5 लाख रुपये निवेश प्लान: SIP बेहतर या एकमुश्त? जानें कौन देता है ज्यादा रिटर्न; किसमें रिस्क ज्यादा

SIP vs Lump Sum investment: 5 लाख रुपये निवेश में एसआईपी और एकमुश्त दोनों विकल्प फायदेमंद हैं। बाजार तेजी में हो तो एकमुश्त निवेश ज्यादा रिटर्न दे सकता है। वहीं, एसआईपी निवेशकों को जोखिम कम करने और संतुलन बनाने का अवसर देता है।

Updated On 2025-09-18 17:30:00 IST

SIP Or Lump Sum: किसमें मिलेगा बेहतर रिटर्न। 

SIP vs Lump Sum investment: निवेश को लेकर अक्सर लोग इस पसोपेश में रहते हैं कि अगर उनके पास 5 लाख रुपये जैसी बड़ी रकम हो तो क्या उसे एक साथ निवेश किया जाए, जिसे लंपसंप कहते हैं या फिर धीरे-धीरे जिसे सिस्टमैटिक इंवेस्टमेंट प्लान यानी एसआईपी के जरिए लगाया जाए।

दोनों के अपने फायदे और जोखिम हैं, और फैसला काफी हद तक आपके वित्तीय लक्ष्य और जोखिम उठाने की क्षमता पर निर्भर करता है।

एकमुश्त निवेश का क्या फायदे और नुकसान

अगर कोई निवेशक पूरे 5 लाख रुपये एक बार में म्यूचुअल फंड या किसी और निवेश विकल्प में लगाता है, तो इसका फायदा यह होता है कि पूरा पैसा तुरंत काम करना शुरू कर देता है। अगर बाजार तेजी में है तो रिटर्न भी ज्यादा मिल सकता है।

उदाहरण के तौर पर, अगर कोई 5 लाख रुपये को 12% सालाना रिटर्न वाले फंड में 5 साल के लिए लगाता है तो यह रकम बढ़कर लगभग 8.81 लाख रुपये हो सकती है। यानी एकमुश्त निवेश बाजार में स्थिरता और तेजी की स्थिति में बेहतर रिटर्न दे सकता है। हालांकि, बाजार में अस्थिरता होने की सूरत में इसमें रिस्क ज्यादा होता है। 

एसआईपी इंवेस्टमेंट का क्या फायदा?

SIP में निवेशक हर महीने एक तय रकम लगाता है। यह तरीका उन लोगों के लिए बेहतर है जो धीरे-धीरे निवेश करना चाहते हैं और बाजार की अनिश्चितता से बचना चाहते हैं और अपने रिस्क को समय के हिसाब से बांट लेना चाहते हैं।

मान लीजिए, 12% सालाना रिटर्न (यानि 1% मासिक) वाले फंड में कोई 5 साल तक SIP करता है। अगर उतना ही रिटर्न पाना है जितना कि 5 लाख के एकमुश्त निवेश यानी लंपसंप में मिलता है, तो निवेशक को हर महीने करीब 10700 रुपये SIP करनी होगी।

इस तरह एसआईपी जोखिम को बांटने में मदद करता है लेकिन अगर बाजार लगातार ऊपर जा रहा हो तो एकमुश्त निवेश के मुकाबले रिटर्न थोड़ा कम हो सकता है।

कौन सा तरीका सही है?

अगर बाजार स्थिर है और बढ़त की संभावना है, साथ ही आपकी रिस्क लेने की क्षमता ज्यादा है, तो एकमुश्त निवेश बेहतर विकल्प हो सकता। वहीं, अगर आप धीरे-धीरे निवेश करना चाहते हैं और बाजार की गिरावट से घबराते हैं, तो एसआईपी ज्यादा सुरक्षित विकल्प है।

नतीजा यह है कि चुनाव पूरी तरह आपके निवेश लक्ष्यों और जोखिम उठाने की मानसिकता पर निर्भर करता है। दोनों ही तरीकों के अपने फायदे हैं, बस समझदारी से सही विकल्प चुनने की जरूरत है।

(प्रियंका कुमारी)

(््disclaimer: ये न्यूज सामग्री सामान्य जानकारी के लिए है। हरिभूमि इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी तरह के निवेश प्लान को अमल में लाने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार या एक्सपर्ट्स से राय जरूर लें।)

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