगा। मौजूदा कर्मचारियों पर इसका असर नहीं होगा लेकिन नए कर्मचारियों को UMANG ऐप का इस्तेमाल करना होगा।

Updated On 2025-08-16 13:18:00 IST

ईपीएफओ न्यू फेस ऑथेंटिकेशन रूल अमल में आया है। 

EPFO’s New Facial Authentication Rule: कर्मचारियों की सुविधाओं और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कर्मचारी भविष्य निधि संगठन यानी ईपीएफओ ने यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (UAN) जनरेट करने का नया नियम लागू कर दिया। अब 1 अगस्त से नया UAN केवल आधार-आधारित फेस ऑथेंटिकेशन टेक्नोलॉजी (FAT) के जरिए ही बनेगा। ईपीएफओ ने 30 जुलाई को जारी सर्कुलर में साफ कर दिया कि अब नया UAN जनरेट करने के लिए फेस ऑथेंटिकेशन ज़रूरी है।

यूएएन हर कर्मचारी को मिलने वाला 12 अंकों का एक यूनिक आईडी नंबर है। इसके बिना कर्मचारी अपने पीएफ बैलेंस की जानकारी, एडवांस क्लेम जमा करने या निकालने जैसी सर्विसेस का लाभ नहीं ले पाते। यानी नौकरी बदलने पर पीएफ खातों को लिंक करने से लेकर पीएफ ट्रांसफर तक हर काम के लिए यूनिवर्सल अकाउंट नंबर होना ज़रूरी है।

नया नियम किन पर लागू होगा?

नया फेस ऑथेंटिकेशन नियम केवल नए कर्मचारियों पर लागू होगा। यानी जो भी नया कर्मचारी PF से जुड़ेगा, उसका यूएएन अब आधार आधारित FAT के ज़रिए बनेगा। मौजूदा कर्मचारियों पर इसका असर नहीं पड़ेगा। वहीं, इंटरनेशनल वर्कर्स और नेपाल-भूटान के नागरिकों के लिए अभी भी नियोक्ता आधारित UAN जनरेशन की सुविधा पहले की तरह जारी रहेगी।

नए कर्मचारियों को ध्यान रखना होगा कि यह प्रक्रिया केवल उमंग ऐप के ज़रिए ही पूरी होगी। यह ऐप केंद्र और राज्य सरकार की कई योजनाओं की सेवाएं एक ही प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कराता है।

कंपनियों और कर्मचारियों की चिंता

इस नियम से सबसे ज़्यादा असर उन स्टाफिंग कंपनियों पर पड़ सकता है, जो मल्टीनेशनल कंपनियों को मैनपावर सप्लाई करती हैं। इंडियन स्टाफिंग फेडरेशन (ISF) ने ईपीएफओ को बताया है कि बड़ी संख्या में कर्मचारियों के आधार से मोबाइल नंबर लिंक नहीं हैं। ऐसे में फेस ऑथेंटिकेशन से UAN बनवाना मुश्किल हो सकता है।

साथ ही, कई बार अलग-अलग मोबाइल मॉडल और कैमरा क्वालिटी की वजह से फेस ऑथेंटिकेशन सही तरीके से काम नहीं करता। ऐसे में कर्मचारियों को बार-बार कोशिश करनी पड़ सकती है।

सरकार का मकसद

ईपीएफओ का कहना है कि यह कदम UAN जनरेशन को ज्यादा सटीक और गड़बड़ी रहित बनाने के लिए उठाया गया है। यानी भविष्य में कर्मचारियों को गलत जानकारी या डुप्लीकेट अकाउंट जैसी परेशानियों से काफी हद तक छुटकारा मिल जाएगा।

(प्रियंका कुमारी)

Tags:    

Similar News